यदि आप मिडल एज में हैं, तो अपने बेली फैट को नियंत्रित करने का उपाय करें। हाल ही में ममता बनर्जी ने एक मोटे पार्टी कार्यकर्ता को पेट पर चढ़ी चर्बी से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों की ओर ध्यान दिलाया। ममता बनर्जी की कही गई यह बात सोशल साइट पर ट्रेंड कर रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने जोरदार भाषणों और तीखी बातों के लिए जानी जाती हैं। हमेशा सफेद रंग की साड़ी पहनने वाली ममता बनर्जी ने एक पार्टी कार्यकर्ता के पेट की चर्बी को देखते हुए उससे मजाकिया लहजे में कहा कि हर व्यक्ति का मध्य प्रदेश (शरीर का मध्य भाग, यानी पेट का एरिया) सही होना चाहिए।
उन्होंने पेट की चर्बी के कारण होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों पर भी उनका ध्यान दिलाया। यह घटना तब हुई, जब तृणमूल कांग्रेस नेता पुरुलिया में एक प्रशासनिक बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। झालदा के पार्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल जब अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए, तो उन्हें बीच में रोकते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “जिस तरह से आपका पेट बढ़ रहा है, आपका स्वास्थ्य किसी भी दिन बेहद खराब हो सकता है। क्या आप अस्वस्थ हैं?’
इस बयान ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। बाद में उस पार्टी कार्यकर्ता ने बताया कि उनके बढ़े हुए पेट के लिए नाश्ते में लिए जाने वाले पकौड़े जिम्मेदार हैं। हालांकि वे फिट हैं और उन्हें ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या नहीं है।
ममता बनर्जी ने आगे उनसे पूछा कि वह किस तरह की एक्सरसाइज करते हैं? इसके जवाब में अग्रवाल ने बताया, “मैं अनुलोम विलोम और कपाल भाति करता हूं।” तब ममता ने उन्हें सलाह दी कि वे केवल प्राणायाम करने से पेट की चर्बी कम नहीं कर सकते। दोनों के बीच हंसी-मजाक वाली बातचीत चलती रही और वहां उपस्थित दूसरे लोग भी उनकी बातचीत का मजा लेते रहे।
आगे ममता ने उन्हें खुली चुनौती देते हुए कहा कि यदि आप 1000 कपाल भाति करके दिखा देंगे, तो मैं आपको 10000 रुपये मौके पर ही दे दूंगी। यह असंभव है। आप यह नहीं जानते होंगे कि किस तरह सही ढंग से श्वास लेना या छोड़ना है, उन्होंने कहा।
दोनों के बीच हुई इस नोकझोंक पर सोशल मीडिया बंटा हुआ दिख रहा है। जहां कुछ लोग ममता बनर्जी के बयानों को ‘बॉडी शेमिंग’ बता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग भारतीय नेताओं और पार्षदों के खराब स्वास्थ्य पर प्रकाश डालने के लिए ममता बनर्जी की सराहना कर रहे हैं।बॉडी शेमिंग हो या न हो, ममता बनर्जी के बयान में कुछ तो दम है। पेट की चर्बी हार्ट और लिवर प्रॉब्लम जैसी कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ावा देती है।
मेटाबॉलिक गड़बड़ी के कारण आंत की चर्बी से कार्डियोवैस्कुलर (CDV) रोग होने का सबसे अधिक खतरा होता है।
इस सभी बीमािरयों के होने की संभावना को देखते हुए पेट के मोटापे को कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए। इसे हासिल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने वर्कआउट रूटीन और डाइट में बदलाव करें। स्वस्थ रहने के लिए एक ऐसे तरीके का चुनाव करें, जिसका उद्देश्य आपके कोर और एब्स को मजबूती प्रदान करना और टोनिंग करना हो।
यहां पढ़ें:-लव हैंडल और हिप्स फैट को कम करने के लिए मलाइका बता रहीं हैं 3 प्रभावी योगा पोज
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें