अगर आप वेट घटाने या बढ़ाने किसी भी चीज के लिए एक्सरसाइज कर रहें है तो आपको ये जरूर जान लेना चाहिए कि बॉडी के लिए वर्कआउट जितना जरूरी है उतना ही जरूरी वर्कआउट मील भी आपको दोनो समय लेना होता है। एक्सरसाइज के पहले लिए जाने वाले मील को प्री वर्कआउट मील कहा जाता है और वर्कआउट के बाद लिए जाने वाले मील को पोस्ट वर्कआउट मील कहा जाता है।
कई लोगों को ये लगता है कि अगर वजन घटाना है, तो ज्यादा खाना खाने की जरूरत नहीं है। लेकिन ये गलत धारणा है। अगर आपको एक स्वस्थ्य तरीके से वजन घटाना है, तो ये जरूरी है कि आप पोस्ट वर्कआउट मील का खास ख्याल रखें। आप बिना खाना खाए वजन घटाने की कोशिश करेंगी तो आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाएगा साथ ही इससे आप लंबे समय तक के लिए कोई फायदा नहीं होगा।
पोस्ट वर्कआउट मील के बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने बात की फिटनेस इन्फ्लुएंसर गुंजन तनेजा से (gunjanshouts) जिनके यूट्यूब पर 250 मिलियन फ्लॉवरस है।
गुजन तनेजा बताती है कि नियमित व्यायाम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सहित कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। चाहे आप दौड़ रहे हों, साइकिल चला रहे हों, पाइलेट्स, स्ट्रेंथ या कार्डियो एक्सरसाइज, स्पोर्टस या जिम कर रहे हों, व्यायाम के ये सभी रूप मांसपेशियों में प्रोटीन के टूटने, सूजन, और थकान की वजह बनते है। इन स्थितियों से बचने के लिए और बेहतर रिकवरी के लिए, आपके शरीर को ईंधन की जरूरत है। जिसके लिए पोस्ट वर्कआउट मील की भी जरूरत होती है।
वर्कआउट के दौरान हमारा शरीर संग्रहित ग्लाइकोजन का उपयोग करता है, जिसे वर्कआउट के बाद फिर से बनाने की जरूरत होती है। इसके अलावा, मांसपेशियों के प्रोटीन की मरम्मत और दुबार बनाने के लिए, व्यायाम करने के तुरंत बाद सही पोषक तत्वों का सेवन करना महत्वपूर्ण है।
1. गुजन तनेजा के अनुसार व्यायाम के बाद पोस्ट वर्कआउट मील में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में लेना चाहिए
2. अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन जैसे अंडे, दूध, बीन्स, पनीर और टोफू की सही मात्रा शरीर को नई मांसपेशियों की मरम्मत और निर्माण के लिए आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करती है।
3. कॉम्प्लेक्स कार्ब्स जैसे मल्टीग्रेन ब्रेड, ब्राउन राइस, क्विनोआ और ओट्स मध्यम से तीव्र व्यायाम के दौरान कम हुए ग्लाइकोजन स्टोर को फिर से भरने में मदद करते हैं।
4. हल्के से मध्यम व्यायाम के लिए 10-15 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है, और मध्यम व्यायाम के लिए 15-20 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। यदि आप एक भारी व्यायाम दिनचर्या में हैं, तो कसरत के 30 मिनट के भीतर 20-30 ग्राम प्रोटीन ले सकते है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें5. पोस्ट वर्कआउट मील व्यक्ति के शरीर की आवश्यकताओं, व्यायाम के प्रकार और भोजन की पसंद पर निर्भर करता है। व्यायाम के 20 मिनट बाद आप पोस्ट वर्कआउट स्नैक्स ले सकते है और 3 घंटे बाद भरपेट भोजन कर सकते हैं।
1. गुजन तनेजा के अनुसार वर्कआउट के तुरंत बाद मसालेदार भोजन खाने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे सीने में जलन और अपच हो सकती हैं।
2. जूस और स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे चीनी खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए क्योंकि ये मांसपेशियों की रिकवरी में मदद नहीं करेंगे।
3. अच्छे वर्कआउट के बाद, कुछ लोगों को बहुत भूख लगती है और वे जो कुछ भी पहले पाते हैं, उसे खा लेते हैं। वर्कआउट के बाद भी सोच समझकर और सही मात्रा में खाएं।
पोस्ट वर्कआउट मे आपको अंडे को लेना चाहिए एक अंडे में 5 ग्राम प्रोटीन होता है लेकिन आपको पोस्ट वर्कआउट में केवल आंडे की सफेद भाग ही खाना चाहिए जिसमें आपको 3 ग्राम प्रोटीन मिलेगा। अंडे में अमिनो एसिड के साथ- साथ कई विटामिन और मिनिरल भी होते है जो मासपेशियों की वर्कआउट के बाद मरम्मत का काम करते है। अंडे को आपको कच्चा नही खआना चाहिए हमेशा पका कर ही खाएं।
दूध में प्रोटीन की मात्रा काफी अच्छी मात्रा में पाई जाती है। कई विटामिन और मिनिरल के साथ इसमें सोडीयम और पोटेशीयम भी आपको दूध में मिलेगा। जो आपको पोस्ट वर्कआउट रिहाइड्रेशन में मदद करेगा। ये मांसपेशियों की सूजन को कम करता है।
मछली ओमेगा -3 फैटी एसिड और विटामिन जैसे डी और बी 2 (राइबोफ्लेविन) से भरपूर होती है। मछली कैल्शियम और फास्फोरस से भरपूर होती है और आयरन, जिंक, आयोडीन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिजों का एक बड़ा स्रोत है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन स्वस्थ आहार के रूप में प्रति सप्ताह कम से कम दो बार मछली खाने की सलाह देता है।
केले फाइबर, पोटेशियम, विटामिन बी6, विटामिन सी, और विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स का एक अच्छा स्रोत हैं। केले में पाए जाने वाले पोटेशियम और मैग्नीशियम आपकी मासपेशियों की मरम्मत में आपकी मदद करता है।
शकरकंद एक पौष्टिक भोजन है जिसमें फाइबर, विटामिन ए और पोटेशियम सहित कई पोषक तत्व होते हैं। वे मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट का एक स्रोत हैं जिनमें कोई वसा नहीं, कम सोडियम और बहुत कम प्रोटीन होता है। शकरकंद में चीनी कम होती है और इनमें जो चीनी होती है वह प्राकृतिक होती है।
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