शरीर को स्वस्थ रहने के लिए फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है। शरीर के निष्क्रिय रहने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक बैठकर काम करने से भी समस्या हो सकती है। शोध बताते हैं कि नियमित रूप से कार्डियो एक्सरसाइज की जाए तो दिल के रोगों से दूर रहा जा सकता है। मृत्यु दर कम किया जा सकता है। यहां तक कि कार्डियो एक्सरसाइज से से उम्र भी बढ़ (cardio fitness for longevity) सकती है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में एरोबिक एक्सरसाइज के प्रभाव का अध्ययन निष्कर्ष प्रकाशित किया गया। इसमें एरोबिक एक्सरसाइज के स्वास्थ्य प्रभावों पर 26 समीक्षाओं के परिणामों का विश्लेषण किया गया। इन परीक्षणों में व्यायाम और हृदय स्वास्थ्य तथा उम्र के बीच संबंधों की जांच की गई। अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, नियमित कार्डियो एक्सरसाइज करने से मृत्यु का जोखिम 11% से 17% तक कम हो गया और हृदय गति रुकने का जोखिम 18% तक कम हो गया।
कार्डियो फिटनेस को कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस (CRF) या एरोबिक फिटनेस के रूप में भी जाना जाता है। यह लगातार शारीरिक गतिविधि के दौरान हृदय, फेफड़े और ब्लड वेसल्स की ऑक्सीजन की आपूर्ति करने की क्षमता को दर्शाता है। एरोबिक एक्सरसाइज कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस को बनाए रखने की कुंजी है। एरोबिक गतिविधियों के माध्यम से कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस को मजबूती दी जा सकती है। हार्ट को पंप करने वाले एरोबिक व्यायाम हैं: दौड़ना, स्वीमिंग, साइकिल चलाना, ब्रिस्क वॉक, डांस।
एरोबिक एक्सरसाइज फिजिकल एक्टिविटी है, जो शरीर में बड़े मांसपेशी समूहों का उपयोग करती है। इस प्रकार का व्यायाम आमतौर पर लयबद्ध और दोहराव वाला होता है। आप अपने वर्कआउट की तीव्रता को एडजस्ट (intensity of your workout) कर सकती हैं। यह इस प्रकार के व्यायाम के दौरान शरीर की मेहनत पर निर्भर करता है।
हम सभी को हाई लेवल की फिटनेस हासिल करने और उसे बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। हमें प्रति सप्ताह 150 से 300 मिनट मध्यम एरोबिक गतिविधि जैसे कि चलना, दौड़ना, तैरना, बाइक चलाना करना चाहिए। इसके बदले में 75 मिनट जोरदार गतिविधि या दोनों का मिश्रण करने की सलाह दी जाती है। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए सप्ताह में दो बार रेसिस्टेंस ट्रेनिंग की सिफारिश की जाती है।
फिटनेस का स्तर जितना अधिक होगा, जीवित रहने की दर उतनी ही अधिक होगी। यह विशेष रूप से वृद्ध लोगों और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में देखा जा सकता है। फिटनेस लेवल हाई रहने पर जीवन की संभावना बढ़ जाती है।
नियमित रूप से की जाने वाली मध्यम (medium activity) और जोरदार शारीरिक गतिविधि (Intense physical activity) हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। इससे हृदय की फेफड़ों और पूरे शरीर में ब्लड पंप करने की क्षमता में सुधार होता है। इसके कारण मांसपेशियों में अधिक ब्लड फ्लो (Blood flow) होता है। इससे ब्लड में ऑक्सीजन लेवल बढ़ जाता है। एरोबिक एक्सरसाइज ब्लड फ्लो को बेहतर बनाता है। इससे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कम होती है। यह समग्र एरोबिक फिटनेस को बढ़ाता है। यह ट्रेडमिल परीक्षण द्वारा मापा जाता है। इसकी मदद से हृदय कितनी अच्छी तरह पंप करता है, में मदद करता है।
एरोबिक व्यायाम कई स्थितियों के जोखिम को कम करता है। इन स्थितियों में मोटापा, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, मेटाबोलिक सिंड्रोम, स्ट्रोक और कुछ प्रकार के कैंसर शामिल हैं। वजन उठाने वाले एरोबिक व्यायाम (Weight-bearing aerobic exercises) ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम (risk of osteoporosis) को कम करने में मदद करते हैं।
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