टेलीविजन एक्ट्रेस मोना सिंह ने “जस्सी जैसी कोई नहीं” (Jassi Jaisi Koi Nahi) जैसे अन्य कई TV शोज (mona singh serial) में अपने एक्टिंग से ऑडियंस को एंटरटेन किया है। मोना इंडस्ट्री में काफी फेमस हैं, और इनका अपना फैन बेस हैं। पर इस वक़्त मोना अपनी एक्टिंग के लिए नहीं, बल्कि अपने वेट लॉस जर्नी के लिए सुर्ख़ियों में छाई हुई हैं (mona singh weight loss journey)। 42 वर्ष की मोना ने यह साबित कर दिया की बढ़ती उम्र के साथ भी यदि चाहत हो तो वजन कम किया जा सकता है। मोना सिंह की वेट लॉस जर्नी (Mona Singh Weight Loss) ने यह साबित कर दिया है कि 40 की उम्र में भी वेट लॉस (Weight Management) किया जा सकता है। बस इसके लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना है (Mona Singh Weight Loss)।
30 की उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, और अक्सर ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद वेट लॉस बेहद मुश्किल हो जाता है। मोना के वेट लॉस जर्नी को देखने के बाद हेल्थ शॉट्स पर हम 35 से अधिक उम्र की सभी महिलाओं के लिए वेट लॉस टिप्स लाए हैं। यदि आप अभी तक अपने वेट लॉस को लेकर चिंतित थीं, तो अब इन टिप्स को फॉलो करें।
बढ़ती उम्र के साथ विशेष रूप से 35 से 40 की उम्र के बाद वेट लॉस के हेल्दी टिप्स जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा से बात की। तो चलिए जानते हैं, हेल्दी वेट लॉस के कुछ खास टिप्स।
मोना ने सिर्फ़ छह महीनों में 15 किलो वजन कम किया है (15 Kgs Weight Loss), यह उनका समर्पण, अनुशासन और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति उनके प्रॉमिस को दर्शाता है। मोना सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने पिछले 6 महीनों में 15 किलो वजन कम किया है, एक्ट्रेस ने अपने वजन घटाने से सभी को चौंका दिया है, खासकर 42 साल की उम्र में।
बॉलीवुड बबल के एक इंटरव्यू में, मोना सेल्फ डाउट और बॉडी शेमिंग का सामना करने के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने वजन को सुंदरता के पहलू से कोसों दूर बताया है। उनके अनुसार वजन और किसी महिला के सुंदरता का कोई संबंध नहीं है। वजन शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। एक संतुलित वजन आपको बिमारियों से दूर रहने और एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने में मदद करता है।
जब वज़न कम करने की बात आती है, तो सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है आहार में बदलाव (Healthy Weight Loss)। अगर आप अपने खाने की मात्रा कम नहीं करती हैं, तो आपका वज़न कम नहीं होगा (Dietary tweaks)। हर किसी की कैलोरी की ज़रूरत अलग-अलग होती है, लेकिन आम तौर पर, एक महिला जो आमतौर पर प्रतिदिन 2,000 कैलोरी खाती है, उसे वज़न कम करने के लिए प्रतिदिन 1,500 से 1,600 कैलोरी कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
इंटरमिटेंड फास्टिंग करने के कई तरीके हैं, जिसमें 16:8 डाइट शामिल है, जिसमें खाने को आठ घंटे तक सीमित रखना होता है और 16 घंटे के लिए फास्टिंग करनी होती है। अध्ययनों के अनुसार इंटरमिटेंड फास्टिंग हेल्दी वेट लॉस में मदद करती है।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थो के सेवन से आप लंबे समय तक संतुष्ट रहती हैं। यदि व्यक्ति अपने खाने से संतुष्ट नहीं होता है, तो उन्हें बार बार भूख का एहसास होता रहता है। जिसकी वजह से कैलोरी इंटेक बढ़ जाती है, और वेट मैनेजमेंट मुश्किल हो सकता है। “उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों में कम मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, वहीं इनमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को पचने में भी अधिक समय लगता है, इसलिए ब्लड शुगर लेवल स्थिर गति से बढ़ता और घटता है। आप सब्जियां, फल, साबुत अनाज, ब्राउन राइस, पॉपकॉर्न, बीन्स, फलियां, नट्स और बीजों सहित अन्य प्लांट बेस्ड फूड्स से फाइबर की पूर्ति कर सकती हैं।
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वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंप्रोटीन हमारे शरीर को मसल्स टिश्यू के रिपेयर, संरक्षण और निर्माण में मदद करता है। जब आप सफेद पास्ता जैसे कार्ब्स खाते हैं, तो वे ग्लूकोज में टूट जाते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह फैट स्टोरेज का कारण बन सकता है। इसलिए डाइट में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लें, इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जो वेट लॉस जर्नी को आसान बनने में मदद करता हैं।
फैटी फिश, अखरोट और अलसी जैसे खाद्य पदार्थों में ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे अनसैचुरेटेड फैट सूजन वाले हार्मोन के उत्पादन को रोकते हैं। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि सूजन का उच्च स्तर शरीर को इंसुलिन प्रतिरोध के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है, जिससे स्वस्थ वजन बनाए रखना अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसलिए अपनी नियमित डाइट में हेल्दी फैट को शामिल करें।
40 की उम्र में मसल्स मास और फंक्शन कम होने लगता है, और इस स्थिति को सरकोपेनिया के रूप में जाना जाता है। वजन घटाने और समग्र स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण है। कार्डियोवैस्कुलर एक्टिविटी, जैसे तेज चलना, स्विमिंग, या साइकिल चलाना, आदि को अपनाया जा सकता है। इसके साथ ही योग का अभ्यास करें, यह वजन कम करने के साथ ही बढ़ती उम्र में होने वाली तमाम समस्यायों का एक हेल्दी उपचार साबित हो सकता है।
पेरिमेनोपॉज, मेनोपॉज की ओर ले जाने वाला ट्रांजिशनल फेज है, जो हार्मोनल उतार-चढ़ाव ला सकता है। ये वजन बढ़ाने में योगदान देता है। इसे मैनेज करने के लिए, मेनोपॉज शुरू होने से पहले की एक रूटीन एस्टेब्लिश कर लें, जिसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन और हार्मोन थेरॉइज या सप्लीमेंट्स शामिल हों।
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