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एक्सरसाइज है पीरियड के दर्द और उदासी को दूर करने का सीक्रेट मंत्र! जानिए ये कैसे काम करती है

महीने के वे खास दिन आपके लिए मानसिक और शारीरिक चुनौतियां लेकर आते हैं। पर इन्हें अपनी प्रोडक्टिविटी को प्रभावित न करने दें।
पीरियड्स में एक्सरसाइज करना आपको दर्द और तनाव से राहत दिला सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
Dr Geeta Bhatt Published: 1 Jul 2022, 13:54 pm IST
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बदलती दुनिया और काम के तरीकों के साथ, एक चीज स्पष्ट रूप से देखी जा रही है कि कई सारी महिलाएं काम भी कर रही हैं और घर-परिवार दोनों संभाल रही हैं। यह कहने की जरूरत नहीं कि ऐसी प्रतिस्पर्धी दुनिया में महिलाओं से प्रोफेशनली भी बेहतर होने की उम्मीद की जाती है। सभी शारीरिक और मानसिक चुनौतियों को पूरा करने के लिये सेहत और फिटनेस सबसे जरूरी हैं। एक्सरसाइज (how to reduce menstrual pain instantly) इसमें आपके लिए सबसे जरूरी है। असल में ये न सिर्फ आपको एक्टिव रखती है, बल्कि पीरियड्स में होने वाले दर्द और मूड स्विंग्स से भी बचाती है।

“स्वस्थ रहने के लिये एक्सरसाइज और फिटनेस लक्ष्य जरूरी होते हैं!” यह ऐसी चीज है, जिसे हम सबको ध्यान में रखने की जरूरत है। यह दुनिया तकनीक के साथ बदल रही है। ऐसे में मनोरंजन और खाली वक्त बिताने के विकल्प भी पहले की तुलना में बदल रहे हैं। जैसा कि सच ही कहा गया है…केवल बदलाव ही स्थायी होता है।

पीरियड्स को न करने दें अपनी प्रोडक्टिविटी को प्रभावित 

मासिक धर्म में होने वाले दर्द और ऐंठन की शिकायत आज भी कई महिलाएं करती हैं। इसे भी सभी कामों और व्यस्तताओं के साथ मैनेज करने की जरूरत है। ज्यादातर महिलाएं पीड़ादायक पीरियड को गर्म सिकाई या फिर दवाओं से मैनेज करती हैं। यह कई महिलाओं को ज्यादा आसान लगता है। लेकिन, थकान, असहजता और ऐंठन आपको दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिये बेहतर महसूस नहीं करने देते।

पीरियड्स किसी भी महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

आज भी कई महिलाएं इन लक्षणों को कम करने के लिये नियमित एक्सरसाइज करने के महत्व को नहीं समझतीं। जी, हां आपने बिलकुल सही सुना, एक्सरसाइज और फिटनेस असामान्य रूप से होने वाली ऐंठन और थकान को कम करने में मदद मिलती है।

पीरियड्स की समस्याओं में आराम दिला सकती है एक्सरसाइज (how to reduce menstrual pain instantly)

आप पूछ सकते हैं कि ये कैसे काम करता है। यहां कुछ ऐसे कारण दिए गए हैं कि क्यों नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, पीरियड के दौरान इन परेशानी भरे लक्षणों को दूर रखने का मंत्र है। ऐंठन और असहजता को दूर करने में एक चीज सबसे ज्यादा मददगार है और वह एक्सरसाइज। एक्सरसाइज से ऐंठन से राहत पाने में काफी सारे फायदे मिलते हैं।

मूड बूस्ट करती है 

जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपका ब्रेन हॉर्मोन रिलीज करता है। इसे एंडोर्फिन कहते हैं। एंडोर्फिन, दर्द के रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देता है, जो आपके ऐंठन और गर्भाशय की सिकुड़न से दर्द के संकेतों को रोकने में मदद करता है। वॉक के रूप में भी एरोबिक्स एक्सरसाइज एंडोर्फिन रिलीज करता है और दर्द से राहत पहुंचाता है।

बेहतर होता है ब्लड सर्कुलेशन 

एक्सरसाइज शरीर में रक्तसंचार को बेहतर बना सकती है, उसमें गर्भाशय भी शामिल है। जब किसी को ऐंठन होती है, तो उसका गर्भाशय इतना सिकुड़ रहा होता है कि कुछ मात्रा में रक्त का संचार बाधित होता है, जिससे मस्तिष्क दर्द के सिग्नल भेजता है। इन रक्त वाहिकाओं में रक्त संचार को बढ़ाकर कोई भी मासिक धर्म में दर्द को दूर करने में सक्षम हो सकता है। इन ब्लड वेसल्स के खुलने से संचार बढ़ जाता है, जिससे मासिक धर्म के ऐंठन का दर्द भी कम हो सकता है।

एरोबिक्स इस समय आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। चित्र:शटरस्टॉक

हार्ट हेल्थ के लिए मददगार 

शोध कहते हैं कि एरोबिक एक्सरसाइज सबसे अधिक फायदेमंद होती हैं। एरोबिक एक्सरसाइज कोई भी व्यायाम है जो आपके हृदय को पंप करता है और आपकी धड़कनें बढ़ जाती है। ऐसी सलाह दी जाती है कि पीरियड के दौरान भी हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें। पीरियड के दौरान भी कई लोग वॉक करना पसंद करते हैं।

यह भी याद रखें 

इन पीड़ादायक दिनों के दौरान पर्याप्त नमी बेहद जरूरी है। एंडोर्फिन के रिलीज होने के कारण व्यायाम का आपके मूड पर भी प्रभाव पड़ता है। बेहतर मूड, अधिक ऊर्जा और कम अवधि के सिरदर्द के साथ आप अपने पीरियड के दौरान अधिक खुश और प्रोडक्टिव हो पाएंगे।

सबके लिये जीवन का एक मंत्र है, “एक्सरसाइज के बारे में सबसे मुश्किल चीज है इसकी शुरूआत करना। एक बार जब आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करना शुरू करते हैं, सबसे ज्यादा मुश्किल है इसे रोकना!” बस इस मंत्र का पालन कीजिए और पीरियड से जुड़ी सभी नकारात्मरक बातों को भूल जाइए।

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Dr Geeta Bhatt

Dr Geeta Bhatt is a Professor and Head of Department of Neurophysiotherapy at K J Somaiya College of Physiotherapy. She is also a PhD scholar pursuing her PhD in Physiotherapy. She has an experience of more than 20 years in Physiotherapy. ...और पढ़ें

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