जिम में मुख्य रूप से दो तरह के लोग होते हैं। एक जो जिम में एक मिनट भी बर्बाद नहीं करते और लगातार एक्सरसाइज करते हैं, और दूसरे जो हर सेट के बाद प्रोटीन शेक पीने के बहाने ब्रेक लेते हैं। अब अगर मुझसे पूछें तो मेरे अनुसार दोनों में से बेहतर कौन है नहीं पता। यह पता लगाने के लिए हमने एक्सपर्ट की सलाह ली। क्योंकि दो सेट्स के बीच कितना समय होना चाहिए यह सवाल मुश्किल भी है और महत्वपूर्ण भी।
सबसे पहली बात जो हमें समझने की जरूरत है, वह है ‘फोस्फेगन रिकवरी’।
जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो हम सेल्स में मौजूद ऊर्जा का इस्तेमाल कर लेते हैं। जब हम रुकते हैं, तो सेल्स को खर्च हुई ऊर्जा दोबारा एकत्र करनी होती है। यहां फोस्फेगन रिकवरी की बात आती है।
जाने माने लाइफस्टाइल कोच और योग एक्सपर्ट, ग्रैंड मास्टर अक्षर बताते हैं, “फोस्फेगन रिकवरी वह प्रक्रिया है जिसमें सभी सेल्स ऊर्जा को रि-स्टोर करते हैं।”
स्रौता वेलनेस के फाउंडर प्रवेश गौड़ के अनुसार, “आराम के समय शरीर वर्कआउट के प्रभाव से रिकवर करता है। जिसमें ग्लाइकोजन स्तर को संतुलित किया जाता है, मसल्स से लैक्टिक एसिड को हटाया जाता है और सेल्स में ऊर्जा यानी ATP ( एडेनोसाइन ट्राइ फॉस्फेट) को इकट्ठा किया जाता है।”
ग्रेंड मास्टर अक्षर अपनी बात को विस्तार देते हैं, “आप कितनी देर आराम कर रहे हैं यह एक्सरसाइज के फायदे और असर को प्रभावित करता है। वैज्ञानिक तौर पर हर सेट के बाद 2.5 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए। लेकिन आपके रेस्ट का समय आपके फिटनेस लक्ष्य पर भी निर्भर करता है।”
कब लेने चाहिए लम्बे ब्रेक
अक्षर जी का सुझाव है कि सेट्स के बीच कम से कम 3 मिनट का गैप होना चाहिये। यह समय आप बढ़ा भी सकते हैं। जितना अधिक समय आप सेट्स के बीच लेंगे, उतना ज्यादा फोस्फेगन रिकवरी होगी। यानी आपकी मांसपेशियों को रिकवर होने का ज्यादा समय मिलेगा तो अगले सेट में आप बेहतर परफॉर्म कर पाएंगे।
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बीएमआई चेक करें“सेट्स के बीच लम्बे ब्रेक का अर्थ है ज्यादा ताकत और मजबूती और मसल्स में ज्यादा मास और बल्क”, बताती हैं स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट और कॉन्टिनम स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी एंड रिहैब क्लीनिक की फाउंडर डॉ कृति खेमाणि।
कब लेने चाहिए छोटे ब्रेक
छोटे ब्रेक का अर्थ है 30 से 40 सेकंड का ब्रेक। छोटे ब्रेक लेने पर आपकी मसल्स इस्तेमाल की हुई ऊर्जा रीस्टोर नहीं कर पाती तो ऊर्जा के लिए शरीर फैट को टारगेट करता है। छोटे ब्रेक लेने से आपका फैट बर्न होता है और शरीर स्लिम होता है।
मॉडरेट ब्रेक कब लेने चाहिए
सेट्स के बीच एक से डेढ़ मिनट के ब्रेक को मॉडरेट ब्रेक माना जाता है। डॉ खेमाणि बताती हैं, “इस स्थिति में मसल्स पूरी तरह रिकवर नहीं होती हैं लेकिन अगले सेट के लिए पर्याप्त एनर्जी मिल जाती है।” अगर आपको स्टैमिना बढ़ाना है और मसल्स को ज्यादा बल्क नहीं देना तो मॉडरेट ब्रेक लेने चाहिए।
सही फिटनेस मंत्र बिल्कुल जूते की सही फिटिंग की तरह है, जो हर व्यक्ति के लिए अलग होता है। एक ही मंत्र सबके लिए काम नहीं करता।
आपके लक्ष्य के अनुसार आपको अपने लिए पेरफेक्ट फिटनेस मंत्र चुनना है।