एक्सरसाइज करने से न सिर्फ आप मोटापे से दूर रहती हैं, बल्कि तनाव से मुक्ति मिलती है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। इसमें तो कोई संदेह नहीं कि शरीर को चलाने से आपको सकारात्मक प्रभाव मिलेंगे।
एक्सरसाइज की बात करें, तो आपके पास अनेक विकल्प हैं- योग, डांस, स्विमिंग, जॉगिंग और साइकलिंग इत्यादि। हर एक्सरसाइज के अपने फायदे हैं चाहें वह मसल्स को ताकतवर बनाना हो या आपके मूड को सुधारना।
नियमित रूप से एक्सरसाइज करना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन अत्यधिक एक्सरसाइज करना उतना ही हानिकारक भी हो सकता है। यही कारण है कि आपको जानना चाहिए कि वर्कआउट कितना करना चाहिए।
क्यों एक्सरसाइज करना आपके लिए फायदेमंद होता है?
रिसर्च में पाया गया है कि एक्सरसाइज करने के शारीरिक और मानसिक दोनों फायदे होते हैं। जब आप किसी भी प्रकार का शारीरिक श्रम करते हैं, तो दिमाग सेरोटोनिन नामक हॉर्मोन बनाता है। इसे हैप्पी हॉर्मोन भी कहते हैं, क्योंकि यह आपका मूड अच्छा करता है। इतना ही नहीं, नियमित रूप से व्यायाम करना आपके हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
एक्सरसाइज करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, वजन नियंत्रित होता है, ब्लड शुगर लेवल ठीक रहता है और शरीर में इंफ्लामेशन कम होती है।
एक्सरसाइज की आवश्यकता अलग-अलग कारकों पर निर्भर करती है। आपको कैसा शरीर चाहिए, आपके शरीर की बनावट कैसी है, आपकी उम्र और स्वास्थ्य- ये वो कारक हैं जो आपकी एक्सरसाइज को निर्धारित करते हैं।
यह याद रखें, थोड़ी एक्सरसाइज भी कुछ नहीं से बेहतर ही है।
अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की आदी नहीं हैं, तो थोड़े से शुरुआत करें। रिसर्च में पाया गया है कि हफ्ते में 150 से 300 मिनट की हल्की एक्सरसाइज या 75 से 150 मिनट की हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त है।
आपको लग सकता है कि जिम में कुछ घण्टे जम कर पसीना बहाना आपके लिए फायदेमंद है, लेकिन यह पूरा सच नहीं है। हर व्यक्ति का अलग स्तर होता है और आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए। जो पेशे से ही खिलाड़ी या एथलीट हैं, उन्हें दिन में कई घण्टे एक्सरसाइज करनी चाहिए। क्योंकि यह उनके लिए जरूरी है।
जबकि हमारे और आप जैसे साधारण लोगों को जिम में घण्टों बिताने की जरूरत नहीं है। जिन्हें ईटिंग डिसऑर्डर होते हैं, उनके लिए अलग स्तर होता है। एनोरेक्सिया या बुलिमिया होने पर एक्सरसाइज के लिए अलग नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
·सामान्य तौर पर भी दिल की धड़कन बढ़ी रहना
·भूख कम हो जाना
· पैरों में हर वक्त ऐंठन
·पानी की कमी
· नींद न आना या नींद की गुणवत्ता में कमी
·मूड खराब रहना या तनाव होना
· हड्डियां कमजोर होना
·ऊर्जा का असंतुलन यानी बहुत थकान महसूस होना या बहुत अधिक ऊर्जा होना
कई बार, अत्यधिक एक्सरसाइज से हॉर्मोनल असंतुलन भी हो सकता है।
तो अब आप जान चुकी हैं कि एक्सरसाइज करना शरीर के लिए फायदेमंद है, लेकिन सीमा में। यह कहावत की ‘अति किसी भी चीज की खराब है’ यहां भी कारगर है। समझना यह है कि आपके लिए पर्याप्त कितना है।
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