108 Sun Salutation : सही अभ्यास या ज्यादा संख्या, सूर्य नमस्कार में क्या है ज्यादा महत्वपूर्ण

एक अकेला सूर्य नमस्कार 12 आसनों का लाभ देता है। दुनिया भर में लोग इससे होने वाले फायदों का लाभ ले रहे हैं। कुछ लोग इसकी प्रतियोगिताएं भी करते हैं। पर सेहतमंद रहने के लिए सूर्य नमस्कार में क्या है ज्यादा महत्वपूर्ण, आइए जानते हैं।
Surya namaskar ke fayde
सूर्य नमस्कार करना सेहत के लिए लाभदायक है, करने का सही तरीका पता हो मिलते हैं कई लाभ। चित्र शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 9 Jun 2023, 08:00 am IST
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भारतीय संदर्भो में 108 बहुत महत्वपूर्ण संख्या मानी जाती है। खासतौर से योग और अध्यात्म में इस नंबर का खास महत्व है। 21 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह खास दिन है महान भारतीय योग पद्धति को दुनिया भर में सेलिब्रेट करने का। जिसकी तैयारियों में हर आम और खास अभी से लग गया है। इन दिनों अधिकतर बॉलीवुड सितारे जैसे करीना कपूर, आलिया भट्ट और मलाइका अरोड़ा सहित न जाने कितने स्टार 108 सूर्य नमस्कार करते दिख रहे हैं। तो क्या योग में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में अभ्यास करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है? आइए जानने की कोशिश करते हैं।

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कई योगासनों का समूह है सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार को सर्वश्रेष्ठ सेट में एक माना जाता है। लेकिन यह जानना बेहद जरूरी है कि एक बार में 108 बार सूर्य नमस्कार करना सही है। इस विषय में चर्चा करने के लिए हेल्थ शाट्स ने योगिनी जूही कपूर से बात की। चर्चा में जूही ने सूर्य नमस्कार करने के फायदे और साइड इफेक्ट के बारे में बताया। तो चलिए जानते हैं बॉलीवुड सितारों के पदचिन्हों पर चलना सही विचार या नहीं।

Yoga se neck wrinkles ki samasya hogi dur
सूर्य नमस्कार करने से सेहत का मिलता है लाभ। चित्र अडोबी स्टॉक

कितने सूर्यनमस्कार करना उचित है

दिन की शुरूआत सर्यनमस्कार से करना सही है, पर किसी भी चीज को अधिक मात्रा में करना सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। योगा एक्सपर्ट के अनुसार 108 सूर्यनमस्कार एक बार में एक साथ सही तरीका नहीं हैं। यह शरीर को चोट और कई तरीके के दिक्कतों को जन्म दे सकता है।
किसी भी योग को करते वक्त गिनती करना जरूरी नहीं है। इसके अलावा ध्यान देना होगा की सांस कैसे ले रहे हैं आप, पोश्चर सही है या नहीं, दिमागी संतुलन कितना सही है। इन सभी बातों को ध्यान में रख कर सूर्यनमस्कार करना सही रहेगा। नहीं तो आप चाहे कितने भी सूर्यनमस्कार कर लें, शरीर को फायदा नहीं मिल पाएगा। सही तरीका और पोश्चर आपाको सूर्य नमस्कार के फायदे के साथ शरीर को चोट लगने से भी बचा पाएगा।

यहां हैं नियमित और संतुलित सूर्य नमस्कार करने के फायदे

जो लोग इसे रोज़ करते हैं उनके लिए सूर्यनमस्कार का एक क्रम है, जिसमें सात योग आसन शामिल हैं। योग आसन में बैकवर्ड बेंड, फॉरवर्ड बेंड, लंज पोज़, प्लेंक पोज, चेस्ट और लिंब पोज, कोबरा पोस, और डाउनवर्ड फेसिंग पोस। सूर्यनमस्कार शुरूआत करने वाले किसी भी शक्स के लिए करना थोड़ा मुश्किल है।
जो लोग रेगुलर करते हैं वे एक बार में ही 108 सूर्यनमस्कार योग कर लेते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि हर कोई सूर्यनमस्कार करे। लेकिन इसके हेल्थ बेनेफिट के कारण इसे डेली किया जा सकता है। योग विशेषज्ञ कहती हैं नियमित रूप से इसे करने से कई लाभ मिल सकते हैं।

– ब्लड सर्कुलेशन सही रखने में मददगार
– मसल्स और हड्डियों की कमजोरी दूर करे
– हार्मोनल संतुलन को सही करने में मददगार
-एंडोक्राइन सिस्टम सही करे
– काम करने की क्षमता को बढ़ाए
– नींद और नर्व सिस्टम बेहतर तरीके से काम करे

अब जान लीजिए सूर्य नमस्कर को करने का तरीका

ब्रीथ- आपको जानकारी होनी चाहिए की कम सांस लेना, कब छोड़ना है और कितनी देर के लिए होल्ड करना है। सूर्य नमस्कार करने से पहले यह
जानकारी कर लें।

पोश्चर- आप इसे सही तरीके से कर रहे हैं जिससे मांसपेशियों भी शामिल हो। जो पोश्चर आपने चुना है उस पर विचार करें। क्योंकि इसे करने के लिए
सही पोश्चर की जरूरत होती है।

स्टेट ऑफ माइंड- जानकारी करें की सूर्य नमस्कार के सात आसन आपको क्या शिक्षा देते हैं। जैसे आगे की ओर मुड़ने पर आप जमीन से जुडे रहना
सीखते हैं। वहीं पीछे की ओर झुकने से आप निडर और गौरवान्वित होना सीखते हैं। इसी प्रकार हर आसन कोई न कोई शिक्षा देता है। इसलिए आपको
मात्रा की बजाए गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।

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108 सूर्य नमस्कार करने का तरीका जाने यहां। चित्र : एडॉबीस्टॉक

कितनी देर करना चाहिए- सूर्यनमस्कार करने के लिए जरूरी है कि आप खुद तय करें कि इसे करने के लिए आप कितना तैयार है, कितनी देर सही पोश्चर में इसे कर सकते हैं। उदहरण के तौर पर अगर बात करें तो यह उचित नहीं है कि पांच सेकेंड में सूर्यनमस्कार पूरा कर लिया जाए।
सही तीरके से करना आपके स्टेमिना के साथ ताकत को भी बढ़ाएगा। यदि कोई व्यक्ति सूर्य नमस्कार को सही तरीके से कर रहा है सही पोश्चर के साथ। तो उसे गलत तीरके से कर रहे व्यक्ति की तुलना में लाभ अधिक होगा। जरूरी नहीं आप सभी सूर्यनमस्कार करें। 10-15 ही करें लेकिन सही तरीके से।

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