गर्मियों में हम कई फिजिकल एक्टिविटीज में खुद को शामिल करते हैं। इनमें अन्य खेलों के अलावा हाइकिंग, बाइकिंग और स्विमिंग आदि भी शामिल हैं। यदि आप नदियों के किनारे बसे शहरों हरिद्वार, ऋषिकेश आदि जगहों पर छुट्टियां बिताने जाती हैं, तो वहां नदी में पैडलिंग पर भी जरूर हाथ आजमाती होंगी। क्या आप जानती हैं कि गर्मियों की ये सारी एक्टिविटीज हमारे पैरों के मसल्स पर अच्छा प्रभाव डालती हैं। ये न सिर्फ आपके पैरों को मजबूत बनाती हैं, बल्कि उन्हें टोन भी करती हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक अध्ययन के अनुसार, हाइकिंग, बाइकिंग, साइक्लिंग या स्विमिंग-ज्यादातर गतिविधियों में पैर अधिक सक्रिय रहते हैं। यह शरीर का वह हिस्सा है, जहां बॉडी की सबसे बड़ी और सबसे अधिक मसल्स होती हैं। इसलिए इस स्थान का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है।
इन क्रियाओं से न सिर्फ शरीर के अंदर की टूट-फूट कम हो सकती है, बल्कि आपकी सहनशक्ति भी बढ़ सकती है। गर्मी में इन एक्टिविटीज से पैर की चार मांसपेशियां-क्वाड्रिसेप्स, ग्लूटस मैक्सिमस (glutes), हैमस्ट्रिंग और काफ मजबूत होते हैं।
नोएडा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एमडी, मेडिसिन और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुमोल रत्न ने इन एक्टिविटीज से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से बताया।
गर्मी के दिनों में ज्यादातर एक्टिविटीज जैसे नाव में चप्पू चलाने या फिर हाइकिंग, बाइकिंग और साइक्लिंग से ओवरऑल बॉडी पर बढ़िया प्रभाव पड़ता है। ये सभी लो इम्पैक्ट एक्टिविटीज हैं, जो आपके एरोबिक फिटनेस, स्ट्रैंथ और फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार लाते हैं।
बेहतर कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस हृदय गति को बनाए रखता है। शरीर से कुछ हद तक तनाव के प्रभाव को दूर करता है।
साइकिल या मोटर बोट की पैडल को मूव करने से मांसपेशियों की शक्ति में वृद्धि होती है। पीठ, हाथ, कंधे और छाती की मांसपेशियों के लिए यह फायदेमंद है।
धड़ (torso) और पैर की ताकत में वृद्धि होती है। डोंगी या कश्ती में आगे बढ़ने की शक्ति मुख्य रूप से धड़ को घुमाने और अपने पैरों से दबाव डालने से आती है।
इससे ज्वाइंट और टिश्यू की टूट-फूट का जोखिम कम हो जाता है। क्योंकि जिसमें पैरों से काम लिया जाता है, वे लो इम्पैक्ट वाली एक्टिविटीज मानी जाती है।
पैरों का अधिक इस्तेमाल होने वाले सभी एक्टिविटिज मसल्स को टोन करते हैं। उन्हें ताकतवर बनाते हैं।
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बीएमआई चेक करेंये सभी एक्टिविटीज वेट कंट्रोल में मदद करते हैं, क्योंकि इससे एनर्जी बर्न होता है। स्वस्थ हृदय और स्वस्थ फेफड़े को बनाए रखने के साथ-साथ यह वेट लॉस में भी मदद करता है।
सभी एक्टिविटीज मस्तिष्क को शांति प्रदान कर सकते हैं। आप यदि शांतिपूर्ण वातावरण में और अकेले रहकर इन एक्टिविटीज को करती हैं, तो यह मेडिटेशन का साधन बन सकता है। यदि दोस्तों के ग्रुप में करती हैं, तो यह एक्सहिलेरेटिंग हो सकता है।
स्विमिंग या पैडलिंग वाटरवेज का आनंद लेने का एक शानदार तरीका हो सकता है। आधे घंटे की स्विमिंग माइंड बूस्टर का काम करती है।
को-ऑर्डिनेशन, बैलेंस और पॅस्चर में सुधार करता है।
स्ट्रेस हटाकर रिलैक्स होने में मदद करता है।
कुछ चोटों और विशेष कंडीशन में यह बढ़िया कम प्रभाव वाली चिकित्सा प्रदान करता है।
गर्मी के दिनों में बॉडी टेम्प्रेचर को कम करने तथा स्वयं को ठंडा रखने का एक सुखद तरीका बन सकता है।
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