हर वक्त शारीरिक क्रियाओं में घुटनों का इस्तेमाल किया जाता है। फिर चाहे चलना हो, दौड़ना हो या सीढ़ियां चढ़ना। मगर उम्र के साथ घुटने में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। दर्द की समस्या उम्र के अलावा चोट लगने या फिर ज्यादा व्यायाम करने व वज़न उठाने से भी बढ़ने लगती है। दरअसल, कई प्रकार की एक्सरसाइज़ से घुटने के आसपास प्रैशर बिल्ड होने लगता है। ऐेसे में सही व्यायाम को चुनना बेहद फायदेमंद साबित होता है। घुटने की कार्यक्षमता को बढ़ाने, दर्द को कम करने और वज़न घटाने में व्यायाम की मदद ली जा सकती है। जानते हैं घुटनों में दर्द का कारण और उससे राहत पाने के लिए व्यायाम (exercises for knee pain)।
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार घुटना अक्सर कूल्हे और पैर के बीच का एक महत्वपूर्ण जोड़ है, जिसमें दर्द अक्सर टांग के ऊपर या नीचे होने वाली समस्याओं के कारण बढ़ने लगता है। दरअसल, कमज़ोर हिप मसल्स से घुटने पर ज़्यादा दबाव बढ़ने लगता हैं, जिससे आपका दर्द और बढ़ जाता है। वहीं कूल्हे के जोड़ के आसपास की मांसपेशियों को मज़बूत करने से दर्द से राहत मिल सकती है। इसके अलावा घुटने की मांसपेशियों में स्ट्रेस बढ़ जाने से दर्द का सामना करना पड़ता है। ऐसे में स्ट्रेचिंग करके इस समस्या को हल किया जा सकता है।
फिटनेस एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि घुटने के दर्द को कम करने के लिए उन एक्सरसाइज़ को रूटीन में शामिल करना चाहिए, जिससे हिप एब्डक्टर, हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स मसल्स को मज़बूती मिलती हैं। अपनी दिनचर्या में रोज़ाना नियमित रूप से दो व्यायाम एड करें। इससे दर्द को कम किया जा सकता है। मगा इनका अभ्यास और शुरूआत धीमी गति के साथ करें, ताकि थकान से बचा जा सके।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के अनुसार 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण घुटनों में दर्द का सामना करना पड़ता है। इससे जोड़ों में कमज़ोरी और फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ने लगता है। ये शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। मगर कलाई, रीढ़, घुटनों और कूल्हे को मुख्य रूप से प्रभावित करता है।
टांगों की मांसपेशियों की मज़बूती बढ़ाने के लिए लेग स्ट्रेच फायेदमंद साबित होती है। एक समय में एक टांग को उपर उठाकर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ से घुटनों में दर्द से राहत मिल जाती है। साथ ही कमर के दर्द को भी कम किया जा सकता है।
दीवार के सहारे की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ से घुटनों की मोबिलिटी में सुधार आने लगता है। इससे घुटनों को मोड़ने के दौरान होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। साथ ही काफ और क्वाड्रिसेप्स मसल्स की ताकत में सुधार आने लगता है।
घुटनों के दर्द को कम करने के लिए नी रोल एक्सरसाइज़ की मदद ली जा सकती है। घुटनों को मोड़कर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ से लचीलापन बढ़ने लगता है और शारीरिक थकान कम होने लगती है। सुबह उठकर इसे बेड पर लेटकर किया जा सकता है।
लेटकर की जाने वाली इस एक्सरसाइज़ को करने से ग्लूट्स व कोर मसल्स की मज़बूती बढ़ जाती है। इसका अभ्यास करने से शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर खिंचाव महसूस होने लगता है, जिससे टांगों और घुटनों में बढ़ने वाला दर्द कम होने लगता है। ।
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