कैलोरीज़ को बर्न करने के लिए योग और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। इससे न केवल पोश्चर में सुधार आता है बल्कि अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी मदद मिलती है। मगर वे लोग जो तेज़ी से वेटलॉस जर्नी को पूरा करना चाहते है, उनके लिए हॉट योग एक बेहतरीन उपाय है। योग के इस प्रकार को गर्म कमरे में किया जाता है। इससे मांसपेशियों में बढ़ने वाली ऐंठन कम होती है और लचीलापन बना रहता है। वे लोग शारीरिक संतुलन को बनाए रखना चाहते, उन्हें भी इसे अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए। सबसे पहले जानते हैं हॉट योग क्या है और इसे करने से शरीर को मिलने वाले फायदे (Hot yoga for fat burn) ।
इस बारे में योग एक्सपर्ट और फिज़ियोथेरेपिस्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि हॉट योग, योग का ही एक प्रकार है, जिसे एक निर्धारित तापमान और ह्यूमिडिटी में किया जाता है। इसके लिए रूप टेम्परेचर 90 से 105 डिग्री फेरानाइट चाहिए होता है। इससे 32 से 40 डिग्री टैम्परेचर कहा जा सकता है। इसके लिए हयूमिडीटि 40 से 60 फीसदी चाहिए होती है। ताकि स्वैटिंग और डिटॉक्सीफिकेशन में मदद मिल सके।
इसकी मदद से शरीर में कैलोरी बर्न करने (Hot yoga for fat burn) और लचीलेपन को बनाए रखने में मदद मिलती है। इस दौरान स्वैटिंग ज्यादा होने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को दूर किया जा सकता है।
हॉट योगा योग के दो लोकप्रिय योग रूपों को जोड़कर बनता है। इसमें एक है हॉट योग और दूसरा है पावर योगा। इस योग का अभ्यास कमरे में गर्मी के बीच किया जाता हैं। ये पूरी तरहे से फिटनेस पर आधारित है। हॉट पावर योग करने के लिए मांसपेशियों को ढीला छोड़ दिया जाता है। फिटनेस फोकस्ड ये योग श्वास और अष्टांग योग के तत्वों से जुड़ा हुआ है।
हॉट योगा सेशन 60 से 90 मिनट का रहता है। इस दौरान बिक्रम योगा और पॉवर योगा किया जाता है, जो हीटिड कंडीशन में किया जाता है। बिक्रम योगा में 26 मुद्राओं का एक सीकवेंस होता है। साथ में दो ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ भी होती हैं। इससे शरीर संतुलित रहता है।
सर्दियों में शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग बेहद फायदेमंद साबित होती है। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है और मोबिलिटी में सुधार आने लगता है। साथ ही कंधों, नितंबों और लोअर बैक में होने वाली दर्द कम होती है। साथ ही उठने बैठने में झुकने में होने वाली तकलीफ से बचा जा सकता है।
कोलोरेडो स्टेट युनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार 90 मिनट ब्रिकम योगा सेशन से जहां महिलाएं 330 कैलेरी बर्न कर पाती है, तो वहीं पुरूषों में 460 कैलोरी बर्न होती है। इससे बॉडी टोनिंग में मदद मिलती है और पेट पर जमा चर्बी बर्न होने लगती है।
इस योग से शरीर में स्ट्रेचिंग बढ़ती है, जिससे हिप्स, गर्दन और टांगों के मसल्स की मज़बूती बढ़ती है और बोन डेंसिटी में सुधार आने लगता है। इससे शरीर में बढ़ने वाली दर्द और सूजन की समस्या से भी राहत मिलती है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं की हड्डियों में बढ़ने वाली कमज़ोरी को इस योग मुद्रा से कम किया जा सकता है।
नियमित समय तक तेज़ गति से की जाने वाले योग मुद्राओं से शरीर में ऊर्जा का स्तर उचित बना रहता है और थकान कम होने लगती है। सर्दी में बढ़ने वाले आलस्य और कमज़ोरी को दूर करने के लिए हॉट योगा फायदेमंद है। इससे शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी रहता है।
अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार इस योग मुद्रा में मूड रिलैक्स रहता है और एंग्ज़ाइटी से भी राहत मिलती है। दरअसल, इसका नियमित अभ्यास करने से ब्रेन सेल्स एक्टिव होते है, जो तनाव को दूर करने में मदद करते है। इससे एकाग्रता और फोकस बढ़ता है, जिससे कार्यक्षमता में भी सुधार आने लगता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंवे महिलाएं जो गर्भवती हैं और वो लोग, जिन्हें हीट इनटॉलरेंस की समस्या है, उन्हें हॉट योग से दूर रहने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा हृदय रोगों के लिए भी ये नुकसानदायक साबित होता है। ये योग मुद्रा बिगनर्स के लिए नहीं है। इसे करने से पहले डॉक्टर्स की सलाह अवश्य लें। इसे करने से पहले और बार में पानी अवश्य पीएं। इससे शरीर में निर्जलीकरण का खतरा कम होने लगता है।