डांसिंग और बॉक्सिंग शरीर के साथ ब्रेन को भी बनाते हैं मजबूत, जानिए इस बारे में क्या कहते हैं शोध 

अपने मस्तिष्क को युवा और एक्टिव बनाए रखने के लिए आपका खुद का एक्टिव होना भी जरूरी है। वैज्ञानिक मानते हैं डांसिंग और बॉक्सिंग जैसी स्किल बेस्ड एक्सरसाइज आपके मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं। 
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बॉक्सिंग से आपके दिमाग हो सकते हैं मजबूत। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 17 Aug 2022, 08:00 am IST
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अगर आप अपने दोस्तों के काॅन्टेक्ट नंबर भूलने लगी हैं, अकसर सामान रखकर कहीं भूल जाती हैं और बहुत याद करने पर भी अगले दिन के टास्क याद नहीं आते, तो आपको अपने मस्तिष्क स्वास्थ्य पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। एक्सरसाइज इसमें आपकी मदद कर सकते हैं। जी हां, वैज्ञानिकों का मानना है कि डांसिंग और बॉस्किंग जैसी स्किल बेस्ड एक्सरसाइज आपके शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य (exercise for brain health) में भी सुधार करती हैं।

मेमोरी लॉस होने की संभावना के संकेत

अक्सर हम कोई सामान रखकर भूल जाते हैं कि उसे कहां रखा था। कभी-कभार ऐसा भी होता है कि किसी जाने-पहचाने व्यक्ति का हम नाम भूल जाते हैं या किसी महत्वपूर्ण सवाल का जवाब आते हुए भी सही समय पर नहीं दे पाते। हम सोचते हैं कि इसके पीछे हमारा व्यस्त होना जिम्मेदार है। हम मल्टीटास्कर हैं, इसलिए हमेशा काम में लगे रहने के कारण ऐसा होता है। पर आप गलत सोच रही हैं। आपको ये मेमोरी लॉस होने की संभावना के संकेत मिल रहे हैं। उम्र बढ़ने पर मेमोरी लॉस के रूप में डिमेंशिया और अल्जाइमर्स के पहले संकेत नजर आते हैं। 

यदि आप अभी से अपने आपको इन मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से बचाने की तैयारी करना चाहती हैं, तो डेली रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करें।  कई अलग-अलग स्टडी कहती है कि एक्सरसाइज मेमोरी लॉस से बचाव (Exercise can prevent from memory loss) करता है।

ब्रेन हेल्थ के लिए कैसे फायदेमंद हैं फिजिकल एक्सरसाइज 

वर्ष 2011 में अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पबमेड सेंट्रल द्वारा डिमेंशिया और हल्के संज्ञानात्मक जोखिम (Mild cognitive impairment) से जूझ रहे लोगों पर एक स्टडी की गई। अध्ययन के विश्लेषण में एक्सरसाइज करने वाले लोगों में बेहतर संज्ञानात्मक स्कोर पाया गया। पबमेड की एनिमल स्टडीज भी यह संकेत देती हैं कि एक्सरसाइज से विभिन्न प्रकार के बायोमैकेनिज्म के माध्यम से न्यूरोप्लास्टी (Neuroplasty) संभव हो पाती है। 

न्यूरोप्लास्टी एपिड्यूरल स्पेस में अत्यधिक स्कार टिश्यूज(Scar Tissues) के कारण होने वाले दबाव को दूर करने की एक प्रक्रिया है। एपिड्यूरल स्पेस रीढ़ के अंदर और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर सुरक्षात्मक परत के बीच का स्पेस होता है।

मनुष्यों में एक्सरसाइज न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव के अलावा, सेरेब्रोवास्कुलर रिस्क को भी कम करती है। इसके माध्यम से कॉग्निटिव डिक्लाइन कम हो पाता है और डिमेंशिया होने की संभावना भी घटती है। इसलिए एक्सरसाइज के महत्व को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

एक्सरसाइज से बढ़ता है स्टेमिना

स्वीडन के जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, एक्सरसाइज के कारण स्टेमिना बढ़ता है, जो मेमोरी लॉस या आगे डिमेंशिया के जोखिम को कम करता है। एक्टिव महिलाओं पर हुए अध्ययन बताते हैं कि उनकी न सिर्फ कार्डियोवस्कुलर हेल्थ बेहतर थी, बल्कि डिमेंशिया होने का जोखिम भी 88 प्रतिशत तक कम था।

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यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों के अनुसार, नियमित तौर पर कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज से डिमेंशिया का जोखिम कम हो जाता है। फिजिकल एक्सरसाइज से एक तिहाई डिमेंशिया के जोखिम को रोका जा सकता है।

डांसिंग या बॉक्सिंग ब्रेन को बनाते हैं मजबूत

यूके की अल्जाइमर्स सोसायटी की स्टडी बताती है कि यदि आप मसल्स स्ट्रेंथ से जुड़ी एक्सरसाइज करती हैं, तो यह भी आपकी कॉग्निटिव हेल्थ को फायदा पहुंचाएगा। इसके अलावा, आपका मूड बढ़िया होगा और अच्छी नींद भी आएगी। 

डांसिंग या बॉक्सिंग जैसी एक्सरसाइज ब्रेन को भी मजबूत करती हैं। इनके अभ्यास के लिए पहले व्यक्ति को इन्हें सीखना पड़ता है और फिर स्टेप दोहराए जाते हैं। इससे दिमाग फोकस्ड हाे पाता है। 

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मेमोरी लॉस की समस्या से बचना चाहती हैं, तो करें नियमित तौर पर डांस।चित्र : शटरस्टॉक

इंटरनेशनल न्यूरोसाइकोलॉजिकल सोसायटी के जर्नल के अनुसार, एक एक्सरसाइज सेशन हमारे ब्रेन वर्क को इंप्रूव कर सकता है। जिससे मेमोरी मजबूत होती है। एक्सरसाइज अल्जाइमर या डिमेंशिया जो मेमोरी लॉस से जुड़ा है, इसे ठीक नहीं कर सकता है, लेकिन इसके जोखिम को कम जरूर कर सकता है।

एक्सरसाइज के बारे में क्या कहता है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने 65 और इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए एक्सरसाइज संबंधी कुछ सुझाव दिए हैं

प्रत्येक सप्ताह उन्हें 150 मिनट मॉडरेट इंटेंसिटी के एरोबिक एक्सरसाइज करने चाहिए।

शारीरिक तौर पर फिट होने पर वे 150 मिनट के स्थान पर हर सप्ताह 75 मिनट तक जोरदार एरोबिक एक्सरसाइज कर सकते हैं।

मसल्स को मजबूत बनाने के साथ-साथ वे मॉडरेट और जोरदार एरोबिक एक्सरसाइज कॉम्बिनेशन अपना सकते हैं।

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मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है फिजिकल एक्सरसाइज। चित्र: शटरस्टॉक

यदि आप अभी से मेमोरी लॉस से बचना चाहती हैं, तो रोज 30-60 मिनट एक्सरसाइज करना शुरू कर दें। इससे लर्निंग स्किल शार्प होती है, तर्क करने की शक्ति, सोचने का कौशल और मेमोरी- तीनों कॉग्निटिव फंक्शन में सुधार होता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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