इन दिनों वजन घटाने के लिए कई उपाय किये जाते हैं। डिटॉक्स टी से लेकर ट्रेंडी डाइट तक, कई उपाय अपनाए जा रहे हैं। इन दिनों वजन घटाने के लिए लैक्सेटिव का प्रयोग भी महिलाएं खूब कर रही हैं। इसका लगातार उपयोग करने से पहले हमें इसके बेनेफिट्स और साइड इफेक्ट की भी अच्छी तरह जांच करनी होगी। एक्सपर्ट बताते हैं कि यह लोकप्रिय तरीका तो है, लेकिन इसके कुछ साइड इफेक्ट (Laxative Side Effects) भी हैं।
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हेल्थ के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज बताते हैं, ‘हिंदी में जुलाब कहा जाने वाला लैक्सेटिव एक प्रकार की दवा है। इसका उपयोग मल को ढीला करने या बोवेल मूवमेंट को बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे कब्ज का इलाज किया जाता है। आहार संबंधी समस्याएं जैसे कि बहुत कम फाइबर, बहुत अधिक डेयरी प्रोडक्ट, कुछ दवाएं, जीवनशैली में बदलाव, तनाव, हाइपोथायरायडिज्म, आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome) जैसी चिकित्सीय स्थितियां कब्ज के लिए जिम्मेदार होती हैं। यदि बोवेल मूवमेंट के लिए बहुत अधिक जोर लगाया जाता है, तो यह पाइल्स या एनस प्रॉब्लम हो सकता है। लैक्सेटिव कब्ज दूर करने के लिए काम में लाये जाते हैं। ये आम तौर पर हानिरहित होते हैं।’
उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हेल्थ के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज के अनुसार, यदि वजन घटाने के लिए लैक्सेटिव या जुलाब का प्रयोग करती हैं, तो यह कारगर नहीं हो सकता है। वास्तव में इसके प्रयोग के बाद शरीर से पानी निकल जाता है। पानी के वजन को ही व्यक्ति खोता है। इस तरह से वजन कम होना अस्थायी है। वास्तव में इससे शरीर की वसा संरचना में कोई बदलाव नहीं आता है। इसके साथ चर्बी कम नहीं की जा सकती है। शरीर के वजन का संबंध एक्स्ट्रा मल से कहीं अधिक होता है। आहार, नियमित एक्सरसाइज, एक्टिव मेटाबोलिज्म, हार्मोन, आनुवंशिकी ली जा रही दवाओं जैसी चीज़ें वजन को घटाती और बढ़ाती हैं।
आम तौर पर स्टिमुलेंट लैक्सेटिव (Stimulant laxatives) का वजन घटाने के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह हार्ड होता है। इसलिए लंबे समय तक इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। आंत इसके प्रति हैबीचुएटेड हो सकता है, जिससे अधिक कब्ज हो सकता है। इससे प्राकृतिक रूप से मल त्याग करने की क्षमता कम हो जाती है। और अधिक से अधिक लैक्सेटिव की जरूरत पड़ने लगती है। स्टिमुलेंट लैक्सेटिव का प्रयोग केवल तभी करना चाहिए यदि कब्ज गंभीर है या अन्य लैक्सेटिव से आपको राहत नहीं मिली।
वजन कम करने के प्रयास में इसका लगातार उपयोग स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। लंबे समय तक रेचक या जुलाब या लैक्सेटिव (Laxative) का उपयोग आंत की परत को परेशान कर सकता है। यह सभी प्रकार की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण (Laxative causes Gastrointestinal Problems) बन सकता है। इससे डीहाइडरेशन और इलेक्ट्रोलाइट और मिनरल असंतुलन भी हो सकता है। कैल्शियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर के कई कार्यों के लिए जरूरी हैं।
असंतुलन से चक्कर आना, बेहोशी, धुंधली दृष्टि और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है । ये असंतुलन असामान्य हार्ट बीट, कमजोरी, इलूजन और दौरे जैसे लक्षण भी पैदा कर सकते हैं।ऑस्मोटिक लैक्सेटिव ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। यहां तक कि किडनी को भी स्थायी क्षति पहुंचा सकता है।
लैक्सेटिव वजन घटाने का सही उपाय नहीं हो सकता है। लैक्सेटिव से वजन कम तो नहीं हो सकता है, उल्टे नियमित उपयोग से स्वास्थ्य संबंधी साइड इफेक्ट जरूर हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें :- कॉन्स्टिपेशन, आपकी सेहत ही नहीं प्रोडक्टिविटी को भी कर सकती है प्रभावित, इन 5 प्रभावी तरीकों से करें इससे मुकाबला