हम जिम में एक्सरसाइज करने जाते हैं, लेकिन ट्रेनर की बात पर ध्यान नहीं देते हैं। आपको ट्रेनर के निर्देशन में एक्सरसाइज और वर्क आउट करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना होगा। इससे व्यायाम और फिटनेस लक्ष्यों तक पहुंचने की दिशा में मददगार कदम साबित होगा। इसके आधार पर प्रशिक्षक आपके शरीर की जरूरत के हिसाब से एक्सरसाइज सीखा पाएंगे। आपकी दिनचर्या विकसित कर पाएंगे। आपको सही तरीके से व्यायाम करने का तरीका सिखाने में उन्हें सहूलियत होगी। आपके अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए ट्रेनर के साथ एक्सरसाइज करने से पहले आपको इन 5 बातों को ध्यान में रखना (exercising with trainer) होगा।
व्यायाम करने में समय और मेहनत लगती है। इसलिए एक उद्देश्य तय करना जरूरी है। वर्कआउट के लिए ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिसे आप सिर्फ अपनी टू-डू सूची में ही रखें। इस पर आप वास्तविक रूप से नियमित वर्कआउट कर पाएंगी। आपका वर्कआउट और एक्सरसाइज अधिक प्रभावी हो पायेगा और आपको अधिकतम लाभ मिल पायेगा। सबसे ख़ास बात यह है कि इससे ट्रेनर को यह समझने में सहूलियत होगी कि वेट मैनेजमेंट के लिए आपको किस तरह के वर्कआउट और एक्सरसाइज कराई जाये।”
सबसे पहले ध्यान रखें कि कभी भी कठिन लगने वाली एक्सरसाइज बिना ट्रेनर के निर्देशन के नहीं करें। यदि आपके ट्रेनर प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में व्यायाम करने की सलाह देते हैं, तो उनकी बात को फॉलो करें। आप यदि स्वयं जरूरी वर्कआउट करन शुरू करती हैं, तो ट्रेनर उसे सही दिशा में बढ़ा पाएंगे। ट्रेनिंग सेशन में कम से कम एक बार स्वयं नियमित रूप से कुछ मिनटों के लिए वार्मअप वर्कआउट करें। अपनी जगह पर मार्च करें। अपनी बाहों को हिलाएं। ट्रेडमिल पर चलें।
जब आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत करती हैं, तो आपका शरीर ऊर्जा के लिए संग्रहीत चीनी यानी ग्लाइकोजन का उपयोग करता है। एरोबिक व्यायाम शुरू करने के लिए ट्रेनर आपके दिल और फेफड़ों पर काम करने वाले व्यायाम की सलाह दे सकते हैं। जैसे कि तेज चलना या डांस करना। इसका अभ्यास धीरे-धीरे शुरू कर दें। मांसपेशियों में जमा ग्लाइकोजन को जलने में लगभग 20 मिनट लगते हैं। जब वह खत्म हो जाएगा, तो शरीर के लिए सबसे अच्छा ईंधन स्रोत वसा होगा। इसलिए एरोबिक एक्सरसाइज के साथ वसा जलाने का प्रयास करने का यह बेहतर समय है।
एक मजबूत दिनचर्या मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। कुछ दिनों के लिए अपनी मांसपेशियों को आराम देने से उन्हें मरम्मत करने, ठीक होने और फिर से मजबूत होने का समय मिलता है। एक दिन अपने ऊपरी शरीर की मांसपेशियों पर ध्यान केंद्रित करें। अगले दिन अपने निचले शरीर की मांसपेशियों पर ध्यान दें। किसी एक एक्सरसाइज में दोनों मांसपेशी समूहों पर काम करें। लेकिन अगले व्यायाम सत्र से पहले एक दिन की छुट्टी लें। प्रति रात सात से नौ घंटे सोना भी मरम्मत और रेजुवेनेशन प्रक्रिया के लिए जरूरी है। मांसपेशियों के साथ-साथ पूरे शरीर विशेष रूप से मस्तिष्क, रक्त वाहिकाओं और हृदय के लिए भी आराम जरूरी है।
हर समय एक ही तरह के व्यायाम करने से मांसपेशियां शिथिल हो सकती हैं। वे मजबूत भी नहीं हो पाती हैं । आप अलग-अलग प्रकार के व्यायामों से अपनी मांसपेशियों को चुनौती दें। समान मांसपेशियों पर काम करें, लेकिन इसे थोड़ा अलग तरीके से करें। उदाहरण के लिए यदि आप स्क्वैट्स कर रही हैं, तो अपने लंग्स पर भी ध्यान दें।
स्ट्रेचिंग मांसपेशियों को लचीला बनाए रखता है। यह उन्हें चोट से बचाता है और गति सीमा में सुधार करता है।गर्दन, कंधे, छाती, धड़, पीठ के निचले हिस्से, कूल्हों, पैरों और टखनों सहित सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों को प्रति सप्ताह कम से कम कुछ बार स्ट्रेच करें। ध्यान दें कि खिंचाव के दौरान उछलें नहीं; जो मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। 30 सेकंड का स्ट्रेच ठीक है। 60 सेकंड का स्ट्रेच और भी अधिक प्रभावी है।
अपने शरीर को हेल्दी फ्यूल दें, जो हाइड्रेशन और अच्छे भोजन से मिलता है। हर दिन तीन से छह कप तरल पदार्थ जैसे- पानी, जूस, या सूप जैसे पानी वाले खाद्य पदार्थ की आवश्यकता होती है। यदि आपको कसरत के दौरान बहुत ज्यादा पसीना आता है, तो इससे भी अधिक फ्लूइड की आवश्यकता होगी। प्लांट बेस्ड फ़ूड खाएं, जिसमें फलों, सब्जियों, नट्स और साबुत अनाज पर जोर दिया जाए। मीडियम मात्रा में मछली और चिकन खाएं। रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट अवॉयड करें।
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