किसी नए व्यायाम को करने से आपकी मांसपेशियों में हो रहा है दर्द, तो जानिए इससे छुटकारा पाने के उपाय

बहुत इंटेंस एक्सरसाइज के दौरान, आपकी मांसपेशियों के तंतुओं में सूक्ष्म दरारें दिखाई दे सकती हैं। एक्सरसाइज के बाद आपकी मांसपेशियों में दर्द और सोरनेस महसूस होना इन दरारों और उनके आस-पास सूजन के कारण होता है।
बहुत इंटेंस एक्सरसाइज के दौरान, आपकी मांसपेशियों के तंतुओं में सूक्ष्म दरारें दिखाई दे सकती हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक
Updated On: 12 Jul 2024, 08:30 am IST
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मांसपेशियों में दर्द आमतौर पर कसरत के तुरंत बाद के दिनों में बहुत ज़्यादा होता है, और एक्सरसाइज के किसी नए रूटीन के बाद तो और भी ज़्यादा। यह वाकई निराशाजनक और असुविधाजनक हो सकता है, तो, एक्सरसाइज के बाद होने वाले मांसपेशियों के दर्द से राहत पाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?

अच्छी खबर यह है कि एक्सरसाइज के बाद होने वाले दर्द को ठीक करने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि ठंड और गर्म से सेकना, या एप्सम सॉल्ट बाथ। इसके अलावा, आप अपनी मांसपेशियों को एक्सरसाइज से पहले और शारीरिक एक्टिविटी के दौरान भी ठीक करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि एक्सरसाइज के बाद होने वाला दर्द कम से कम हो।

वर्कआउट के बाद मांसपेशियों में दर्द क्यों होता है

बहुत इंटेंस एक्सरसाइज के दौरान, आपकी मांसपेशियों के तंतुओं में सूक्ष्म दरारें दिखाई दे सकती हैं। एक्सरसाइज के बाद आपकी मांसपेशियों में दर्द और सोरनेस महसूस होना इन दरारों और उनके आस-पास सूजन के कारण होता है।

muscles soreness ko kaise thik karein
मसल क्रैम्प्स होने के कई कारण हो सकते है। चित्र- अडोबी स्टॉक

व्यायाम के दौरान मांसपेशियों पर जो तनाव आता हैं, वह आपकी मांसपेशियों के तंतुओं को तोड़ देता है, जिससे आपके शरीर को मदद भेजने और क्षति की मरम्मत करने का संकेत मिलता है।

मांसपेशियों की रिकवरी की प्रक्रिया में इन सूक्ष्म दरारों की मरम्मत और नए प्रोटीन स्ट्रैंड का निर्माण शामिल है। जैसे-जैसे दरारें ठीक होती हैं, नए प्रोटीन स्ट्रैंड मजबूत होते हैं, जिससे अंततः बड़ी और मजबूत मांसपेशियां बनती हैं।

मांसपेशियों में दर्द को ठीक करने के लिए क्या करें (How to deal with muscle soreness)

1 सॉल्ट बाथ (salt bath)

दर्द वाली मांसपेशियों के इलाज के लिए एप्सम सॉल्ट बाथ आपकी मदद कर सकता है, क्योंकि एप्सम नमक (जिसे मैग्नीशियम सल्फेट भी कहा जाता है) दर्द को मैनेज करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

एप्सम सॉल्ट बाथ के दौरान हीट थेरेपी के साथ एप्सम सॉल्ट मांसपेशियों को आराम देने में मद कर सकते है, और मांसपेशियों के दर्द से होने वाले दर्द को कम कर सकता है।

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2 वार्म अप करना है जरूरी (Warm up)

व्यायाम से पहले अपनी मांसपेशियों को स्ट्रेच करने के लिए 10 से 15 मिनट का समय लें, कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें और उसके बाद आसान एरोबिक एक्टिविटी (धीमी जॉगिंग या तेज चलना) करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप उस दिन जिन मांसपेशियों को ट्रेन कर रहे हैं, उनमें अच्छी मात्रा में रक्त प्रवाह हो। मांसपेशियों को गर्म महसूस होना चाहिए, खासकर अगर आप ठंड के मौसम में दौड़ रहे हैं।

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तनाव भी मांसपेशियों के दर्द का कारण होता है. चित्र : एडॉबीस्टॉक

3 जो खा रहें है उस पर ध्यान दें (Eat well)

आपके शरीर को मांसपेशियों की मरम्मत के लिए प्रोटीन, अगले वर्कआउट के लिए कार्बोहाइड्रेट और जोड़ों को चिकना करने के लिए हेल्दी फैट की आवश्यकता होती है। इसलिए वर्कआउट से पहले और बाद में दोनों समय ऊर्जा प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। स्टीम्ड सब्जियों और चिकन के साथ क्विनोआ खाएं या वर्कआउट से पहले या बाद में पीनट बटर टोस्ट और एक सेब खाएं। आपको ये याद रखना है कि आप भूखे न रहें।

4 हाइड्रेशन से इलेक्ट्रोलाइट्स पूर्ति करें (Hydration)

डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन मांसपेशियों में दर्द का एक बड़ा कारण हो सकता हैं। पानी मांसपेशियों में दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए, हाइड्रेटेड रहना – विशेष रूप से एक्सरसाइज से पहले, दौरान और बाद में – मांसपेशियों की रिकवरी के लिए जरूरी है। कितना पानी पीना है यह व्यक्ति के शरीर की संरचना, पर्यावरण और उनके ट्रेनिंग के समय पर निर्भर करता है।

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5 हल्दी का सेवन करें (Turmeric)

“गोल्डन हीलर” के नाम से मशहूर हल्दी में करक्यूमिन नामक एक्टिव कंपाउंड होता है, जो दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो सूजन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। एक्सरसाइज के बाद लिया जाने वाला करक्यूमिन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में कारगर हो सकता है।

हल्दी को भोजन के साथ या बिना भोजन के रोजाना लिया जा सकता है, जब तक कि मांसपेशियों का दर्द ठीक न हो जाए।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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