अक्सर हम वेट लॉस, मेटाबॉलिज्म और मसल्स को इंप्रूव करने के लिए फिटनेस एक्सरसाइज में भाग लेते हैं। परंतु क्या आपको मालूम है कि इस दौरान आपका मानसिक स्वास्थ्य भी मजबूत हो रहा होता है। फिजिकल एक्सरसाइज शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना को कम करने के साथ ही एंजाइटी, डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी संतुलित रखने में मदद करता है। यह थकान, तनाव और गुस्से को कम करता हैं और आपके मानसिक शांति और स्वास्थ्य (benefits of exercise on mental health) को बनाए रखता है।
हालांकि, इसके लिए जरूरी नहीं कि आपको जिम जाकर एक्सरसाइज करनी है। आप कई अन्य फिटनेस रूटीन को भी अपना सकती हैं। जैसे कि मन पसंदीदा खेल में भाग लेना, योगा करना और खुले वातावरण में वाक करना।
यदि आप पहले से किसी फिटनेस रूटीन को फॉलो करती हैं, तो यह लेख आपको सकारात्मक रूप से मोटिवेट करेगा। यदि अभी तक आप ऐसा नही करती हैं, तो आज ही सुविधानुसार अपना एक फिटनेस रूटीन तैयार करें। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी संतुलित रहने में मदद करेगा। तो चलिए जानते हैं, फिटनेस रूटीन किस तरह मानसिक स्वास्थ्य के लिए कारगर होता है।
एक रिसर्च में सामने आया कि फिटनेस एक्टिविटी से मिलने वाले फिजिकल बेनिफिट्स भी मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करते हैं। आपकी फिटनेस एक्टिविटी कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के साथ-साथ मोटापा, डायबिटीज, इत्यादि जैसी शारीरिक समस्याओं को संतुलित रखने में मदद करती हैं। ऐसे में जब हम शारीरिक समस्याओं से दूर रहते हैं, तो मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
वहीं जो लोग पहले से मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए फिटनेस एक्टिविटी काफी ज्यादा जरूरी है। क्योंकि ऐसे लोगों में शारीरिक समस्याएं जैसे कि हार्ट डिजीज, अर्थराइटिस और अस्थमा होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसलिए नियमित रूप से फिटनेस एक्टिविटी में भाग लें और खुद को मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रखें।
एंडोर्फिन एक प्रकार का केमिकल है, जो शरीर आमतौर पर दर्द और तनाव महसूस होने पर रिलीज करता है। इसी के साथ नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार यह कई अन्य एक्टिविटी जैसे की एक्सरसाइज, मसाज और सेक्स के दौरान भी रिलीज होते हैं। यह दर्द से राहत पाने में मदद करता है। साथ ही तनाव को कम करता है, जिस वजह से मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
एक्सरसाइज आपके कंसंट्रेशन और फोकस को बढ़ा देता है। जिस वजह से आपको अपने दिनचर्या के कई कार्यों को करने में आसानी होती हैं। वहीं आप अपने ऑफिस के कार्य को भी पूरे कंसंट्रेशन और फोकस के साथ पूरा कर पाती हैं।
जिस वजह से किसी प्रकार का तनाव नहीं होता और यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा है। वहीं कई बार हम अपने फिटनेस रूटीन को स्किप कर देना चाहते हैं, ऐसे में आपका फोकस आपको इसकी इजाजत नहीं देता। ऐसे में आप नियमित रूप से अपने फिटनेस वर्कआउट को जारी रख सकती हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से उचित नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है। पर्याप्त नींद लेने से कई शारीरिक समस्याएं जैसे कि दिल की बीमारी और डायबिटीज नियंत्रित रहते हैं। इसके साथ ही यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी जरूरी है।
यह आपके मूड को संतुलित रखता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। जब आप शारीरिक रूप से स्वस्थ रहती हैं, तो आपका मानसिक स्वास्थ्य भी संतुलित रहता है।
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बीएमआई चेक करेंशारीरिक सक्रियता और फिटनेस रूटीन डिप्रेशन एंग्जाइटी जैसी समस्या से उभरने का एक सकारात्मक तरीका होता है। रिसर्च की माने तो एक्सरसाइज करने से ब्रेन केमिकल सेरोटोनिन (stress hormone) के स्तर में कमी देखने को मिलती है। जिस वजह से आपका मूड बूस्टअप रहता है।
वहीं कई लोग इन समस्याओं में अल्कोहल और स्मोकिंग जैसी चीजें अपनाते हैं। जो इसे और ज्यादा बढ़ा देती है, साथ ही साथ आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डालती है।
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