मजबूत ग्लुट्स मसल्स स्ट्रेंथ ट्रेनिंग परफॉरर्मेंस और किसी भी प्रकार के चोट से बचाव करता है। इससे बट भी शेप में आ पाता है। इसके लिए बूटी एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। अगर इन वर्कआउट को रोज नहीं किया जाता है, तो इससे मसल्स के कड़े होने की संभावना बनी रहती है। इससे चोट भी अधिक लग सकती है। बूटी एक्सरसाइज यानी ग्लुट्स एक्सरसाइज, जिन्हें अपने वर्कआउट रेजिम में शामिल करना बेहद जरूरी होता है। इसके लिए हमने बात की मणिपाल अस्पताल, गुरुग्राम में कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. इस्मित त्यागी से।
डॉ. इस्मित त्यागी बताते हैं, ‘ एक मजबूत बट स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। स्वस्थ आहार के साथ ग्लूट प्रशिक्षण को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल करना जरूरी है। इससे पीठ के निचले हिस्से और घुटने के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। अपने पोस्चर में सुधार कर सकती हैं। रोजमर्रा के कार्यों को आसानी से करने में मदद मिल सकती है। यदि नियमित रूप से और सही तरीके से बट एक्सरसाइज किया जाये, तो इससे जॉइंट स्ट्रेंथ बढ़ता है। घुटनों, जोड़ों और हिप जॉइंट में गतिशीलता बढ़ती है। दो बट एक्सरसाइज को यदि नियमित रूप से किया जाये, तो भी फायदा पहुंचेगा।’
ग्लुट्स एक्सरसाइज में सबसे फायदेमंद है बट किक। यह एक प्रकार का प्लायोमेट्रिक या जंप ट्रेनिंग व्यायाम है। यह एरोबिक एक्सरसाइज है, जो कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को मदद करते हैं। ये शरीर के वजन का उपयोग करके मांसपेशियों की ताकत और सहनशक्ति को बढ़ावा देते हैं। बट किक्स को एथलीटों के लिए जरूरी माना जाता है। बट किक हैमस्ट्रिंग संकुचन की गति को बढ़ाने में मदद करती है। इससे तेजी से दौड़ने में मदद मिलती है। यह हैमस्ट्रिंग मसल्स और ग्लूट्स दोनों के लिए काम करती है। इसे क्वाड्स के लिए एक गतिशील खिंचाव के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
बट किक्स करना आसान है। इसे कहीं भी किया जा सकता है। यहां तक कि अपने कमरे या ड्राइंग रूम में भी।
पैरों को थोड़ी दूरी पर रखकर अपनी अपनी साइड हाथों को रखकर खड़े हो जाएं।
हैमस्ट्रिंग मांसपेशियों को सिकोड़कर धीरे-धीरे अपनी दाहिनी एड़ी को बट तक ले जाएं।
दोनों हाथों को आगे कर के आपस में जोड़ लें।
दाहिने पैर को वापस जमीन पर रखें।
धीरे-धीरे अपनी बायीं एड़ी को हिप की तरफ ले जाएं।
धीरे-धीरे गति बढ़ाते हुए इस क्रम को दोहराती जाएं ।
गति तब तक बढ़ाती रहें जब तक आपको ऐसा न लगे कि आप अपनी जगह पर जॉगिंग कर रही हैं।
किक बट एक्सरसाइज करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।
किक बट एक्सरसाइज करते हुए गति बढ़ाने से पहले धीरे-धीरे शुरुआत करनी चाहिए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका कोर एंगेज है और टाइट है।
आपकी छाती खुली होनी चाहिए। पैर को ऊपर उठाते समय हैमस्ट्रिंग को सिकोड़ने पर अधिक ध्यान देने की कोशिश करें।
डॉ. इस्मित त्यागी बताते हैं, स्क्वाट्स कैलोरी बर्न कर बट को शेप में लाते हैं। वजन कम करने में मदद कर सकते हैं। घुटनों और टखनों में चोट लगने की संभावना को कम कर देते हैं। व्यायाम करने के दौरान यह पैर की मांसपेशियों के आसपास टेंडन, बोन और लिगामेंट को मजबूत करता है।
पैरों को थोड़ा चौड़ा करके खड़ी हो जाएं। पैर की उंगलियां सामने की ओर हों।
कूल्हों को पीछे की ओर ले जाएं। घुटनों और टखनों को मोड़कर घुटनों को थोड़ा दबा लें।
एड़ी और पैर की उंगलियों को जमीन पर रखकर कंधों को पीछे रखते हुए स्क्वाट पोजीशन में बैठें।
घुटने को 90 डिग्री के कोण पर मोड़ें।
सीधे खड़े होने की स्थिति में लौटने के लिए एड़ी को दबाएं और पैरों को सीधा करें।
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