गुब्बारा फुलाना काफी मजेदार हो सकता है। खासकर बच्चों के लिए ये मनोरंजन से भरपूर होता है। पर अगर कोविड-19 के बाद आप अपने फेफडों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित हैं, तो ये आपके लिए एक शानदार व्यायाम हो सकता है। हां यह सच है! गुब्बारे फुलाना आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य में वृद्धि ( Lungs Exercise) कर सकता है। आइए जानते हैं गुब्बारे फुलाना (blowing balloon benefits) कैसे आपके फेफड़ों की ताकत को बढ़ा सकता है।
बढ़ती उम्र के साथ-साथ कई बार फेफड़ों की कैपेसिटी ( Lungs Capacity) कम होने लगती है। जिसके कारण ज्यादातर लोगों को सांस फूलने की समस्या होती है। इसके अलावा जिन लोगों को श्वास संबंधी समस्याएं (Respiratory Problems) होती हैं, उनके लिए भी रेस्पिरेट्री एक्सरसाइज (Respiratory Exercise) करने की सलाह दी जाती है।
श्वास संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए दिन में कुछ गुब्बारे फुलाना आपको आराम दे सकता है। इसको आप घर या ऑफिस में आराम से कर सकती हैं। हालांकि इसे करने का भी एक उचित तरीका है। इसे जानने के लिए हेल्थशॉट्स ने डॉ.डी.एस.सौजन्या, वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट, कामिनेनी अस्पताल, हैदराबाद से संपर्क किया। आइए जानते हैं गुब्बारे फुलाने के फायदों और सही तरीके के बारे में उनका क्या कहना है।
डॉ.डी.एस.सौजन्या बताते हैं, “जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, विशेष रूप से फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज अस्थमा जैसी फेफड़ों की स्थितिया होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। फेफड़ों की क्षमता में सुधार के उपायों का पालन करना सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। गुब्बारे फुलाने में पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।”
वे आगे कहते हैं, “जब एक दिन में 30 मिनट, 4 सप्ताह में 5 बार इसको किया जाता है, तो ये आपके फेफड़ों के लिए एक स्वस्थ व्यायाम की तरह काम करता है। इससे फोर्स्ड वाइटल कैपेसिटी (FVC), वाइटल कैपेसिटी (VC) पीक एक्सपिरेटरी फ्लो में काफी वृद्धि होती है। ऐसा देखा गया है कि 11 से 20 गुब्बारे हर दिन फुलाने से फेफड़ों की क्षमता में लगातार वृद्धि हो सकती है। हालांकि गुब्बारे फुलाने की एक्सरसाइज को सही प्रकार से करना बहुत जरूरी है।
डॉ. डी. एस.सौजन्या के अनुसार आपको गुब्बारे फुलाने के दौरान 3-4 सेकंड की अवधि के लिए अधिकतम सांस लेने की सिफारिश की जाती है। पूर्ण सांस छोड़ने की अवधि 5-8 सेकंड है और इसके बाद 2-3 सेकंड का विराम है।
इसको करने के लिए एक्सरसाइज बॉल ( Exercise Ball) पर बैठकर कूल्हे और घुटने की पेंशन (Knee Pension) (90/90) का उपयोग करके ब्रिज पोजीशन में गुब्बारे में हवा भरना एक निवारक तरीका है। जिसे बिना पेशेवर मदद के रोगियों द्वारा दैनिक रूप से किया जा सकता है।
गुब्बारे फुलाने की एक्सरसाइज हमारे फेफड़ों को ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में लेने में मदद करती है। हमारे शरीर के लिए ऑक्सीजन कितनी जरूरी है इस बात को सब जानते हैं। दरअसल गुब्बारे फुलाने के व्यायाम के दौरान हम अपने शरीर को जितनी अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करते हैं, उतनी देर हम बिना सांस फूले और थके हुए काम कर सकते हैं।
ऑक्सीजन हमारे शरीर में ग्लूकोज को तोड़कर और मांसपेशियों के लिए स्थान बनाकर कोशिकाओं और मांसपेशियों को ऊर्जा बहाल करती है। हमारे शरीर को जब भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धि होती है, तो मांसपेशियां खुद को अधिक ऊर्जा के भंडार से भरा हुआ पाती है। यह हमारे फेफड़ों की सहनशक्ति और क्षमता को भी बढ़ाती है।
रोजाना 10 या 20 गुब्बारों को फुलाने से फेफड़ों की क्षमता में लगातार वृद्धि होगी। समय के साथ ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए फेफड़ों की क्षमता में भी वृद्धि होगी। हालांकि यह सलाह दी जाती है कि यदि आप इस कसरत को शुरू करने जा रहीं हैं, तो एकदम से गति या संख्या न बढ़ाएं। पहले कुछ गुब्बारे फुलाएं और कुछ देर आराम करें। धीमे-धीमे गुब्बारों की संख्यों बढ़ाती जाएं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंडॉ.डी.एस.सौजन्या के अनुसार, फेफड़े की कार्यक्षमता में कमी और पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसी स्थिति वाले लोगों को गुब्बारे फुलाते समय चक्कर आ सकते हैं। एक बार जब आप गुब्बारे फुलाना बंद कर देंगे, तो यह प्रभाव दूर हो जाएगा। उपरोक्त लाभों को ध्यान में रखते हुए, दैनिक व्यायाम के रूप में गुब्बारे फुलाएं। यह आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
तो लेडीज़, देर किस बात की है! अपने मसल और वेट के साथ-साथ अपने फेफड़ों का ध्यान रखने का भी वक्त आ गया है। चलिए इस बेहतरीन एक्सरसाइज को अपनी फिटनेस रूटीन में शामिल करें।
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