एक्सरसाइज हमेशा फायदेमंद होते हैं। कुछ एक्सरसाइज हमें करना बढ़िया नहीं भी लग सकता है। पर फायदों को देखते हुए उन्हें करना जरूरी है। उनमें से एक है लेग लिफ्ट। पैर उठाना या लेग लिफ्ट बढ़िया एक्सरसाइज है, जो पेट की मांसपेशियों के निचले हिस्से को लक्षित करते हैं। इन्हें आमतौर पर ‘लोअर एब्स’ कहा जाता है। यह स्ट्रेन को कम करने के लिए बेहतरीन है। सदियों पुरानी कहावत है -‘आपके एब्स जिम में नहीं, किचन में बनते हैं।‘ इसी तरह यह एक्सरसाइज पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों को टोन और मजबूत तो करता है। लेकिन इसके साथ आपको कार्डियो एक्सरसाइज, हेल्दी फैट और लो कार्ब वाली डाइट का भी पालन करना होगा। एब्स के लिए लेग लिफ्ट्स (leg lifts exercise) के फायदों पर नजर डालते हैं।
पैर उठाना शरीर को कई लाभ प्रदान करता है।
1. कोर को मजबूत बनाना: पैर उठाना पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर दवाब डालता है। इससे कोर को मजबूत और टोन करने में मदद मिलती है।
2. लचीलेपन में सुधार: नियमित अभ्यास से हैमस्ट्रिंग के लचीलेपन और हिप्स जॉइंट के मूवमेंट में सुधार हो सकता है।
3. हिप फ्लेक्सर को मजबूती: ये हिप फ्लेक्सर की मांसपेशियों को जोड़ते हैं। इससे हिप्स जॉइंट में स्थिरता और लचीलापन बढ़ता है।
4. मांसपेशियों की सहनशक्ति बढ़ाता है : पैर उठाने के लिए लगातार मांसपेशियों की भागीदारी की जरूरत होती है। इससे पेट और कूल्हे की मांसपेशियों की सहनशक्ति बढ़ाती है।
5. किसी मशीन की जरूरत नहीं: लेग लिफ्ट करना बिना किसी उपकरण के किया जा सकता है। इससे यह सुविधाजनक और सुलभ एक्सरसाइज बन जाता है।
1. योग मैट पर आराम से लेट जाएं। पैर 90 डिग्री पर होना चाहिए।
2. शुरुआत में हाथों को बगल में रख सकती हैं। हाथों को शूटिंग की स्थिति में सिर के पीछे भी रख सकती हैं।
3. पैरों को मोड़कर और पैरों को सीधा रखते हुए सांस लें। धीरे-धीरे पैरों को फर्श से 45 डिग्री पर नीचे लाएं। सांस छोड़ते हुए उन्हें वापस जमीन से 90 डिग्री तक उठाएं।
4. आपकी पीठ का निचला हिस्सा ज़मीन पर रहना चाहिए।
यदि यह बहुत आसान लग रहा है, तो पैरों को और नीचे ले जायें। जमीन के करीब ले जायें। जब तक आपकी रीढ़ हाइपर आर्क न हो और पेट की मांसपेशियों पर दबाव और पीठ पर जीरो स्ट्रेस महसूस न करें।
पैर उठाना कई लोगों के लिए फायदेमंद है, तो कुछ को सावधानी बरतनी चाहिए या उनसे बचना चाहिए।
1. पीठ के निचले हिस्से की समस्याएं: पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं या हर्नियेटेड डिस्क जैसी स्थिति वाले लोगों को पैर उठाने से बचना चाहिए। इससे उनकी परेशानी बढ़ सकती है।
2. गर्दन में खिंचाव या दर्द: यदि व्यायाम करते समय गर्दन में दर्द का अनुभव होता है, तो पैर उठाने से बचने की सलाह दी जाती है। यह तनाव या किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
3. गर्भवती महिलाएं: गर्भावस्था के बाद के फेज में पैर उठाने के लिए पीठ के बल लेटने से दबाव के कारण असुविधा हो सकती है। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था-सुरक्षित व्यायाम चुनना चाहिए। किसी भी व्यायाम को करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
4. हाल ही में पेट की सर्जरी: जिन व्यक्तियों ने हाल ही में पेट की सर्जरी करवाई है, उन्हें अपने डॉक्टर से मंजूरी मिलने तक पैर उठाने से बचना चाहिए।
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