हमारे आस पास ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो थोड़ा भी मेहनत का काम करते ही थक जाते हैं, उनकी सांसें फूलने लगती हैं और उनका दिल जोर से धड़कने लगता है। जानते हैं ऐसा क्यों होता है? इसकी एक वजह होती है कि आपका शरीर ऑक्सीजन का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा या आपको सांस संबंधित कोई दिक्कत है। लेकिन क्या आपको पता है आपका शरीर ऑक्सीजन का ठीक से इस्तेमाल कर पा रहा है या नहीं, इसे मापने का एक तरीका है। जिसे VO2 मैक्स ( VO2 Max) कहते हैं। इससे ये भी पता लगाया जा सकता है कि आपकी फिटनेस का लेवल क्या है। एथलीट्स इसे अक्सर इस्तेमाल करते हैं। क्या है VO2 मैक्स, इसे मापना क्यों जरूरी है और इसके कम होने के नुकसान क्या है। आज हम इसे ही समझेंगे, एक्सपर्ट की मदद से।
VO2 Max, या ‘वोल्यूम ऑफ ऑक्सीजन मैक्सिमम’, यह जानने का एक तरीका है कि आपका शरीर एक मिनट में कितनी ज्यादा ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर सकता है। इसे आम तौर पर एथलीट्स और फिटनेस फ्रीक्स इस्तेमाल करते हैं। इससे यह पता लगता है कि आपके दिल, फेफड़े और मसल्स में कितने ऑक्सीजन को इस्तेमाल करने की क्षमता है। के द्वारा देखा जाता है, क्योंकि यह आपके दिल, फेफड़े और मांसपेशियों के बीच ऑक्सीजन के उपयोग की क्षमता बताता है।
जेएनयू, दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल साइंसेस में प्रोफेसर राम सागर बताते हैं कि साधारण शब्दों में VO2 Max ये बताता है कि आप कितनी देर तक और कितनी तेज बिना थके फिजिकल एक्टिविटी कर सकते है। अगर ये ज्यादा है तो इसका मतलब है कि आपका शरीर ज्यादा ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर सकता है और आप ज्यादा मेहनत कर सकते हैं। कुल मिलाकर ये आपकी फिटनेस को मापने का एक आसान तरीका है।
अगर आप एथलीट हैं या किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तो VO2 Max आपके लिए बहुत जरूरी है। इसका मतलब यह है कि अगर आपका वीओ2 मैक्स हाई है तो आप ज्यादा देर तक और ज्यादा मेहनत वाला काम कर सकते हैं। इससे आपकी प्रदर्शन क्षमता यानी आप कितनी जल्दी और कितना अच्छा काम कर सकते हैं, वो बेहतर होती है। जैसे, दौड़ने या साइकिल चलाने का आपका समय बढ़ सकता है और आप थकते नहीं हैं।
प्रोफेसर राम सागर के अनुसार, VO2 Max सिर्फ फिटनेस का पैमाना नहीं है ये आपके दिल और फेफड़ों के हेल्थ के बारे में भी बताता है।
अगर आपका शरीर अच्छी तरह से ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर पा रहा है तो इसका मतलब है कि आपका हार्ट सही तरीके से काम कर रहा है। इस तरह से वीओ2 मैक्स आपके हार्ट की सेहत के बारे में भी बताता है।
VO2 Max ये भी बताता है कि आपके शरीर के अंग खासकर मांसपेशियां कितनी आसानी से ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर पा रही हैं। अगर वीओ2 मैक्स अच्छा है तो इसका मतलब ये है कि आप हार्ट की बीमारी, डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर जैसी समस्याओं से दूर हैं।
अब सवाल ये है कि VO2 Max को मापते कैसे हैं? असल में, इसे मापने के लिए आपको एक विशेष टेस्ट से गुजरना पड़ता है। इस टेस्ट को कार्डियोपल्मोनरी एक्सरसाइज टेस्ट (CPET) कहा जाता है जिसमें आपको ट्रेडमिल चलाने को कहा जाता है। जैसे-जैसे आप इस व्यायाम की गति बढ़ाते हैं, वैसे-वैसे आपकी शरीर की ऑक्सीजन की खपत को मापा जाता है।
इस टेस्ट के दौरान एक मास्क आपको पहनने के लिए दिया जाता है जिसमें ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को मापने के सेंसर होते हैं। जब आप अपनी शारीरिक सीमा तक पहुंच जाते हैं तब इसे वीओ2 मैक्स माना जाता है यानी सबसे अधिक ऑक्सीजन की मात्रा जितना आपका शरीर एक मिनट में इस्तेमाल कर सकता है।
