हम खुद को हेल्दी रखने के लिए कुछ भी खाने-पीने लगते हैं। बिना किसी प्रकार के हेल्थ चेकअप कराये हेल्थ सप्लीमेंट्स लेने लगते हैं। कुछ महिलाएं तो कलरफुल फूड की सनक के पीछे आर्टफिशियल कलर्ड फूड का भी प्रयोग करने लगती हैं। इसके परिणाम ओवरवेट, ओबेसिटी आदि जैसी स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं। ये समस्याएं ईटिंग हैबिट्स सही नहीं होने के कारण होती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि ईटिंग हैबिट को बदला जाए और उन्हें हेल्दी किया जाए, तो कभी भी वेट गेन या मोटापे जैसी समस्या नहीं होगी।
अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन, पबमेड के द्वारा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के छात्रों पर अध्ययन किया गया। छात्रों को ग्रुप में बांटकर उनके हेल्दी और अनहेल्दी डाएट्री हैबिट्स पर स्टडी की गई छात्रों को मुख्य रूप से हाई कैलोरी फूड, हेल्दी स्नैकिंग, हेल्दी फूड के बारे में सही जानकारी, फूड प्रीप्रेशन से जुड़े सवाल पूछे गए।
उनके द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि जिन छात्राें की ईटिंग हैबिट अनहेल्दी थी, उन्हें ही ओवरवेट की समस्या थी। ऐसे छात्र जिन्हें हेल्दी फूड खाने की आदत थी, लेकिन वे मोटापे के शिकार थे, इसके पीछे जेनेटिक कारणों को वजह माना गया।
न्यूट्रीशनिस्ट निधि नहाटा हेल्थ शॉट्स को बताती हैं, इन दिनों बाजार में वेट लॉस के नाम पर अलग-अलग तरह के प्रोसेस्ड फूड मौजूद हैं। जानकारी के अभाव में हम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फूड्स का सेवन कर रहे हैं। प्रकृति में अलग-अलग रंग के फूड ग्रेंस, वेजिटेबल्स, फ्रूट्स मौजूद हैं, तो फिर हम आर्टिफिशियल फूड्स का सेवन क्यों करें। कोशिश करें कि आपकी थाली में पोषक तत्वों से भरपूर अलग-अलग रंग की प्राकृतिक भोजन सामग्री शामिल हो।
यहां हैं वे 5 हेल्दी ईटिंग हैबिट्स, जिन्हें अपने दैनिक जीवन में शामिल कर मोटापे या अधिक वजन की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
निधि नहाटा कहती हैं, ‘किसी सामान्य व्यक्ति की सलाह पर हम कई तरह के सप्लीमेंट्स और कैप्श्यूल लेने लगते हैं। हमें यदि किसी प्रकार की कोई शारीरिक समस्या होती है, तो बिना डॉक्टर के परामर्श के गोलियां खाने लगते हैं। हमें अपनी इस आदत में सुधार करनी चाहिए।
कोई भी सप्लीमेंट लेने से पहले हमें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।’ कई बार शरीर को बिना जरूरत के हम सप्लीमेंट्स प्रदान करने लगते हैं। इससे भी हमारे शरीर को दिक्कत होने लगती है।
पारस अस्पताल, गुरुग्राम की चीफ डाइटीशियन नेहा पठानिया कहती हैं, ‘कैलोरी इंटेक को घटाना बहुत कठिन नहीं होता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप भोजन के रूप में कितनी कैलोरी लेती हैं। ‘ ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने ईटिंग हैबिट्स में शामिल न करें, जिनमें बहुत अधिक कैलोरी मगर बहुत कम पोषक तत्व होते हों।
कई बार महिलाएं एक बार में बहुत ज्यादा खा लेती हैं और इसके बाद बहुत देर तक भूखी रहती हैं। ज्यादा देर तक भूखे रहने की बजाय उन्हें सही मात्रा और सही पोर्शन में खाने की आदत डालनी चाहिए। सुबह के नाश्ते को भी उन्हें कभी स्किप नहीं करना चाहिए।
किसी भी वयस्क को दिन भर में 6 ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए। सोडियम की अधिक मात्रा भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याआें के लिए जिम्मेदार होती है। पैकेज्ड फूड में नमक और सैचुरेटेड फैट दोनों की मात्रा अधिक होती है। डिब्बाबंद पेय में शुगर सिरप होने के कारण यह अनहेल्दी होता है। अपने भोजन में नमक और चीनी, दोनों की मात्रा को संतुलित रखें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंनेहा पठानिया के अनुसार, लो कैलोरी ब्वॉयल्ड एग आपको एनर्जेटिक बनाए रखता है। उसी तरह मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद रहने के कारण ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। यह गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। इसलिए भोजन में प्रतिदिन 1 उबले अंडे को शामिल किया जा सकता है। सप्ताह में 3 दिन स्वस्थ तरीके से पकाई गई मछली का भी सेवन संतुलित मात्रा में किया जा सकता है।
चलते-चलते
पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। बिना प्यास के भी पानी पीना चाहिए। दिन भर में 3-4 लिटर पानी गट हेल्थ, किडनी हेल्थ, स्किन सभी के लिए बेहद जरूरी है।
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