एक मिनट का स्क्वाटस ब्रेक आपकी एकाग्रता को बढ़ाने में हो सकता है मददगार, जानिए कैसे

लंबे वक्त तक काम करने से अगर आप भी थक जाते हैं, तो ऐसे मे कुछ देर स्क्वाटस करने से आपकी मुश्किल हल हो सकती है। जानते हैं स्क्वाटस कैसे करते हैं मेंटल हेल्थ को प्रभावित और इसके अन्य फायदे भी।
squats shareer ko majboot banata hai.
स्क्वैट्स ओवरआल हेल्थ और वेलनेस के लिए जरूरी है। यह निचले शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 4 Dec 2023, 08:00 am IST
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इनपुट फ्राॅम

काम के दौरान कुछ देर स्क्वाटस के लिए समय निकालना भले ही आपको मुश्किल लगे। मगर ये आपकी बहुत सी चिंताओं और परेशानियों को दूर करने का बेहतरीन तरीका है। लंबे वक्त तक काम करने से अगर आप भी थक जाते हैं और काम करने में मन नहीं लगता, तो ऐसे मे कुछ देर स्क्वाटस करने से आपकी मुश्किल हल हो सकती है। जी हां हाल ही में आई एक रिसर्च में पाया गया है कि काम के दौरान 1 मिनट स्क्वाटस करने से एकाग्रता और याद रखने की क्षमता बढ़ने लगती है। जानते हैं स्क्वाटस कैसे करते हैं मेंटल हेल्थ को प्रभावित और इसके अन्य फायदे भी।

इस बारे में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि जब कोई भी व्यक्ति लंबे वक्त तक काम करता हैं, तो वो थकान और एग्जॉशन का शिकार हो जाता है। ऐसे में काम के प्रति उसका अटेंशन और फोकस दोनों ही कम होने लगते हैं। ऐसे में कुछ देर स्क्वाटस करने से आपका तन और मन तरोताज़ा हो उठता है और आपका मन दोबारा से काम में भी लगने लगता है। दरअसल, लगातार काम करने से वर्क स्ट्रेस बढ़ने लगता है। इससे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल रिलीज़ होता है। ऐसे में 1 मिनट की ब्रेक लेकर स्क्वाटस करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होने लगता हैं। हैप्पी हार्मोन एर्डोफिन रिलीज होने से आप खुद को हेल्दी और एनर्जी से भरपूर महसूस करते हैं।

Kaise squat krne se concentration badti hai
स्क्वाट ही एकमात्र ऐसी एक्सरसाइज है, जिससे आपके पूरे शरीर पर जोर पड़ता है। चित्र : शटरस्टॉक

क्या कहती है रिसर्च

जापान, उत्तरी कैरोलिना और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं की रिसर्च के अनुसार 20 युवा वयस्कों के एक समूह का अध्ययन किया गया। इनकी औसत उम्र 21 वर्ष थी। उन्होंने लंबे समय तक बैठने के बाद मेंटल टेस्ट पूरा किया। इसमें एक ग्रुप ऐसा था, जिसमें मौजूद लोग लगातार तीन घंटे तक बिना हिले एक ही स्थान पर बैठे रहें। वही दूसरी ओर ग्रुप के सदस्य लगातार बैठने की जगह बीच में 1 मिनट के लिए उठे और उन्होनें स्क्वाटस किया। इसका निष्कर्ष ये रहा कि जो लोग ब्रेक लेकर स्क्वाट के लिए गए। उनका वर्क एग्ज़ीक्यूशन अन्य लोगों की तुलना में बेहतर नज़र आने लगा।

हाल ही में हुई एक स्टडी के अनुसार छोटे वक्त के लिए दिनभर में कई बार शारीरिक गतिविधियों को करने से कम उम्र में मौत के जोखिम से बचा जा सकता है। दिनभर में साइकलिंग, स्विमिंग, ब्रिस्क वॉकिंग और डांस ब्रेक के लिए पूरे दिन में कुल 11 मिनट निकालने से अर्ली डेथ का जोखिम कम हो जाता है।

और भी हैं स्क्वाट्स करने के फायदे

1 वेटलॉस में सहायक

दिनभर में कुछ देर स्क्वाट करने से वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा पेट और पीठ की चर्बी को आसानी से कम करने का ये सरल उपाय है। स्क्वाट से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है और फैट बर्न होने लगते हैं। ज़िद्दी चर्बी को दूर करने के लिए दिनभर में 3 से 4 बार 10 10 मिनट के लिए स्क्वाट अवश्य करें।

Weight loss mei hai faydemand
मांसपेशियों के हेल्दी ग्रोथ में मदद करती हैं, साथ ही इससे मसल्स स्ट्रेंथ भी बढ़ता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2 चोटिल होने के खतरे से बचाव

बार बार मसल्स पुल होने की समस्या से बचने के लिए दिनभर में कुछ वक्त स्क्वाट के लिए निकालना आवश्यक है। स्क्वाट करने से शरीर की मोबिलिटी, पोस्चर और बैलेंस में सुधार नज़र आने लगता है। अमेरिकन काउंसिल ऑन एक्सरसाइज़ के अनुसार इसे नियमित तौर पर करने से लिगामेंटस और बोन्स को मज़बूती मिलती है। इससे चोट लगने का खतरा कम हो जाता है।

3 कोर मसल्स बनते हैं मज़बूत

स्क्वाटस करने से कोर मसल्स मजबूत बनने लगती हैं। इससे डे टू डे लाइफ की एक्टीविटीज़ आसान लगने लगती है। आपके शरीर में लचीलापन बने लगता है। इससे शरीर में होने वाली ऐंठन, दर्द और थकान अपने आप कम हो जाती है। अब शरीर को झुकाने, नीचे बैठने, देर तक खड़े होने और चलने में तकलीफ नहीं होती है। साथ ही पीठ संबधी परेशानियों से भी राहत मिल जाती है।

4 एकाग्रता बढ़ती है

देर तक काम करने से चीजों को भूलना ओवर एग्ज़ॉस्ट होने का संकेत है। ऐसे में कुछ देर वक्त निकालकर स्क्वाटस करने से मेंटल हेल्थ बूस्ट होती है। इससे आपकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है और आप खुद को फ्रेश महसूस करने लगते हैं। हर 1 घण्टे के बाद 1 मिनट का स्क्वाटस ब्रेक आपको तनाव से भी दूर रखता है।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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