प्रोफेसर राम सागर के अनुसार, जब VO2 Max कम होता है तो आपका शरीर जल्दी थक जाता है। इसका कारण ये है कि आपके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा या मिल भी रहा है तो शरीर उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहा। ऐसे अगर आप थोड़ी देर के लिए भी किसी शारीरिक एक्टिविटी में लगे हैं तो आपको जल्दी थकान महसूस हो सकती है। जैसे अगर आप दौड़ रहे हैं या तेजी से चल रहे हैं तो थोड़ी देर बाद आप थकने लगते हैं। इससे आपको रोज़ के काम करने में भी परेशानी हो सकती है।
VO2 Max कम होने का मतलब है कि आपके दिल को सही से ऑक्सीजन नहीं मिल रही। इसका असर आपके दिल और नसों पर भी पड़ता है। जब आपका दिल और शरीर को ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो इससे हार्ट प्रॉबलम, हाई ब्लड प्रेशर और यहां तक कि अर्थराइटिस जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं क्योंकि हड्डियों तक भी ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाता।
वीओ2 मैक्स कम होने से मांसपेशियों को भी उतनी ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जितनी उन्हें चाहिए। इससे मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और आपको जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपको एक जगह पर ज्यादा देर तक खड़ा या बैठा रहना भी मुश्किल लगे क्योंकि आपकी मांसपेशियां ठीक से काम नहीं कर रही होतीं।
VO2 Max बढ़ाने के लिए सबसे आसान और असरदार तरीका है एरोबिक एक्सरसाइज। मतलब ऐसी एक्टिविटीज़ जिसमें आप ज्यादा देर तक मूव करते रहें और आपकी दिल की धड़कन तेज हो। जैसे दौड़ना, तैरना, साइकिल चलाना, या तेज चलना। ये सब आपके दिल और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं जिससे आपका शरीर ज्यादा ऑक्सीजन का इस्तेमाल कर पाता है।
अगर आप जल्दी से जल्दी VO2 Max बढ़ाना चाहते हैं, तो हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग (HIIT) आपके लिए बेहतरीन तरीका हो सकता है लेकिन इसके लिए आपको एक्सपर्ट की जरूरत पड़ेगी। इसमें आपको तेज़ व्यायाम करना होता है फिर थोड़ी देर के लिए आराम करना होता है। आराम के बाद फिर से एक्सरसाइज। जैसे – 30 सेकंड फुल स्पीड दौड़ने के बाद 1 मिनट धीमी गति से चलना। इस तरह के व्यायाम से आपका दिल और फेफड़े ज्यादा ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने के लिए तैयार होते चले जाते हैं।
अगर आप लंबे वक्त तक व्यायाम करते है तो भी VO2 Max बढ़ सकता है। जैसे 30-60 मिनट तक लगातार तेज गति से किसी शारीरिक गतिविधि में लगे रहना। इससे शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है और धीरे-धीरे VO2 Max में भी सुधार होता है। हालांकि किसी प्रोफेशनल की मदद के बगैर ऐसा करना जोखिम भरा है।
वजन उठाना या कोई और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी VO2 Max बढ़ाने में मदद कर सकती है। जब आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं तो आपका शरीर पूरी तरह से फिट होता है, और इससे फिजिकल परफॉर्मेंस में सुधार आता है।
मसल्स के लिए ये एक्सरसाइज ना केवल ताकत बढ़ाती हैं, बल्कि वीओ2 मैक्स भी बढ़ाती हैं। लेकिन ये सारी एक्सरसाइज बिना किसी एक्सपर्ट की देखरेख या सलाह के आपको नहीं करनी।
अब VO2 Max बढ़ाने के लिए सिर्फ एक्सरसाइज ही नहीं, सही आहार भी जरूरी है। जैसे – प्रोटीन, फाइबर और विटामिन आपके शरीर को सही तरीके से एनर्जी देते हैं और मेहनत का काम करने की क्षमता बढ़ाते हैं। इसके अलावा, हाइड्रेटेड रहना भी बहुत जरूरी है क्योंकि पानी की कमी से आपकी ऊर्जा तो कम होगी ही, शरीर में ऑक्सीजन की भी कमी रहेगी।
अधिक वजन होने पर आपके शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। तो अगर आप स्वस्थ वजन बनाए रखते हैं तो VO2 Max लेवल को सुधारने में मदद मिल सकती है। जब वेट कंट्रोल्ड रहता हैतो शरीर को काम करने के लिए कम एनर्जी चाहिए होती है और आप बिना थके अपना काम कर सकते हैं।
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