बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं का वज़न बढ़ना, मोटापा आना और खान पान में बदलाव सामान्य बात है। इसका प्रभाव हमारे शरीर पर धीरे धीरे दिखने लगता है। दरअसल, शिशु को स्तनपान (Breast feeding) करवाने के चलते महिलाओं को अपनी डाइट में कई ज़रूरी बदलाव लाने पड़ते है। उसका असर बॉडी पर दिखने लगता है और वे दिन ब दिन वेट पुटऑन (Weight put on) करने लगती है। कई बार वॉटर रिटेंशन (Water retention) या अन्य कारणों से भी वज़न बढ़ने लगता है। ऐसे में कई बार बहुत सी महिलाएं हताश और निराश हो जाती है (Post delivery yoga poses) ।
बच्चे के जन्म के बाद भी शरीर ज्यों का त्यों रहने से बहुत सी महिलाएं जिम और वॉक करने लगते हैं। हांलाकि इससे हमारा शरीर थकान महसूस करता है। डिलीवरी के बाद वज़न कम करने में ये चार आसान योगासन आपकी मदद कर सकते हैं।
इस योग को नियमित तौर पर करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है। इस योग की मदद से कमर दर्द में आराम मिलता है और बैली फैट (Belly fat) भी बर्न होने लगता है। डिलीवरी के बाद ये योगासन शरीर को आराम पहुचांने और अतिरिक्त वसा को दूर करता है।
इसे करने के लिए वज्रासन में बैठें और मैट पर घुटनों को टिकाकर तलवों पर बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को थाइज पर टिकाकर रखें।
इसके बाद घुटनों के बल खड़े हो जाएं और दोनों हाथों को आगे की ओर खींचें।
अब धीरे धीरे हाथों को ज़मीन पर टिकाएं और पंजों के बल खड़े हो जाएं। इसके बाद दाएं घुटने को आगे की ओर बढ़ाएं और सिर को घुटने से छूने का प्रयास करें।
इसके बाद दाई टांग को पीछे की तरफ हवा उपर की ओर उठाएं। वहीं बाईं टांग को ज़मीन पर टिकाए रखें। वहीं गर्दन को उपर ओर रखें, जितना हो सके स्ट्रेचिंग करें।
पेट के बल किए जाने वाले इस योगासन को भुजंगासन कहा जाता है। इसे करने के लिए गर्दन को उपर की ओर स्ट्रेच करना पड़ता है। इस योग को सर्पासन भी कहा जाता है। इसे नियमित तौर पर करने से शरीर में लचीलापन आने लगता है।
इस आसन को करने के लिए पेट के बल मैट पर लेट जाएं। अब हथेलियों को छाती के पास ज़मीन पर टिका लें।
इस आसन के दौरान दोनों पैरों को एक दूसरे के साथ जोड़ लें। पैरों को भी 5 से 7 इंच उपर उठाने का प्रयास करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइसे करने के लिए आगे से हेड को उपर की ओर स्ट्रेच करें। जहां तक संभव को गर्दन को उंचा उठाएं। उसके बाद धीरे धीरे चेस्ट को नाभि तक उपर उठा लें।
अब दोनों हाथों को कमर के पास रखें। इस दौरान लंबी सांस लें और छोड़ें।
इस योग को करने से डिलीवरी के बाद वेट रिडक्शन में फायदा मिलता है। इससे पेट पर जमा अत्यधिक चर्बी अपने आप बर्न होती है। इससे कंधों से लेकर टांगें तक सभी बॉडी पार्टस में खिंचाव महसूस होता है। इससे शारीरिक दर्द से भी राहत मिल जाती है। इसे करने से पीठ संबधित समस्याओं से भी राहत मिल जाती है। इससे बाजूओं को मज़बूती मिलती है। साथ ही लोअर बैक पेन भी धीरे धीरे दूर होने लगता है।
इस योग को करने के लिए ऊंट के समान घुटनों के बल बैठ जाएं। अब लंबी सांस लें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए शरीर को आगे की ओर बढ़ाएं।
इसके बाद दोनों हाथों को पीठे ले जाते हुए दोनों पैरों को नकड़ लें। इसे करते वक्त आप नाभि पर एक खिंचाव महसूस करने लगें। ये स्ट्रेच वेटलॉस में मददगार साबित होता है।
इसके बाद गर्दन को पीछे की ओर रखें और ढ़ीला छोड़ दें। 10 से 15 सेकण्ड तक इस मुद्रा में रहने के बाद इस योग को 3 से 4 बार दोहराएं।
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