आपके प्रजनन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है मार्जरी आसन, जानें इसके फायदे और करने का सही तरीका
योग आसन करते रहने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर स्वस्थ महसूस करता है। इससे शरीर में लचीलापन आता है। आपकी रीढ़ की हड्डी, मांसपेशी और शरीर के दूसरे अंग भी सही तरीके से काम कर पाते हैं। उम्र बढ़ने पर महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में भी कई सारे बदलाव आते हैं। योग-आसन इन अंगों पर भी बढ़िया प्रभाव डालता है। ऐसा ही एक आसन है मार्जरी आसन। इससे रीढ़ की हड्डी में कड़ापन नहीं आता है। यह लचीली बनी रहती है। मार्जरी आसन प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा (marjariasana aka cat pose benefits) दिलाने में मदद कर सकती है।
सुस्ती दूर कर आपको एक्टिव बनाता है मार्जरी आसन
मार्जरी का अर्थ होता है बिल्ली। इंसानों के शरीर की छोटी-मोटी समस्या समाप्त हो जाए, इसके लिए बिल्ली की तरह फुर्तीलापन आना जरूरी है। इस आसन को अंग्रेजी में कैट पोज़ (Cat pose) भी कहते हैं। मार्जरी आसन में आगे की ओर झुका जाता है और पीछे की ओर मुडा जाता है।
इसलिए यह आसन पीठ की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी पर बढ़िया प्रभाव डालता है और इन अंगों को लचीला बनाए रखने में मदद करता है। “योगासन करें और स्वस्थ रहें” किताब में लेखक और योगाचार्य सुरेश सिन्हा इस आसन के बारे में विस्तार से बताते हैं।
यहां हैं इस आसन को करने की विधि
सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएं
सुरेश सिन्हा के अनुसार मार्जरी आसन के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठना जरूरी है। वज्रासन में बैठने के बाद ही आगे के स्टेप्स किये जा सकते हैं।
इसके बाद घुटनों के बल खड़े हो जाएं। हाथों को सामने की ओर ले जाएं।
हाथों को झुकाकर नीचे फर्श पर कंधों की सीध में जमा दें।
सिर को ऊपर उठाते समय सांस लें
सांस लेते हुए सिर को ऊपर उठायें। रीढ़ की हड्डी को नीचे झुकाएं।
सांस छोड़ें। सांस छोड़ते हुए सिर नीचे की ओर ले जायें।
धनुष आकार में रीढ़ की हड्डी
रीढ़ की हड्डी को ऊपर उठाएं। हड्डी को ऊपर उठाते हुए धनुष आकार में बनायें। सांस लें और रीढ़ की हड्डी को नीचे लायें। सिर ऊपर उठायें। ऐसा कम से कम 10 बार करें।
सांस लेने और सांस छोड़ने पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है
जब मार्जरी आसन को करें, तो सांस लेने और सांस छोड़ने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। इस आसन से गर्दन, कंधे और रीढ़ लचीली बनती है।
मार्जरी आसन के यहां हैं लाभ
यदि आपकी कई घंटों की सिटिंग जॉब है, तो मार्जरी आसन को नियमित रूप से शामिल करें। इससे शरीर के कई अंगों की स्ट्रेचिंग होती है। ब्लड सर्कुलेशन अच्छी तरह हो पाता है। यह पोस्चर और शरीर के बैलेंस में सुधार करता है। उम्र के साथ-साथ पीरियड संबंधी परेशानियां होती हैं। यदि प्रजनन संबंधी किसी प्रकार की दिक्कत है, तो यह आसन मदद करेगा। मासिक धर्म की अनियमितता या लयूकोरिया की समस्या में भी यह आसन लाभदायक है।
ध्यान दें कि सांस छोड़ते समय पेट को अंदर की तरफ सिकोड़ लें। इससे अधिक लाभ मिल सकेगा।
एक्सपर्ट की देखरेख में सीखें योग आसन
गायनेकोलोजिस्ट एंड पीडियाट्रिक्स डॉ. रितु अवस्थी के अनुसार, जब कोई महिला कैट पोज करती है, तो उसने ध्यान दिया होगा कि उसके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के साथ-साथ फीमेल रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के पास स्ट्रेच होता हुआ महसूस होता है। नियमित तौर पर इसे करने से बॉडी की टोनिंग होती है। इससे पीरियड क्रैम्प, लोअर बेक के दर्द और स्ट्रेस से राहत तो मिल सकती है। लेकिन रिप्रोडक्टिव ऑर्गन संबंधी जटिल समस्या है, तो सिर्फ योग से कुछ नहीं हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से मिलना जरूरी है। ध्यान दें कि किसी भी प्रकार का योग एक्सपर्ट की देखरेख में करना सीखें। वे उम्र और शरीर के वजन के हिसाब से आपको आसन बताएंगे।
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