बार बार होने वाली बारिश न केवल इंफे्क्शन के खतरे को बढ़ा देती है बल्कि इससे शरीर में आलस्य और थकान भी बढ़ने लगती है। दरअसल, बरसात के दिनों में बारिश की फुहारों के चलते घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। अनियमित वर्कआउट के चलते शरीर में एनर्जी का स्तर कम होने लगता है। ऐसे में होम वर्कआउट की मदद से शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है। जानते हैं मानसून में होम वर्कआउट रूटीन की मदद से शरीर को कैसे रखें स्वस्थ।
मानूसन के चलते आउटडोर एक्टीविटी कम होने लगती है और लोग होम वर्कआउट का ही विकल्प चुनते हैं। फिज़ियोथेरेपिस्ट और योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं बारिश के कारण संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसके मद्देनज़र 4 स्टेप्स की मदद से घर में वर्कआउट को आसान बनाया जा सकता है। सबसे पहले वॉर्मअप रूटीन (Warmup routine) को फॉलो करें। फिर कार्डियो को शामिल करें। उसके बाद स्ट्रैंथ एक्सरसाइज़ (strength exercise) करें और आखिर में फ्लेक्सीबिलीटी एक्सरसाइज़ को चुनें।
व्यायाम की शुरूआत से पहले 5 से 10 मिनट वॉर्मअप (warmup) के लिए निकालें। इससे मसल्स एक्टिव हो जाते हैं और शरीर का लचीलापन बढ़ने लगता है।
सबसे पहले बाजूओं को सीधा करें और फिर उन्हें उपर से नीचे की ओर सर्कल्स में घुमाएं। इससे बाजूओं में बढ़ने वाली स्टिफनेस दूर होती है और शरीर एक्टिव होने लगता है।
इसके लिए दाएं हाथ को दीवार पर रखें और बाएं हाथ को कमर पर टिका लें। अब दाई टांग को आगे लेकर जाएं और फिर पीछे की ओर लेकर आएं। इससे टांगों को मज़बूती मिलती है।
बैक और हिप्स की मांसपेशियों को स्ट्रैच करने के लिए टॉरसो टविस्ट की मदद ली जाती है। इसके लिए सीधे खड़े होकर दोनों हथेलियों को एक दूसरे से मिलाकर दांए और फिर बाई ओर मूव किया जाता है।
मसल्स की स्टिफनसे को दूर करने के लिए वर्कआउट रूटीन में वॉर्मअप के बाद कार्डियो एक्सरसाइज़ की जाती है। 10 से 15 मिनट तक इसे करने से मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है।
स्टेटिक रनिंग यानि रनिंग इन प्लेस से मांसपेशियों की स्ट्रैंथ में सुधार आने लगता है। साथ ही काफ मसल्स और कोर मसल्स को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा चोटिल होने का खतरा कम हो जाता है।
इसे करने के लिए एक ही जगह पर खड़े होकर जॉगिंग करें और घुटनों को जितना हो सके उपर की ओर उठाने का प्रयास करें। इससे घुटनों को मज़बूती मिलती है।
मैट पर दोनों हाथों को टिकाएं और फिर टांगों को आगे और पीछे लेकर जाएं। इस कार्डियो एक्सरसाइज़ को करने से कंधों की मासंपेशियों की मज़बूती बढ़ने लगती है। 1 से 2 मिनट तक इसका अभ्यास शरीर को एक्टिव रखता है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंस्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक फुल.बॉडी वर्कआउट है। इस के अभ्यास से शरीर में ऊर्जा बढ़ने लगती है और तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और दोनों टांगों के मध्य गैप बनाकर रखें। दोनों हाथों को क्रास करके कंधों पर रख लें और फिर घुटनों को मोड़ते हुए नीचे झुकें और उपर उठें।
शरीर के उपर हिस्से की मज़बूती के लिए पुशअप्स की प्रैक्टिस की जाती है। इससे कोर स्ट्रेंथ को बनाने में मदद मिलती है। दोनों हाथों को जमीन पर टिकाकर पैरों की उंगलियों के सहारे शरीर को उपर से नीचे लाया जाता है।
शरीर की निचले हिस्से की मांसपेशियों को मज़ूबत बनाने के लिए लंजेस की मदद ली जाती है। इससे शरीर को मज़बूती मिलने लगती है।
शरीर में लचीलेपन को बढ़ाने और मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए स्ट्रेंचिंग एक्सरसाइज़ की जाती है। इसके लिए अपने रूटीन में चाइल्ड पोज़ यानि बालासन, भुजंगासन और मार्जरी आसन का अभ्यास किया जाता है।
शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए व्यायाम शुरू करने से 30 मिनट पहले और एक्सरसाइज़ के बाद पानी अवश्य पीएं। अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर में निर्जलीकरण का खतरा कम हो जाता है। दरअसल, एक्सरसाइज़ के दौरान होने वाली स्वैटिंग शरीर में मिनरल्स की कमी का कारण बन जाती है।
इनडोर वर्कआउट के लिए जिस भी स्थान को चुनें उसका वेल वेंटीलेटिड होना आवश्यक है। इससे उमस और गर्मी के प्रभाव से बचने में मदद मिलती है। साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो उचित बना रहता है।
इस बात का ध्यान रखें कि जिस भी मैट या शीट का प्रयोग कर रहे हैं, वो मज़बूती से जमीन से चिपक जाए, ताकि स्लिप होने से बचा जा सके।
बॉडी क्लॉक के अनुसार ही एक्सरसाइज़ करें। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही एक्सरसाइज़ करें। अगर आप बिगनर है, तो प्रशिक्षक की मदद से एक्सरसाइज़ का चुनाव करें।
ये भी पढ़ें- किसी नए व्यायाम को करने से आपकी मांसपेशियों में हो रहा है दर्द, तो जानिए इससे छुटकारा पाने के उपाय