वेटलॉस ही नहीं करती इंटरमिटेंट फास्टिंग, डायबिटीज और हृदय रोगों से भी बचाती है, जानिए कैसे
वर्क कल्चर और इटिंग हेबिट्स में आने वाले बदलाव वेटगेन का कारण बनने लगते है। इसके चलते अधिकतर लोगों का रूझान इंटरमिटेंट फास्टिंग की ओर बढ़ने लगा है। इसमें जहां कुछ घंटे फास्टिंग होती है, तो कुछ घंटे खान पान के लिए भी तय किए जाते है। इसमें बताई जाने वाली कैलोरी रिडयूसिंग डाइट से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। किसी एक्सपर्ट की गाइडेंस में इसे करने से शरीर हेल्दी बना रहता है। जानते हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है और ये किस प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है (Intermittent fasting benefits) ।
इंटरमिटेंट फास्टिंग किसे कहा जाता है (What is Intermittent fasting)
इस बारे में डायटीशियन, स्टर्लिंग अस्पताल, डॉ पूजा शेलत बताती हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर में फैट पर्सेनटेज को कम किया जा सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दिन के 24 घंटों में कुछ देर फास्ट करना होता है और कुछ घंटे हेल्दी खाने का सेवन करना होता है, जिसे इटिंग विंडो कहा जाता है। इसे करने के कई तरीके हैं। मगर आमतौर पर 16 घंटे फास्टिंग करके केवल आठ घंटे इंटिंग विंडो ओपन रहती है।
सुबह 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक इटिंग विंडो में हेल्दी डाइट लें। दूसरे तरीके के अनुसार दिन में 14 घंटे भूखा रहना होता है और 10 घंटे की इंटिंग विंडो होती है। इन दोनों के अलावा एक अन्य तरीके के अनुसार सप्ताह में 5 घंटे नॉर्मल डाइट लें सकते हैं। मगर आखिरी दो दिनों में दिनभर में 500 से 600 कैलोरीज़ ही इनटेक करनी होती हैं या फिर दिन में एक ही मील ले सकते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से वजन घटाने के लिए हार्मोन फंक्शन को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए वसा का इस्तेमाल किया जाता हैं। इससे हृदय रोगों से राहत मिलती है और डायबिटीज़ का स्तर भी नियमित बना रहता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे (Benefits of Intermittent fasting)
1. वेटलॉस में मददगार
इससे वेटलॉस में मदद मिलती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान दिन के कुछ घंटों में लो कैलोरी और हेल्दी डाइट का सेवन किया जाता है। इससे शरीर में कैलोरी स्टोरज से बचा जा सकता है। शरीर में बढ़ने वाली अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है और वेटगेन की समस्या हल हो जाती है।
2. टाइप 2 डायबिटीज़ को करे नियंत्रित
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करने से ब्लड शुगर स्पाइक से बचा जा सकता है। दरअसल, लो कैलोरी फूड के सेवन से ब्लड में ग्लूकोज़ के रिलीज़ को रोकने से मदद मिलती है। डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों को एक्सपर्ट की गाइडेंस में ही फास्टिंग को फॉलो करना चाहिए।
3. हृदय रोगों के खतरे को करे कम
फास्टिंग से शरीर में कोलेस्ट्रॉल स्तर और ट्राइग्लिसराइड लेवल नियंत्रित बना रहता है। दरअसल, फास्टिंग को फॉलो करने से खानपान की आदतों में सुधार आने लगता है। हृदय इससे संबधी समस्याएं कम हो जाती है और शरीर एक्टिव रहता है।
4. ब्रेन हेल्थ को करे बूस्ट
हेल्दी मील्स लेने से न्यू ब्रेन सेल्स प्रोडयूस होते हैं, जिससे मानसिक तनाव और भूलने की समस्या हल होने लगती है। दरअसल, आहार में बढ़ने वाली पोषक तत्वों की मात्रा ब्रेन हेल्थ को बूस्ट करती है और एंग्ज़ाइटी व डिप्रेशन से बचा जा सकता है। इससे मेमोरी इंप्रूव होती है और कॉग्नीटिव स्किल्स को बढ़ावा मिलता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान रखें इन बातों का रखें (Keep these things during intermittent fasting)
- बीमारी की स्थिति में इंटरमिटेंट फास्टिंग को करने से बचें। इसका असर एपिटाइट पर दिखने लगता है, जिससे इनडाइजेशन का सामना करना पड़ता है।
- फास्टिंग के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखने का प्रयास करें। नियमित मात्रा में पानी पीएं ताकि शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को रिलीज़ किया जा सके।
- हृदय रोगी और डायबिटीज़ के शिकार लोगों को खासतौर से एक्सपर्ट की गाइडेंस में ही इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करना चाहिए।
- एक्स्ट्रीम फास्टिंग को करने से बचें। इससे शरीर में कुपोषण का खतरा बढ़ने लगता है।