नई मां के लिए भी जरूरी है मेडिटेशन, ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के साथ पोस्टपार्टम डिप्रेशन से भी दिलाती है निजात

एक नए शिशु की जिम्मेदार आपको थका सकती है, चिड़चिड़ा बना सकती है। मगर मेडिटेशन का नियमित अभ्यास आपके तन और मन दोनों को रिलैक्स करता है।
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हेल्दी ब्रेस्टफीडिंग के लिए जरुरी है मेंडिटेशन। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 27 Aug 2022, 07:30 pm IST
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मां बनना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मां बनने के पश्चात महिलाओं को ऑफिस, घर और बच्चे सभी की जिम्मेदारियों को संभालना पड़ता है। वहीं एक और सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, ब्रेस्टफीडिंग। बेबी की हल्दी ग्रोथ के लिए ब्रेस्टफीडिंग को कभी भी अवॉइड नहीं करना चाहिए। वहीं आपका हेल्दी मिल्क प्रोडक्शन पूरी तरह आपकी सेहत पर निर्भर करता है। परंतु कई बार इन जिम्मेदारियों के बीच महिलाएं खुद को मानसिक रूप से तनावग्रस्त कर लेती हैं। इस तनाव से बचने के लिए जरूरी है हर रोज मेडिटेशन का अभ्यास करना। जानिए नई मां के लिए कैसे फायदेमंद है मेडिटेशन (Meditation for new moms)।

यदि आप मानसिक रूप से संतुलित नहीं है, तो जाहिर सी बात है कि शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होगा। यह आपके मिल्क प्रोडक्शन और मिल्क क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है। तो ऐसे में बच्चे की सेहत तो जरूरी है ही साथ में अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहना भी बहुत जरूरी है।

ब्रेस्टफीडिंग करवा रही महिलाओं को डॉक्टर से लेकर डाइटिशियन तक तरह-तरह के पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, यह बिल्कुल जरूरी है, परंतु इसके साथ ही यदि आपका मानसिक स्वास्थ्य संतुलित न रहे तो यह सभी चीजें काम नहीं करती। ऐसे में मेडिटेशन का अभ्यास आपकी मदद कर सकता है। खानपान की स्वस्थ आदत विकसित करने के साथ ही दिन के कुछ घंटे खुद के साथ बिताने का प्रयास करें। यह आपको अंदर से शांत रहने में मदद करेगा और आपके हॉर्मोन्स को भी नियंत्रित रखेगा। ऐसे में आप हेल्दी मिल्क प्रोड्यूस करती हैं।

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नई मां के लिए कैसे मददगार है मेडिटेशन। चित्र : शटरस्टॉक

यहां जानें नई मां के लिए कैसे मददगार है मेडिटेशन

1. हॉर्मोन्स को बैलेंस रखे

प्रेगनेंसी के तुरंत बाद महिलाओं के हार्मोन्स अनियंत्रित हो सकते हैं। इसके साथ ही मदरहुड में दाखिल होने के बाद महिलाएं नए-नए इमोशनल एक्सपीरियंस का अनुभव करती हैं। जबकि मेडिटेशन महिलाओं को शांत रहने में मदद करता है। वहीं हार्मोन्स को भी संतुलित रखता है। अनियंत्रित हार्मोन मिल्क प्रोडक्शन को प्रभावित करता है।

2. भावनाओं को संतुलित रखने में मदद करें

मदरहुड में एंटर करते ही जिम्मेदारियां बढ़ जाती है, इसके साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अक्सर महिलाएं टेंशन और स्ट्रेस के कारण डिप्रेशन, एंग्जाइटी का शिकार होने लगती हैं। इन सभी समस्याओं से बचने का एक सबसे सरल उपाय है मेडिटेशन। मेडिटेशन आपके बॉडी फंक्शंस को एक सही दिशा देता है और आपके मन को शांत रहने में मदद करता है।

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मेंडिटेशन बढ़ाएं मिल्क प्रोडक्शन। चित्र शटरस्टॉक।

3. मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ाएं

मेडिटेशन बॉडी फंक्शंस को रिलैक्स रहने में मदद करता है, जिसकी वजह से मिल्क सही से सप्लाई हो पाता है। यदि आप स्ट्रेस में हैं, या किसी बात से बहुत ज्यादा परेशान रह रही हैं तो यह आपके मिल्क प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मेडिटेशन के लिए समय निकालना जरूरी है। यह आपके और बेबी दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद रहेगा।

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4. रिलैक्स होने में मदद करती है

मां बनने के बाद महिलाओं के लिए अकेले समय बिताना काफी ज्यादा मुश्किल होता है। खासकर यदि आप छोटे बच्चे की मां हैं तो। ऐसे में पूरे दिन की व्यस्तता के कारण आप मानसिक रूप से परेशान हो जाती हैं, जिस वजह से मिल्क प्रोडक्शन प्रभावित हो सकता है।

इसलिए पूरे दिन में कम से कम आधे घंटे से लेकर 1 घंटे खुद के लिए निकालने की कोशिश करें। इस दौरान मेडिटेशन का अभ्यास आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करेगा। आपका संतुलित मानसिक स्वास्थ्य आपके शारीरिक सेहत के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

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शक्तिशाली क्रिया है। चित्र: शटरस्‍टॉक

5. रिलैक्सिंग म्यूजिक और ब्रेस्टफीडिंग

एक स्टडी के अनुसार ब्रेस्टफीड करवा रही महिलाओं में से जो महिलाएं खुद को शांत और खुश रखने के लिए रिलैक्सिंग म्यूजिक और मेडिटेशन की मदद लेती है, अन्य महिलाओं की तुलना में उनका मिल्क प्रोड्यूजिंग एक्सपीरियंस काफी अच्छा देखने को मिला। यदि महिलाएं मानसिक रूप से संतुलित रहती हैं, तो उनके मिल्क की क्वालिटी स्ट्रेस से ग्रसित महिलाओं की तुलना में बेहतर होती है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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