आजकल महिलाएं सिडेंटरी लाइसस्टाइल जी रही हैं, जो उनके ओवरऑल हेल्थ को प्रभावित कर रही है। इससे सेहत से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं हो रही हैं, जिनमें से एक है जोड़ों का दर्द। उम्र बढ़ने के साथ -साथ यह समस्या और भी गंभीर होती जाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर इसका जल्दी इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर गठिया यानी अर्थराइटिस का कारण बन सकता है। कुलमिलाकर जोड़ों को सक्रिय रखना जरूरी है। यह मसल्स को अधिक फ्लेक्सिबल बनाने में मदद करता है। साथ ही मसल्स एवं टेंडन की गति सीमा को भी बढ़ाता (Yoga for joint mobility) है।
सर्दियों में अक्सर बुजुर्ग महिलाओं के ज्वाइंट्स फ्रीज़ करने लगते हैं। ऐसे में लाइफस्टाइल में कुछ सरल एक्सरसाइज एवं योगासनों को शामिल कर ज्वाइंट्स की मोबिलिटी को बढ़ाया जा सकता है। इससे शरीर के विभिन्न अंगों के जोड़ों में जमी गैस से छुटकारा मिलता है, जो जोड़ों में स्टिफनेस को दूर करने में भी मददगार होती है। इंस्टाग्राम पोस्ट में विशेषज्ञ कुछ ऐसे योगासन को करने की सलाह देती हैं जो जॉइंट्स की स्टिफनेस को दूर करने में मददगार है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थराइटिस एंड मस्कुलोस्केलेटल एंड स्किन डिजीज के अनुसार, ज्वाइंट्स स्वस्थ रहने से दौड़ना, चलना, कूदना, खेलना और अन्य सभी चीजें करना आसान रहता है। फिजिकल एक्सरसाइज, बैलेंस्ड डाइट, चोटों से बचने और भरपूर नींद लेने से आप फिट रहती हैं और आपके जोड़ भी स्वस्थ रहते हैं।
योगाभ्यास से ज्वाइंट्स के आसपास के मसल्स मजबूत होते हैं। चूंकि मसल्स शरीर को सहारा देते हैं, इसलिए जोड़ों पर तनाव एवं खिंचाव से राहत मिलती है। एक्सपर्ट्स बता रहे हैं उन कुछ आसनों के बारे में, जिन्हें करने से आपके जोड़ों की मोबिलिटी बनी रहती है।
योगा इंस्ट्रक्टर प्राची लिम्बचिया ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में दस मिनट में की जाने वाली वे एक्सरसाइज शेयर की है, जो आपके जोड़ों को स्वस्थ रख सकती हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
पहले दंडासन में बैठें। फिर सांस भरते हुए पैरों के टखनों (एंकल) को जितना हो सके, आगे एवं पीछे की ओर लेकर जाएं। कम से कम 10 बार इसकी प्रैक्टिस करना अच्छा रहेगा।
बैठकर अपने एंकल को घुमाएं यानी रोटेट करें। कम से कम 10 बार करें, जिसमें पांच बार क्लॉक वाइज और 5 बार एंटी क्लॉक वाइज हो।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंजमीन पर पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। फिर अंगुलियों को ऊपर की ओर एवं आगे-पीछे करके स्ट्रेच करें। पांच सेकंड होल्ड करें और फिर रिलैक्स करें। कम से कम 10 बार ऐसा करें।
योग इंस्ट्रक्टर प्राची लिम्बचिया अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, बैठकर घुटनों को पहले हाथ से पकड़कर मोड़ें और बाहर की ओर ले जाएं। इस तरह 10 बार करें।
अपने हाथ से पकड़कर घुटनों को घुमाएं। पांच बार क्लॉक वाइज एवं पांच बार एंटी क्लॉक वाइज रोटेट करें।
प्राची लिम्बचिया अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, जमीन पर अर्ध मुद्रा में लेट जाएं और फिर एक साइड के हिप को गोल घुमाएं। इसी तरह बाएं ओर के हिप को घुमाएं। 10 बार इसका अभ्यास करें।
10 बार एंटी क्लॉक वाइज और 10 बार क्लॉक वाइज घुमाएं।
बैठ जाएं। फिर अपनी गर्दन को पांच बार दाहिनी ओर और पांच बार बायीं ओर घुमाएं।
बैठकर कम से कम 10 बार अपने एल्बो को रोटेट करें।
सीधे होकर बैठ जाएं। फिर हाथ को सीधा करें और अपनी कलाई को पांच बार क्लॉक वाइज एवं पांच बार एंटी क्लॉक वाइज घुमाएं।
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