लेडीज, वजन कम करने के लिए आपको भूखे रहने की जरूरत नहीं है। आप खाते-पीते हुए भी अपना वजन, असल में शरीर से फैट कम (Fat loss) कर सकती हैं। जी हां, ये सच है। बस इसके लिए आपको अपनी मम्मी की पुरानी मसालेदानी की ओर लौटना होगा। भारतीय मसाले सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते, बल्कि ये आपके मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट कर सकते हैं। इनमें सबसे खास है गमर मसाला (Garam Masala)। गमर मसाला आपकी वेट लॉस (Garam Masala for weight loss) जर्नी में और तेजी ला सकता है।
गरम मसाला एक-दो नहीं, बल्कि कई मसालों को मिलाकर बनाया जाता है। इसलिए इसमें कई मसालों की गुडनेस शामिल हो जाती है। मैसूर के केन्द्रीय खाद्य तकनीक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉक्टर कृष्णापूरा श्रीनिवासन के अनुसार, “मसाले पाचन तंत्र के लिए उद्दीपक (stirring) का काम करते हैं। ये पेट की बीमारियों के लिए गुणकारी होते हैं और कुछ मसालों में एंटीसेप्टिक गुण भी पाए जाते हैं, जो रोगाणु रोधक का काम करते हैं।”
क्या आप जानती है कि हर घर की रसोई में मौजूद और सब्जियों का स्वाद बढ़ाने वाले गरम मसाले में क्या कुछ मिलाया जाता है? असल में ये कई शुद्ध मसालों का मिश्रण होता है। जिनमें लौंग, दालचीनी, जीरा, जायफल, काली मिर्च, इलायची और तेजपत्ता मिलाया जाता है। से सभी जब एक साथ मिल जाते हैं, तो आपकी भूख और भोजन का स्वाद दोनों ही बढ़ जाते हैं। गरम मसाला पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है।
यू. एस. डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर के अनुसार गरम मसालों में जिंक पाया जाता है। विशेषज्ञ जिंक को रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला मानते हैं। इसमें मौजूद लौंग और जीरा अपच की समस्या को दूर करते हैं। लौंग एसिडिटी को भी काबू रखने में मदद करती है।
काली मिर्च- 25 ग्राम (4 टेबल स्पून)
बड़ी इलायची- 25 ग्राम (4 टेबल स्पून)
जीरा- 20 ग्राम (3 टेबल स्पून)
दालचीनी- 10 ग्राम या 8 से 10 टुकड़े (1 इंच)
तेजपत्ता- 3 से 4
जायफल- 10 ग्राम (2 टेबल स्पून)
जावित्री- 10 ग्राम (2 टेबल स्पून)
लौंग- 10 ग्राम (2 टेबल स्पून)
जायफल और जावित्री को छोड़कर सारे मसालों को अच्छी तरह साफ करके कढ़ाई में धीमी आंच पर भून लें।
इसके बाद जायफल और जावित्री को टुकड़े करके भुने मसालों के साथ ही मिला लें।
फिर मसालों को मिक्सी में बारीक पीसकर छान लें।
अब आपका शुद्ध गरम मसाला तैयार है।
गरम मसाला आपकी भूख बढ़ाता है और पेट में अमाशय रस को बढ़ाकर पाचन क्रिया को भी बेहतर करता है। लौंग और जीरा अपच दूर करते हैं। लौंग एसिडिटी को भी काबू रखने में मदद करती है। गरम मसाले में फाइबर मौजूद होता है। फाइबर का सेवन हमारी पाचन क्रिया को सुधारने के साथ-साथ कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाने में मदद करता है।
डायरिया का मतलब पतले दस्त होना। इसमें थोड़ी ही देर बाद पीड़ित व्यक्ति का शरीर बिल्कुल कमजोर होने लगता है। गरम मसाले के फाइबर गुण काफी प्रभावकारी होते हैं। डायरिया की स्थिति में फाइबर के लिए गरम मसालों का सेवन करें।
गरम मसाला सर्दी-खांसी से राहत पाने के लिए एक अच्छा उपाय है। सर्दी, खांसी और जुकाम में गरम मसाले का इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, गरम मसाले में जिंक पाया जाता है। जिंक बच्चों में पाए जाने वाले सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
यू. एस. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार गरम मसालों में फाइबर पाया जाता है। जो वजन घटाने में सहायक होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, अगर दिन भर में आहार स्रोत के जरिए करीब 30 ग्राम फाइबर का सेवन किया जाए, तो यह वजन घटाने में सहायक हो सकता है। इसलिए, फाइबर युक्त अन्य खाद्य पदार्थों में थोड़ा-सा गरम मसाला डाल कर उसका सेवन करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंगरम मसाला आपकी मधुमेह की समस्या से बचे रहने में आपकी मदद करता है। गरम मसाले में कई तरह के मसाले डाले जाते है। इनमें से एक जीरा भी है, जीरा एक सक्रिय एंटी-डायबिटिक एजेंट है। ये डायबिटीज के लक्षणों को कम करता है। इसलिए, डायबिटीज से पीड़ित लोगों को गरम मसाले का सेवन करना चाहिए।
गरम मसाला आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। खासतौर से छोटे बच्चों को इससे बचाना चाहिए।
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