इन दिनों वातावरण में प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ गया है। साथ ही मौसम बदल चुका है। प्रदूषण और सर्दी का मौसम दोनों मिलकर स्किन को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। खासकर टीनएज को। प्रदूषण के कारण उनके स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं, जिसके कारण मुहांसे की समस्या हो जाती है। वहीं दूसरी ओर, ठंड का मौसम स्किन को रूखा बना देता है। ऐसी स्थिति में टीन्स को अपनी त्वचा का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। टीन्स अपनी स्किन की विशेष देखभाल किस तरह (skin care tips for teenage) करें, इसके बारे में विस्तार से बता रही हैं, डर्मालोजिका इंडिया की एजुकेशन हेड और स्किन-ब्यूटी एक्सपर्ट हिना खान।
टीन एजर को स्किन की विशेष देखभाल करनी पडती है। इसके लिए स्किन को एक्सफोलिएट करना पड़ता है और स्किन टोन भी करना पड़ता है।
हमेशा नॉन कॉमेडोजेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट का चयन करें। इनमें नॉन-कॉमेडोजेनिक आयल और दूसरे पोषक तत्व होते हैं। इसमें उपलब्ध सामग्री ड्राई स्किन को यह नमीयुक्त और ऑयली स्किन को मुंहासों से मुक्त रखती है।स्किन के पीएच को संतुलित करने के लिए अल्ट्राकैल्मिंग क्लींजर फेसवॉश और क्लींजर का उपयोग टीन को करना चाहिए। यदि आपकी स्किन संवेदनशील है, तो पीएच-बैलेंस, नॉन-फोमिंग क्लींजर का प्रयोग करें। यह स्किन बैरियर को मजबूत करता है।
यह जरूरी है कि आप रोजाना क्लीन, एक्सफोलिएट, टोन, मॉइश्चराइज और एसपीएफ (CETMS) रुटीन का पालन करें। इसकी शुरुआत ब्रेकआउट क्लीयरिंग फोमिंग फेस से की जा सकती है। इससे धोने पर स्किन गहराई से साफ हो पाती है। सफाई सबसे ज्यादा जरूरी है। संपूर्ण स्किन केयर रूटीन को फ़ॉलो करें।एक्सफोलिएशन की प्रक्रिया बंद रोमछिद्रों को खोलने में मदद करती है। इसके परिणामस्वरूप कम ब्रेकआउट होते हैं। त्वचा के प्रकार के आधार पर यह सप्ताह में दो या तीन बार किया जा सकता है।
मॉइस्चराइजिंग से त्वचा में निखार आता है। इससे इन्फ्लेमेशन से राहत मिलती है। यह स्किन बैरियर को मजबूत करता है। इसका प्रयोग रोज करना चाहिए। माइक्रोफोलिएंट फेस स्क्रब और डीप मॉइस्चराइजिंग असमान स्किन को संतुलित करने में मदद करता है।
टोनिंग करने से ड्राई त्वचा के लिए लिपिड संतुलन पुनर्स्थापित करता है। एसपीएफ 30 मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। यह यूवी किरणों, फ्री रैडिकल डैमेज और प्रदूषण से बचाव करता है।
ब्लैकहेड्स और कंजेशन को रोकने के लिए स्किन को अच्छी तरह से साफ करें। डबल क्लींजिंग इसमें मदद करता है। इससे पोलूशन पार्टिकल और इम्पुरिटी दूर रहती है। इससे स्किन सुरक्षित रहती है। लेकिन स्किन की अधिक सफाई से बचें, क्योंकि इससे स्किन प्रोटेक्शन लेयर और सेबम प्रोडक्शन प्रभावित हो सकती है।
अतिरिक्त डेड स्किन कोशिकाओं और सीबम से छुटकारा पाने के लिए अपने होम केयर रूटीन में एक्सफोलिएंट को शामिल करें। एक्सफोलिएंट स्किन डेब्रिस को हटाता है और स्किन की टोन को समान करता है। एएचए- लैक्टिक एसिड, बीएचए – सैलिसिलिक एसिड और एंजाइम जैसे एक्सफ़ोलिएंट चुनें। बहुत रुखड़े एक्सफोलिएंट्स से बचें, क्योंकि यह ब्रेकआउट से प्रभावित स्किन को परेशान कर सकता है। यह ब्रेकआउट को संभावित रूप से बढ़ा सकता है।
पिम्पल्स या एक्ने या किसी प्रकार की स्किन प्रॉब्लम हो गई है, तो उसे छूने से बचें। इससे मुहांसे बढ़ सकते हैं। यह स्किन पर फ़ैल सकते हैं। यह स्किन को दागदार बना देगा।
धूप से होने वाले नुकसान से बचने के लिए ऑयल-फ्री, ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। प्रोटेक्शन 50 स्पोर्ट एसपीएफ़ 50 सनस्क्रीन 80 मिनट तक प्रतिरोधी हो सकता है। यह नुकसान को बेअसर करता है और बिना किसी चिकनाई के स्किन की नमी को बांधता है। मुहांसों से बचने के लिए रात में सोने से पहले स्किन की सफाई करें।
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