अगर आप भी घंटों ऑफिस चेअर पर बैठे बैठे गुज़ार दते हैं, तो हिप फ्लैक्सर में दर्द और खिंचाव आना एक आम समस्या है। लगातार लंबे समय तक बैठे रहने से हिप फ्लैक्सर (hip flexor) में स्टिफनेस (stiffness) और दर्द महसूस होने लगता है। इससे धीरे धीरे पूरे शरीर में थकान का अनुभव होने लगता है। इससे हिप एरिया (hip area) के मसल्स (Muscles) प्रभावित होने लगते है और हिलने डुलने में तकलीफ महसूस होने लगती है।आइए जानते है, हिप्स की कुछ ऐसी एक्सरसाइज जो आपके शरीर को लचीला बनाएंगे। साथ ही लोअर बैक शोल्डर में आने वाली टाइटनेस (tightness) भी दूर होने लगेगी (yoga poses for tight hip flexors)।
हिप फ्लैक्सर हमें वॉक करने, एक्सरसाइज करने और स्क्वाट में मददगार साबित होता है। अगर आप उठने बैठने की तकनीक में बदलाव नहीं लराते हैं, तो आपको शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है। दरअसल, हिप फ्लैक्सर (hip flexor) वो मसल्स होते हैं, जो हमारे धड़ को लोअर बॉडी (lower body) से ज्वाइन करने का काम करते हैं। पेसो मेजर और पेसो माइनर के साथ साथ इलियाक्स तीनों मसल्स आपसे में मिलकर हिप फ्लैक्सर बनाती हैं।
नवासन यानि बोट पोज एक ऐसी मुद्रा है, जो आपको सीधे खड़े होने में मदद करती है। इसके अलावा पेट की मांसपेशियों को मज़बूत बनाती है।
इसे करने के लिए सबसे पहले दंडासन में बैठ जाएं। उसके बाद सांस अंदर की ओर भरते हुए रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें।
अब दोनों पाव आगे की ओर हवा में उठाएं और दोनों हाथों को घुटनों के करीब ले आएं
इसे आप दो से तीन बार दोहराएं।
इसे अगर आप नियमित तौर करती है, तो आपको दौड़ने या रॉक क्लाइम्बिंग जैसी अन्य गतिविधियों में आसानी होती है।
ये आसन जोड़ों, कमर के साथ साथ पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को भी फायदा पहुंचाता हैं।
नियमित तौर पर करने से तनाव से राहत मिलती है।
पाचनतंत्री को मज़बूती प्राप्त होती है।
धनुरासन यानि पीठ और शरीर के सामने हिस्से को स्ट्रेच करने वाला पोज़। इस आसन से पीछ से जुड़ी समस्याओं के अलावा पाचन संबधी विकार भी दूर हो जाते हैं। इसे बो पोज़ भी कहा जाता है। इसमें आपकी बॉडी धनुष के सामन मुड़ी हुई दिखती है।
सबसे पहले मकरासन में यानि पेट के बल लेट जाएं। उसके बाद बाजुओं को शरीर के साथ चिपका लें। अब दोनों टांगों को पीछे से उपर की ओर ले जाएं। घुटनों को मोड़ते हुए हाथों को पीछे की ओर खीचें।
अब दाहिने हाथ से दाहिने पैर को खींचे और बाहिने हाथ से बाहिने पैर को खींचने की कोशिश करें।
इस आसन में आपका पूरा शरीर खिंचा हुआ प्रतीत होता है।
इस योग से मानसिक तनाव को दूर करने में ूदद मिलती है।
इसे नियमित तौर पर करने से भूख न लगने की समस्या सुलझ जाती है।
इससे टांगों और बाजुओं में जमा अधिक चर्बी दूर हो जाती है।
महिलाओं को पीरियड्स के समय होने वाली पेट दर्द की समस्या से भी राहत मिलती है।
इस योग से ब्लड सर्कुलेशन नियमित हो जाता है।
इस येग मुद्रा में मेंढ़क की भांति लेटकर योग करने की क्रिया है। ये आसन मुख्य तौर पर पेट और उसके निचले हिस्से को प्रभावित करता है। इसे करने से मोटापे की समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही डायबिटीज़ की समस्या से भी बचा जा सकता है।
इसे करने से बैली फैट की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
इस योग की मदद से आप हिप, कमर और जोड़ों में दर्द की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं
स्ट्रेस राहत मिल जाती है और दिमाग शांत रहने लगता है।
एसिडिटी की समस्या से दो चार होने वाले लेग कुछ दिन में स्वस्थ महसूस करने लगते हैं।
मंडूकासन हार्ट पेशसेंट का फायदा पहुंचाता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसबसे पहले वज्रआसन में बैठ जाएं। उसके बाद एक लंबी सास को भरते हुए दोनों हाथों की मुट्ठी बना लें और अंगूठे अंदर की ओर करें।
अब आगे की ओर झुकें और छाती को ओर रखें और उसे जांघों पर टिका लें
इसके बाद सांस लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया को 4 से 5 मिनट तक करें।
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