जोड़ों के दर्द में राहत देते हैं ये 4 आसान योगासन, धीरे-धीरे और आराम से करें इनका अभ्यास

ब्रिज पोज कई बार हम अपने बचपने में भी करते थे। इस पोज को कोई भी व्यक्ति आराम से कर सकता है क्योंकि इसे करने में शरीर को अधिक मोड़ने की जरूरत नहीं होती है। अपने योग मैट पर लेटकर, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर रखें।
bridge pose ke fayde
ब्रिज पोज़ छाती को खोलने और पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है। चित्र : शटरस्टॉक
Updated On: 9 Jul 2024, 09:42 pm IST

बारिश का मौसम सभी को सुहावना लगता है हम सभी भारी गर्मी के बाद रिमझिम बारिश और मानसून का बेसब्री से इंतेजार करते है। कई लोग इस मौसम का मजा लेते है तो कई लोगों के लिए ये मौसम पेरशानी भरा भी होता है। जी हां जिन लोगों को जोड़ो के दर्द की समस्या होती है उन लोगों को मानसून के समय से दर्द और अधिक बढ़ जाता है। ऐसी कई फैक्टर के कारण होता है। मानसून आने के कारण हवा ठंडी हो जाती है. वातावरण में नमी होने लगती है औऱ संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। सही कारण बरसात में जोड़ो में दर्द का कराण हो सकते है।

मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है और जोड़ों में दर्द बढ़ सकता है। न केवल बूढ़े लोग, बल्कि गतिहीन जीवनशैली वाले युवा लोग भी मानसून के दौरान अपने जोड़ों में गंभीर असुविधा को महसूस कर सकते है।

क्यों होता है बरसात में जोड़ों में दर्द

जब मानसून के दौरान वातावरण में दबाव कम हो जाता है, तो ऊतक थोड़ा ऊपर उठकर फैलने लगते हैं। जिस तरह स्पंज को छोड़ने के बाद वह फैलता है, उसी तरह ऊतक सूक्ष्म स्तर पर फैलकर नसों पर दबाव डालते हैं। इन छोटे बदलावों का जोड़ों पर बहुत बड़ा असर पड़ता है। और जोड़ों की समस्या वाले बुजुर्गों की नसें संवेदनशील होती हैं, इसलिए कम दबाव के कारण जोड़ों में सूजन और दर्द बढ़ जाता है।

Foods that cause joint pain
कम दबाव के कारण जोड़ों में सूजन और दर्द बढ़ जाता है । चित्र शटरस्टॉक

मानसूम में जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए करें ये योगासन (yoga for joint pain)

1 ब्रिज पोज़ (Bridge pose)

ब्रिज पोज कई बार हम अपने बचपने में भी करते थे। इस पोज को कोई भी व्यक्ति आराम से कर सकता है क्योंकि इसे करने में शरीर को अधिक मोड़ने की जरूरत नहीं होती है। अपने योग मैट पर लेटकर, अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर रखें।

अपने सिर, गर्दन, कंधों और बाहों को मैट पर दबाते हुए धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर उठाएं। आपकी जांघें फर्श के समान होनी चाहिए और आपके घुटने सीधे आपकी एड़ियों के ऊपर होने चाहिए। ब्रिज पोज़ घुटने के जोड़ों को मजबूत करता है और ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए मददगार हो सकता है।

2 आगे की ओर झुकना (Forward fold)

कठोर मांसपेशियों वाले लोगों के लिए यह एक अच्छी एक्टिविटी है। इसमें कुछ अन्य मुद्राओं की तुलना में कम लचीलेपन की आवश्यकता होती है, और आपकी क्षमता के स्तर के आधार पर इसमें कई लेवल होते हैं। सीधे खड़े होकर, आगे की ओर झुकने में शरीर को धीरे-धीरे कूल्हों पर दो भागों में मोड़ना शामिल है।

अपनी रीढ़ को तब तक आगे की ओर घुमाएं जब तक कि आप अपनी काल्फ को देखते हुए आगे न आ जाएं। रीढ़ को जितना हो सके उतना मोड़ें, यदि आवश्यक हो तो सहारे के लिए कुर्सी का उपयोग करें।

Pollपोल
नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

3 प्लैंक पोज (Plank pose)

प्लैंक को पेट के एक लिए काफी अच्छा व्यायाम माना जाता है लेकिन जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी ये काफी अच्छा है। अपने पेट के बल लेटकर, अपनी निचली भुजाओं को चटाई पर रखें और अपनी कोहनी को 90º मोड़ें। अपने शरीर को चटाई से ऊपर उठाएं ताकि आपका वजन आपकी निचली भुजाओं और पैरों के पंजों पर हो। अपने शरीर को जितना संभव हो उतना सीधा रखने की कोशिश करें, जिसका मतलब अक्सर आपकी पीठ के निचले हिस्से और नितंबों को नीचे करना होता है। प्लैंक पोज़ में 30 सेकंड तक कई सेट करने की कोशिश करें।

plank pose se stress door hota hai.
प्लैंक को पेट के एक लिए काफी अच्छा व्यायाम माना जाता है लेकिन जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी ये काफी अच्छा है। चित्र शटरस्टॉक

4 धनुष मुद्रा (Bow pose)

धनुष मुद्रा से ऐसा लगता है जैसे आप अपने योग मैट पर एक धनुष का आकार बनाते है। अपने पेट के बल लेटकर, धनुष मुद्रा में आप अपने कंधों को फैलाते हैं और अपनी बाहों को पीछे की ओर खींचते हैं, अपने टखनों को पकड़ते हैं। यह मुद्रा कंधे के जोड़ों के लिए बहुत बढ़िया है, और यह आपकी पीठ और क्वाड्रिसेप की मांसपेशियों को आपके पैरों के माध्यम से नीचे खींचने का एक अच्छा अवसर भी प्रदान करती है।

ये भी पढ़े- ये 4 तरह की चटपटी चाट हैं बच्चों की फेवरिट, यहां जानिए इन्हें बनाने का हेल्दी तरीका

BMI

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

अगला लेख