अक्सर लोग वेटलॉस के लिए सुबह उठकर खाली पेट जॉगिंग, वॉक और वर्कआउट के लिए निकल पड़ते हैं। दरअसल, खाली पेट व्यायाम करने से वेटलॉस में मदद मिलती है और शरीर एक्टिव रहता है। अमूमन एक्सरसाइज करने से पहले खाना खाने की सलाह नहीं दी जाती है। वेटलॉस जर्नी को सफल बनाने के लिए कुछ रूल्स को फॉलो करना आवश्यक होता है। मगर कुछ लोग ऐसे भी है, जिन्हें एक्सरसाइज़ के दौरान थकान का सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं एक्सपर्ट से कि वर्कआउट से कितनी देर पहले खाना खाया जा सकता है।
इस बारे में लाइफस्टाइल कोच पूजा मलिक बताती हैं कि खाना खाने के बाद व्यायाम करने की सलाह नहीं दी जाती है। दरअसल, खाने को पचाने के लिए 1 से 2 घंटे का समय अवश्य रखना चाहिए। खाना खाने के एकदम बाद व्यायाम करने से पेट में ऐंठन, उल्टी और सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है। पूजा मलिक बताती हैं कि लंच या हैवी मील्स के बाद कम से कम 1 घंटे तक एक्सरसाइज़ नहीं करनी चाहिए और स्नैक्स खाने के 30 मिनट बाद एक्सरसाइज़ कर सकते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार भोजन करने के बाद वो धीरे धीरे प्रोसेस होता है और थोड़ी मात्रा में स्मॉल इंटेसटाइन में पहुंचता है। आहार को स्मॉल इंटेसटाइन में जाने के लिए 3 से 4 घंटे का वक्त चाहिए होता है। एक्सरसाइज़ से पहले खाने को पूरी तरह से पचने के लिए समय देना बेहद ज़रूरी है। मॉडरेट मील के लिए 1 से 2 घंटे तक इंतज़ार करना चाहिए और लाइट आहार लेने के 30 मिनट तक एक्सरसाइज़ न करें।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि एक्सरसाइज़ से पहले अगर आप शरीर में एनर्जी का रिस्टोर करना चाहते हैं, तो प्रोटीन की उच्च मात्रा लें। इसके अलावा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखने के लिए प्रचुर मात्रा में पानी पीएं। साथ ही एसिडिक और कैफिनेटिड बैवरेजिज़ से खुद को बचाव करें। एक्सपर्ट के अनुसार खाना खाने के 2 घंटे बाद पेट पूरी तरह से खाली होने लगता है। ऐसे में डेढ़ से दो घंटे के अंतर के बाद ही व्यायाम के लिए जाएं।
प्रोटीन दो प्राकर का होता है लो बायोलॉजिकल यानि प्लांट बेस्ड और दूसरा हाई बायोलॉजिकल। इन दोनों को ही 50. 50 प्रतिशत अपने आहार में शामिल करें। हाई बायोलॉजिकल प्रोटीन में दूध, दही, पनीर और नॉनवेज शामिल होता है। वहीं लो बायोलॉजिकल सब्जियां, दालें और सोयाबीन आदि शामिल होता है। इनकी रेशो 60 और 40 भी हो सकती है।
शरीर को एक्टिव बनाए रखने और थकान से बचने के लिए विटामिन और मिनरल का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। आहार में विटामिन और मिनरल्स को शामिल करने के अलावा पानी भरपूर मात्रा में पीएं। इसके अलावा प्राकृतिक पेय पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों से मुक्ति मिल जाती है।
गर्मी के मौसम में निर्जलीकरण से बचने के लिए पानी भरपूर मात्रा में पीएं। इसके अलावा एसिडिक और कैफिनेटिड बैवरेजिज को अवॉइड करें। इससे शरीर संतुलित रहता है और डायरिया, उल्टी व अपच से बच जाता है। आहार में जंक फूड की जगह घर का तैयार खाना ही खाएं। इससे शरीर को पोषण की प्रापित होती है।
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