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बैली फैट से छुटकारा पाने का सुपर इफेक्टिव तरीका है कपालभाति, जानिए इसे करने का सही तरीका 

जब आप घंटों एक ही मुद्रा में कुर्सी पर बैठी रहती हैं, तो सारा भार आपके पेट पर आ जाता है। जिससे पेट पर चर्बी जमने लगती है। अगर आप भी डेस्क जॉब में हैं, तो आज ही से हर रोज कपालभाति का अभ्यास शुरू करें।
नियमित रूप से 10 मिनट कपालभाति करने से ऑक्सीजन की आपूर्ति बढृती है। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 13 Sep 2022, 11:21 am IST

नौ से पांच की नौकरी में आपके दिन का एक लंबा समय कुर्सी पर लगातार बैठे रहने में बीतता है। उस पर भी जब आप आराम करना चाहती हैं, तो भी कुछ देर बैठना ही पसंद करती हैं। जिसकी वजह से आपके पेट के आसपास बहुत सारी चर्बी जमा हो जाती है। पेट पर जमी हुई चर्बी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। इससे न केवल आपका पोश्चर खराब होता है, बल्कि आपको प्रजनन संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आप इससे छुटकारा पाना चाहती हैं, तो हर रोज कपालभाति का अभ्यास करें। हर रोज़ बस दस मिनट कपालभाति का अभ्यास आपका बैली फैट कम करन में मददगार हो सकता है। 

लगातार डेस्क जॉब के कारण एसिडिटी, ब्लोटिंग आदि की समस्या आम है। इसकी वजह से आपका वजन बढ़ा हुआ मालूम होने लगता है। कमर के चारों ओर चर्बी भी बढ़ी दिखाई देती है। ऐसी स्थिति में आपके मन में यह सवाल उठ सकता है कि ऐसी कौन सी एक्सरसाइज या योगासन किया जाए, जिसे करना आसान हो और न ही जिसमें समय ज्यादा लगता हो। आपके इस सवाल का जवाब है कपालभाति। 

कपालभाति से हो जाती है पेट पर जमी चर्बी गायब

कपालभाति मेरा खुद का आजमाया हुआ नुस्खा है। जब ऑफिस में लगातार 7 घंटे तक सिटिंग जॉब करनी पड़ती थी, तो पेट के चारों ओर चर्बी की एक मोटी पर्त जम गई थी। मैंने इससे छुटकारा पाने के लिए कई एक्सरसाइज ट्राई की। मगर मुझे कपालभाति से बेहतर कुछ नहीं लगा। 

मैंने दिन में दो बार कपालभाति का अभ्यास करना शुरू किया। सुबह खाली पेट 500-700 बार और फिर ऑफिस से आने के तुरंत बाद खाली पेट 500 बार। मैंने सिर्फ 2 महीने में फर्क महसूस करना शुरू कर दिया। 4-5 वें महीने तो चर्बी बिल्कुल गायब हो गई।

आप भी जानिए कपालभाति के फायदे

यदि सही तरीके से कपालभाति किया जाए, तो यह न सिर्फ बेली फैट घटाता है, बल्कि मेटाबॉलिज्म में भी सुधार करता है। गैस, एसिडिटी और ब्लोटिंग की समस्या को भी यह दूर करता है। 

मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है कपालभाति 

योगासन करें स्वस्थ रहें के लेखक सुरेश सिन्हा के अनुसार, कपाल भाति प्राणायाम से मस्तिष्क के सामने के हिस्से की शुद्धि होती है। विचारों तथा दृश्यों का आना बंद हो जाता है। इससे मन को आराम मिलता है। मन एनर्जेटिक होता है और मेमोरी पावर भी बढ़ती है। 

कपालभाति में सांसों पर ध्यान देना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक

कपाल भाति  करने से ब्रेन में ब्लड क्लॉट बनने से बचाव होता है। बस जरूरी है कि आप इसे सहज भाव से करें। इसमें  रेचक की ही प्रमुखता होती है। इसमें दाेनों नथुनों से सांस लेना और जोर से छोड़ना होता है। साठ से सौ तक रेचक करने के बाद लंबा रेचक करें। सांस बाहर रोकें।

कुछ सावधानियां रखना भी है जरूरी 

कपाल भाति करने से पहले कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। यदि इन बातों को ध्यान में नहीं रखा जाता है, तो फायदे की बजाय नुकसान भी हो सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, पेट में किसी तरह की बीमारी है, तो कपाल भाति न करें।

प्रेगनेंसी के दौरान या प्रेगनेंसी के बाद यह प्राणायाम न करें।

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

पीरियड के दौरान या बैक पेन होने पर भी कपालभाति न करें।

ध्यान दें कि खाना खाने के तुरंत बाद कपालभाति करना नुकसानदेह हो सकता है। इसे खाना खाने के 6 घंटे बाद ही करें। 

अब जानिए कपालभाति करने का सही तरीका 

 

सबसे पहले पद्मासन में बैठ जाएं।

रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। आराम से बैठ जाएं।

हाथों को घुटनों पर आकाश की तरफ रखें।

गहरी सांस लें।

सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचे। जितना हो सके उतना ही करें। इस क्रम में नाभि को अंदर की ओर खींचें।

यदि आप पेट की मांसपेशियों के सिकुड़न को महसूस करना चाहती हैं, तो पेट पर हाथ रख लें।

ऑफिस से आने के बाद भी खाली पेट कपालभाति किया जा सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कपालभाति प्राणायाम के एक राउंड को पूरा करने के लिए 20 बार सांस छोड़ सकती हैं।

एक राउंड खत्म होने के बाद आराम करें।

आंखों को बंद कर लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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