सी. सेक्शन के बाद भी किया जा सकता है वेट लॉस, हम बता रहे हैं सही वर्कआउट रुटीन और रणनीति
नॉर्मल डिलीवरी न होने की सूरत में बच्चे के जन्म के लिए सिजेरियन यानि सी.सेक्शन डिलीवरी को विकल्प के तौर पर चुना जाता है। सर्जिकल प्रोसिज़र के तहत एक मां के पेट और यूटर्स में कट लगाकर बच्चे का जन्म होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यू एच ओ के 2021 के एक शोध से पता चला है कि ये एक ऐसी प्रक्रिया है जो इन दिनों काफी कॉमन है। विश्व भर में हर पांच में से एक या उससे अधिक बच्चों का जन्म सी सेक्शन प्रोसिज़र से किया जा रहा है। पर सी सेक्शन के बाद बहुत सारी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण आपको कुछ दिन बहुत एहतियात बरतनी पड़ती है। ऐसी ही एहतियात वर्कआउट के सदंर्भ में भी जरूरी है। अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं, और सी सेक्शन से डिलीवरी हुई है, तो जानिए आप कैसे कर सकती हैं वर्कआउट और वेट लॉस की शुरुआत (weight loss after C section) ।
सी सेक्शन के बाद जरूरी है कुछ चीजों का ध्यान रखना
हांलाकि इसमें बॉडी रिकवरी में समय लगता है। मगर डिलीवरी के बाद जहां न्यू मॉम का ध्यान बच्चे पर होता है, तो वहीं वो वज़न कम करने की दिशा में भी कदम बढ़ाना शुरू कर देती है। इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि सी.सेक्शन डिलीवरी के तुरंत बाद व्यायाम शुरू करना उचित नहीं है।
फिटनेस कोच सोहराब खुशरुशाही कहते हैं कि डिलीवरी के दौरान नई मां का शरीर खूबसूरत लेकिन दर्दनाक अनुभव से होकर गुजरता है। अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचते हुए इस जर्नी में धीरे धीरे आगे बढ़ना चाहिए। वे कहते हैं कि सी.सेक्शन डिलीवरी के बाद बॉडी फिट करने के लिए खुद के प्रति सख्त रवैया न अपनाएं।
किसी भी तरह का प्रशिक्षण शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर करें। सिजेरियन बर्थ के 8 से 10 सप्ताह के बाद अगर आप शुरू करना चाहते हैं, तो स्पीड को धीमा रखें। सबसे पहले ध्यान कोर रिकवरी और पेल्विक फ्लोर वर्क पर केंद्रित करने की आवश्यकता हैं। ब्रिदिंग एक्सरसाइज़ वेट लॉस जर्मी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके लिए आपको हर दिन के लिए गोल फिक्स करना है।
इन छोटे कदमों से करें अपने वर्कआउट और वेट लॉस जर्नी की शुरुआत
1. स्क्वाट्स (Squats)
स्क्वाट्स करने से शरीर को ताकत मिलती है। इसे करते वक्त आपके पैर की सभी मांसपेशियां शामिल होती है। बॉडीवेट स्क्वाट अपनी फॉर्म में वापिस लौटने का एक बेहतरीन तरीका है। एक बार जब आप फॉर्म में वापिस आ जाते हैं, तो और वज़न जोड़ सकते है।
इस तरह करें स्क्वाट्स
स्क्वाट्स करते वक्त कंधों को चौड़ा कर लें।
ध्यान रखें कि आपके पैर जमीन पर पूरी मजबूती से रखे हुए हैं। जब आप स्क्वाट्स करते हैं, तो उस वक्त पूरा वज़न पैरों पर डलता है। इससे पैरों की मांसपेशियां खिंचती हैं।
बट्स को स्क्वीज़ करते हुए पैरों को जमीन से चिपका लें।
कंधे और पीठ के ऊपरी हिस्से को एक दम सीधा होना चाहिए।
कलाई भी सीधी होनी चाहिए और आपकी कोहनी को मोड़कर देनों बाजूओं को एक दूसरे पर रखें।
शुरू करते ही सबसे पहले अपने घुटनों को न मोड़ें। इससे घुटने में दर्द की समस्या पैदा हो सकती है।
हाथों को आगे की ओर फैलाएं और फिर घुटने मोड़ें। इसके बाद अपने हिप्स को पीछे की ओर ले जाएं।
2. आगे की ओर झुकना (bent over rows)
आगे की ओर झुकने वाले इस व्यायाम से आपके शरीर को बॉडीवेट पुल.अप करने में मदद मिलती है। ये एक चैलेंजिंग एक्सरसाइज़ है।
बैंट ओवर रोज़ कैसे करें
अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई से ज्यादा चौड़ा करें और घुटनों में लचीलापन रखें।
अपनी थाइज़ को आगे की ओर मोड़ें और आंखों को पैरों के आगे थोड़ी दूरी पर फर्श पर केंद्रित रखें।
डंबल को नीचे से उपर की ओर खींचें और आपकी कोहनी और कलाई को सावधानी से आगे पीछे करें।।
वजन उठाते हुए कंधों को झुकाएं। मगर अपने शरीर को स्विंग न करें और अपनी गर्दन को हाइपरएक्सटेंड करें।
3 शोल्डर प्रेस (Shoulder press)
कंधों की मज़बूती शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है। बहुत से लोग अपने कंधों की मज़बूती को अनदेखा कर देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है।
शोल्डर प्रेस इस एक्सरसाइज़ को करने से पहले इस बात को जान लें कि आपके पैर जमीन पर पूरी तरह से टिके हुए होने चाहिए।
इसके बाद कंधे पर आने वाले दबाव के चलते पैरों के मध्य थोड़ी दूरी रखें और डंबल को मज़बूती से पकड़ें।
इस व्यायाम के दौरान पेट को कसकर रखें। ध्यान रखें कि डंबल उठातेसमय पीछे की ओर झुकें नहीं।
4. फारर्म्स कैरी (Farmer’s carry)
ये फॉर्म आपके पूरे शरीर को मज़बूती देती है।
इससे आपकी पकड़ मज़बूती होती है और स्थिरता आती है। साथ ही शरीर के संतुलन में सुधार आता है।
फारर्म्स कैरी कैसे करें
अपने पैरों के मध्य गैप देकर सीधे खड़े हो जाएं और बाजूओं को सीधा कर लें।
अब नीचे बैठकर वज़न को उठाएं और दोनों हाथों से पकड़ें।
इससे कंधों को मज़बूती मिलती है।
अब आगे बढ़ें और चलना शुरू करें। ध्यान रखें कि अपने सिर को ऊपर की ओर रखकर सीधा चलते जाएं।
इस फॉर्म में कंधों को पीछे की ओर रखें।
अपनी शारीरिक क्षमता के अनुरूप ही इस व्यायाम को करें।