जब बात आती है स्लिम बॉडी की तो हम सभी वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की ओर ही भागते हैं। क्योंकि वेट लिफ्टिंग से आपका शरीर शेप में आता है और मसल्स टोन होती हैं।
मैं भी हमेशा से वेट लिफ्टिंग के पक्ष में ही रही। एक तो वेट लिफ्टिंग से मेरी बॉडी टोन हो रही थी और दूसरा मैं वेट ट्रेनिंग को एन्जॉय करती थी।
लेकिन कुछ महीने पहले स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मेरी मांसपेशियां अकड़ने और दुखने लगीं! पिछले दो साल से वेट लिफ्टिंग करने के कारण मैं उन एक्सरसाइज से ऊब गयी थी। तब मैंने तय किया कि स्ट्रेचिंग को मौका देकर देखा जाए। और परिणाम पर मुझे खुद यकीन नहीं हुआ-
ऑफिस हो या वर्क फ्रॉम होम, दिन भर बैठे रहने से हमारी पीठ अकड़ जाती है और लोअर बैक में दर्द होने लगता है। जब से मैंने स्ट्रेचिंग शुरू की, मेरी पीठ का दर्द पूरी तरह खत्म हो गया। लोअर बैक ही नहीं कंधो और गर्दन का दर्द भी दूर हो गया। ये फायदे सिर्फ मुझे ही नहीं हो रहे थे – हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोध में पाया गया कि स्ट्रेचिंग पीठ की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है, मजबूत बनाता है और दर्द खत्म करता है।
जर्नल ऑफ़ फिजिकल थेरेपी साइंस में प्रकाशित स्टडी का दावा है कि स्ट्रेचिंग करने से पॉस्चर सुधरता है। और अच्छे पॉस्चर से आपकी बॉडी लेंग्वेज भी बदल जाती है। नियमित स्ट्रेचिंग करने से आपके पीठ और कंधे सीधे रहेंगे।
जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी की स्टडी के अनुसार, स्ट्रेचिंग से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ब्लड फ़्लो बढ़ता है तो आप दिन भर एक्टिव महसूस करते हैं। इस कारण आपको थकान नहीं लगती और सर दर्द भी नहीं होता।
इसमे कोई शक नही कि स्ट्रेचिंग करने से शरीर ज्यादा लचीला बनता है। मैं वेट लिफ्टिंग काफी समय से करती आई हूं, और इसका एक साइड इफ़ेक्ट है मसल्स में स्टिफनेस। स्ट्रेचिंग करने से मुझे मसल्स ज्यादा फ्लेक्सिबल महसूस हुई और अपना शरीर हल्का महसूस हुआ।
पहले तो आपको बता दूं, फिटनेस प्लेट्यू यानी जब आप एक ही तरह की एक्सरसाइज रोजाना करते हैं तो एक समय के बाद आपका शरीर उसका आदी हो जाता है। इसके कारण उस एक्सरसाइज से जो फायदा होना चाहिये वह नहीं होता। एक्सरसाइज में कुछ बदलाव लाने से यह प्लेट्यू टूट जाता है।
मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था, मैं काफी लंबे समय से वेट लिफ्टिंग और स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग ही कर रही थी इसलिए मेरा शरीर उसका आदी हो चुका था। स्ट्रेचिंग करने से मेरा प्लेट्यू टूटा और मुझे स्ट्रेचिंग का बहुत फायदा हुआ।
स्ट्रेचिंग से मेरा वेट भी कम हुआ। मैं अब समय समय पर वेट ट्रेनिंग से ब्रेक लेकर कार्डियो और स्ट्रेचिंग का कॉम्बिनेशन अपनाने वाली हूं। और स्ट्रेचिंग के इतने फ़ायदे हैं कि आप भी अपने रूटीन में 15 मिनट की स्ट्रेचिंग ज़रूर शामिल करें।
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