अगर फिटनेस के लिए सलाह चाहिए तो आप हमेशा ही अपने दोस्तों या परिवार वालों की सलाह लेती होंगी, वरना गूगल तो है ही। लेकिन कई बार आपको पता ही नहीं होता कोई सलाह आपके लिए कितनी कारगर होगी, या होगी भी कि नहीं। वजन घटाना कोई बच्चों का खेल नहीं है इसलिए जरूरी है कि आप सही कदम उठाएं। इसलिए हम आपको बता रहे हैं एक नए वेट लॉस ट्रेंड के बारे में सब कुछ। जी हां हम बात कर रहे हैं रिवर्स डाइटिंग की।
इसका नाम कुछ कंफ्यूजिंग हो सकता है, लेकिन यह टेक्नीक बहुत आसान है। साथ ही, यह आपके मेटाबॉलिज्म को तेजी से बढ़ाकर वेट लॉस में कारगर है।
बिना वक्त गंवाए, आइये जानते हैं क्या है रिवर्स डाइटिंग और इससे आपको क्या फायदा होता है।
रिवर्स डाइटिंग को डाइट के बाद की डाइट भी कहा जाता है। इस तरीके को कोई भी अपना सकता है- बॉडी बिल्डर से लेकर एथलीट्स और खिलाड़ियों तक।
हम सब जानते हैं कि डाइटिंग का मुख्य अर्थ है अपने कैलोरी इंटेक यानी आप जितनी कैलोरी खा रही हैं उसे कम करना। रिवर्स डाइटिंग में कैलोरी कम करने के बजाय कैलोरी को धीरे-धीरे कई महीनों में बढ़ाया जाता है। इससे असल में शरीर को ‘शौक’ यानी सदमा लगता है कि अधिक कैलोरी कैसे आ रही हैं और इससे मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
रिसर्च में पाया गया है कि रिवर्स डाइटिंग से आप ज्यादा ऊर्जावान महसूस करती हैं, थकान कम होती है, भूख कम होती है और सबसे महत्वपूर्ण, वेट लॉस प्लेट्यू खत्म होता है।
हालांकि यह तरीका बहुत आसान है, लेकिन इसे सही ढंग से करना जरूरी है। रिवर्स डाइटिंग लम्बे समय तक नहीं चलती, 4 से 8 हफ्तों के बाद इन्हें बन्द कर दिया जाता है। आपको हर हफ्ते अपने आहार में 50 से 100 कैलोरी बढ़ानी हैं।
एक और याद रखने वाली बात यह है कि प्रोटीन का सेवन नहीं बढ़ाना है। यह तो आप जानती ही होंगी कि प्रोटीन की मात्रा आपके वेट के अनुसार होती है, न कि आपके कैलोरी की जरूरत के अनुसार। इसलिए रिवर्स डाइटिंग में प्रोटीन की मात्रा वही रहेगी।
कई शोध में यह पाया गया कि कैलोरी बढाने से मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है। तेज मेटाबॉलिज्म का अर्थ है अधिक कैलोरी बर्न होना। यह कैलोरी नॉन-एक्सरसाइज एक्टिविटी थर्मोजेनेसिस (NEAT) से बर्न होती है। तो चाहें आप सिर्फ टहल रहे हों या कोई मूवमेंट करें, शरीर कैलोरी बर्न करती रहेगी। है ना अच्छी खबर।
बहुत बार रिवर्स डाइटिंग शरीर में हॉर्मोन्स को नियंत्रित करने का भी काम करता है। हॉर्मोन लेप्टिन शरीर में वेट लॉस के लिए जिम्मेदार होता है। यह हॉर्मोन फैट सेल्स द्वारा ही बनता है और कैलोरी कम होने पर यह हॉर्मोन भी कम बनता है। लेप्टिन का स्तर कम होने से आपको हर समय भूख लगती है और आप वजन कम करने के बजाय बढ़ा लेते हैं।
हालांकि रिवर्स डाइटिंग आपके वेट लॉस को बढ़ावा देने का अच्छा तरीका है, लेकिन इसे 10 हफ्ते से अधिक नहीं किया जाना चाहिए, ऐसा एक्सपर्ट मानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सिर्फ कैलोरी पर ही निर्भर है और फिटनेस की दृष्टि से बहुत लाभकारी नहीं है।
तो लेडीज, अगर वेट लॉस प्लेट्यू पर पहुंच गई हैं तो रिवर्स डाइटिंग आपके लिए बहुत फायदेमंद है। इसकी मदद से आसानी से मेटाबॉलिज्म बढ़ाएं और वजन घटाएं।
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