शरीर को हेल्दी रखने के लिए एक्सरसाइज़ करना बहुत ज़रूरी है। इससे न केवल वेटलॉस में मदद मिलती है बल्कि शरीर कई प्रकार की बीमारियों से भी बचा रहता है। खुद को स्लिम और फिट रखने के लिए महिलाएं वर्कआउट करती है, जिसमें वेट लिफ्टिंग को लेकर वे बेहद एक्साइटिड रहती है। मगर कई बातों का ख्याल नहीं रख पाती है। इसके चलते महिलाओं के स्वास्थ्य पर उनका निगेटिव प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में अपनी बॉडी को फिट और हेल्दी बनाए रखने के लिए इन वेट लिफ्टिंग टिप्स (Weight lifting tips) को अवश्य फॉलो करें।
इस बारे में बातचीत करते हुए फिटनेस एक्सपर्ट दिनेश चंदेल का कहना है कि वेट लिफ्टिंग (weight lifting) एक्सरसाइज़ के लिए आपको अपने बॉडी वेट के हिसाब से ही वज़न उठाना चाहिए। अन्यथा मसल्स में क्रैंपस की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही चोटिल होने का खतरा भी बढ़ने लगता है। अगर आप डायबिटीज़ या हार्ट संबधी समस्या के शिकार है, तो मॉडरेट एक्सरसाइज़ के जरिए आप शरीर को स्वस्थ रख सकती है। अगर आप 40 के बाद वेट लिफ्टिंग (weight lifting) करने का मन बना रही है, तो इससे बोन हेल्थ को भी नुकसान पहुंच सकता है।
वेट लिफ्टिंग (weight lifting) से पहले कुछ देर एरोबिक अवश्य करें। इससे आपका शरीर एक्सरसाइज़ के लिए तैयार होने लगता है। इसके अलावा कुछ मिनटों की जॉगिंग या फिर ब्रिस्क वॉक आपके शरीर को क्रैंपस से बचाती है। आप चाहें, तो इसके अलावा कुछ देर स्किपिंग और जंपिंग जैक से भी बॉडी को वॉर्म अप कर सकते है।
अगर आप वेट लिफ्टिंग (weight lifting) के लिए जा रही हैं, तो हल्के वज़न से शुरूआत करें। इससे आप जल्दी नहीं थकेंगी और लंबे वक्त तक एक्सरसाइज़ भी कर पाएंगी। सबसे पहले 1 वेट के साथ शुरू करें और धीरे धीरे वेट को बढ़ाते जाएं। इससे आप आसानी से देर तक वेट लिफटिंग के कई सेटस आसानी से कर सकते हैं।
अगर आप वेट लिफ्टिंग (weight lifting) कर रही हैं, तो हर सेट को कंप्लीट करने के बाद 1 से 2 मिनट का रेस्ट अवश्य करें। इससे बॉडी रिचार्ज होने लगती है। साथ ही थकान जल्द नहीं होती है। 30 से 45 मिनट के वर्कआउट के बाद 60 मिनट का रेस्ट अवश्य लें।
अगर आप 15 से 20 मिनट वर्कआउट करने के बाद थकान का अनुभव कर रही हैं। तो खुद को जबरदस्ती किसी भी वर्कआउट को करने के लिए मज़बूर न करें। अपने शरीर को ज्यादा न थकाएं और कुछ देर के लिए बैठ जाएं। जब शरीर दोबारा रिचार्ज हो जाए, तो उठकर दोबारा से वर्कआउट करें। इससे शरीर के चोटिल होने और मसल क्रैंपस (muscle cramps) का खतरा कम होने लगता है।
अगर आप वर्कआउट को लेकर थोड़ा चिंतित रहती हैं या किसी प्रकार की कन्फ्यूजन में हैं, तो इसके लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें। एक्सपर्ट के मुताबिक अपने फिटनेस गोल्स (fitness goals) को सेट करें और बताई गई गाइडलाइंस को फॉलो करें। एक साथ बहुत कुछ करना आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके लिए एक्सपर्ट के सुझाव के अनुसार ही आगे बढ़ें ।
इससे बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी (flexibility) में सुधार आने लगता है और खुद को एक्टिव महसूस करने लगते हैं।
अगर आप एक दिन छोड़कर वेटलिफ्टिंग करते हैं, तो इससे बॉडी का ब्लड प्रेशर नियमित बना रहता है।
इससे हड्डियों को मज़बूती मिलने लगती है और आपको जल्द थकान महसूस नहीं होती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंमसल्स में होने वाली स्टिफनेस को इसके ज़रिए आसानी से दूर किया जा सकता है।
वेट लिफ्टिंग करने के फलैबी फैट स्किन से भी राहत मिलती है और आपकी बॉडी टोन्ड होने लगती है।
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