पैरों का व्यायाम मेरे लिए कभी भी आसान नहीं रहा। और सच कहूं तो मैंने हमेशा सोचा था कि कार्डियो करने से मेरे लेग्स हमेशा टोंड रहेंगे। यही कारण है कि मैं स्क्वैट्स (squats) और अन्य एक्सरसाइज के साथ कभी भी कम्फर्टेबल नहीं रही।
लेकिन कोविड -19 लॉकडाउन का शुक्रिया, कि मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा था, सिवाए स्क्वैट्स से दोस्ती करने के। और आप यह सुनकर हैरान होंगे कि यह सबसे बेहतरीन फिटनेस च्वॉइस है, जिसे मैं अभी तक अपने वर्कआउट में शामिल नहीं कर पाई थी। खैर, मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि कैसे स्क्वैट्स ने मेरी सोच और मेरे पैरों की फिटनेस को बिल्कुल बदल दिया।
तो यहां हैं मेरे वो अनुभव कि मैंने कैसे अनिच्छा से अपने वर्कआउट रूटीन में स्क्वैट्स को शामिल किया और कैसे वे धीरे-धीरे मुझे सबसे अच्छे लगने लगे:
लॉकडाउन की घोषणा के बाद से मैं काफी परेशान हो गई और अपने जिम ट्रेनर को बार-बार इस बात के लिए परेशान करने लगी कि वे मुझ कोई ऐसी एक्सरसाइज बताएं जिनसे मैं घर पर रहकर भी खुद को फिट रख सकूं। और उन्होंने दृढ़ता से स्क्वैट्स की सिफारिश की। हालांकि मुझे इसे पर बिल्कुल भरोसा नहीं था। पर कई दिनों की बहस के बाद फाइनली मैंने इसे करने का मन बनाया।
मैंने रोजाना 100 स्क्वैट्स किए ! मैंने 25-25 के चार सेट किए, और सच में मेरे लिए यह वाकई कमाल था क्योंकि इसके रिजल्ट बहुत अच्छे आए :
मैंने हमेशा इसके बारे में सुना और पढ़ा है, लेकिन जब मैंने रिजल्ट देखे तभी मुझे इस पर विश्वास हुआ। ट्रेडमिल पर खूब सारी दौड़ लगाने के बाद भी मेरी लेग्स ठीक से टोंड नहीं हो पा रहीं थीं। जबकि रोजाना 100 स्क्वाट करने से मेरी जांघों और काल्व्स को बेहतर ग्रिप मिली। हालांकि वे बहुत ज्यादा पतली नहीं हुईं हैं, लेकिन वे अब पहले से ज्यादा टोंड हैं और शुक्र है कि अब वहां कोई सेल्युलाईट पॉकेट नहीं है।
खैर, यह एक प्रचलित धारणा है कि स्क्वैट्स सिर्फ आपके निचले शरीर पर काम करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों और अध्ययनों के अनुसार, यह वास्तव में आपकी फुल बॉडी को टोंड करता है। अपनी पीठ के निचले हिस्से, पेट, साइड्स, पर भी यह बेहतर तरीके से काम करता है।
और द जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन और फिजिकल फिटनेस में प्रकाशित एक अध्ययन में भी इस बात की पुष्टि की गई है।
मुझे एहसास हुआ है कि जब मैं ठीक से स्क्वैट्स करती हूं तो मेरी कोर मसल्स खुद ब खुद बिजी हो जाती हैं। इसके साथ मैंने जब वर्कआउट किया तो मैंने महसूस किया कि अब मैं पहले से बेहतर रेप्स एंड स्ट्रैच्स कर पा रही हूं। मेरे कोर काफी मजबूत हो गए हैं और अब मैं 3 मिनट की स्ट्रेचिंग कर सकती हूं। और मैं यह कभी नहीं भूल सकती कि मेरे लव हैंडल्स लगभग गायब होने लगे हैं। इसका क्रेडिट पूरी तरह से स्क्वैट्स (squats) को जाता है।
जर्नल ऑफ पिफजिकल थेरेपी एंड साइंस में प्रकाशित एक आर्टिकल में मैंने पढ़ा था, जिसमें सुझाव दिया गया था कि स्क्वैट्स करने के लिए आपको अपने मूव को कंट्रोल करने की जरूरत होती है। जहां आपको कुछ चीजों पर काफी सतर्क रहना होता है। खासतौर से ऊपर और नीचे आते हुए। इसलिए, यह आपको अपने शरीर को बेहतर तरीके से नियंत्रण करना सिखाता है और आपका पोश्चर दुरुस्त होने लगता है।
मेरे हिप्स ज्यादा ब्रॉड नहीं हैं, लेकिन फिर भी मुझे यह चिंता रहती थी कि वे शेप में नहीं हैं। लेकिन स्क्वैट्स करने से मेरी यह समस्या हल हुई।
100 स्क्वैट्स करने में बमुश्किल 10 मिनट लगते हैं। पर इसकी शुरूआत से पहले यह जरूरी है कि आप इसे करने का सही तरीका जान लें। और उसके बाद रिजल्ट वाकई लाजवाब होते हैं।
आखिर मैं कह सकती हूं कि यह 2020 की बेस्ट चीज है, जो मैंने खोज निकाली है।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।