वेटलॉस के लिए तन और मन दोनों को संतुलित रखना ज़रूरी है। महिलाएं अक्सर लोअर बैली फैट का शिकार हो जाती है। जो आपकी बॉडी की शेप को खराब करता है। कई प्रकार की बीमारियों से शरीर को निजात दिलाने वाला योग आपकी बॉडी को तंदुरुस्ती और मन को शांति प्रदान करता है। अगर आप भी वेटलॉस (weight loss) की तैयारी कर रही हैं, तो योगाभ्यास को अपने रूटीन का हिस्सा ज़रूर बनाएं। आइए जानते हैं, वो योगासन जो बैली फैट को करेंगे कम (yoga to reduce lower belly fat)।
देर तक बैठकर काम करने से टांगों और कंधों में आने वाली स्टिफनेस को दूर करने के लिए धनुरासन एक कारगर उपाय है। इसे करने से मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। साथ ही पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है, जो वेटलॉस (weight loss) में सहायक साबित होती है। दिनभर में 2 से 3 बार इस योग को करने से शरीर फिट रहता है।
इस योग का अभ्यास करने के लिए जमीन पर मैट बिछा लें और पेट के बल लेट जाएं। अब दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं। दोनों टांगों में गैप मैंटेन करें।
अब टांगों को मोड़ते हुए कंधों के पास ले आएं। उसके बाद दोनों बाजूओं को पीछे की ओर लेकर जाएं और दोनों पैरों को पकड़ लें। इसके बाद गर्दन को उपर की ओर रखें।
धनुरासन (Bow pose) को करते समय गहरी सांस लें और छोड़ें। इसे करने से फेफड़ों को भी मज़बूती मिलने लगती है।
बैली फैट को कम करने के लिए नौकासन (Boat pose) का अभ्यास ज़रूरी है। इसे रोज़ाना करने से बैली मसल्स संकुचित होने लगते है, जिससे फैट बर्न होने लगता है। इसके अलावा पैरों में होने वाले दर्द से भी मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा पाचनतंत्र भी मज़बूत बनने लगता है। इसका रोज़ाना अभ्यास शरीर को हेल्दी रखता है।
इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। उसके बाद दोनों टांगों को सीधा कर ले। अब उठकर बैठें और टांगों को आगे की ओर फैला लें।
टांगों को धीरे धीरे उपर की ओर उठाएं और बाजूओं को भी खीचे और पैरों की ओर बढ़ाएं। इस योग को करने के दौरान पेट में खिंचाव महसूस होता है।
आंखों को पैरों की उंगलियों पर टिकाएं रखें। अब गहरी सांस लें और छोड़ें। इस प्रक्रिया को 3 से 4 बार
दोहराएं।
अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं, तो भुजंगासन (Cobra pose) इस समस्या का आसन इलाज है। इसे करने से रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी हो जाती है। इसके अलावा पेट और टांगों में रहने वाला दर्द दूर होने लगता है। इसे रोज़ाना करने से मानसिंक शांति मिलती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंसबसे पहले मैअ पर पेट के बल लेट जाएं और गहरी सांस लें और आंखें बंद कर लें। दोनों टांगों को आपस में जोड़ लें और पैर सीधे कर लें।
बाजूओं को चेस्ट के नज़दीक ले आएं। अब दोनों हाथों से उपर की ओर उठें। कमर तक शरीर को उपर उठा लें और बाजूओं को सीधा रखें।
इस योग को करने के दौरान पूरा वज़न कंधे पर आता है। इसके अलावा लोअर बॉडी मसल्स भी खिंचने लगते है, जो वेटलॉस में सहायक है।
अब गर्दन को उपर की ओर रखें और गंहरी सांस लें और छोड़ें। इस योग को 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक करें। इससे लोअर बैली फैट की समस्या सुलझ जाती है।
पेट के निचले हिस्से में जमा चर्बी को दूर करने के लिए कुभंकासन का अभ्यास करना ज़रूरी है। इसे रोज़ाना करने से ब्लड सर्कुलेशन नियमित होता है। इससे कंधों और टांगों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। इसके अलावा वे महिलाएं जिनके कमर में दर्द व शाटिका पेन की शिकायत रहती है। ये योगासन उनके लिए भी लाभदायक है।
इस योग को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। उसके बाद दोनों हाथों को थाइज़ पर टिका लें।
अब शरीर को आगे की ओर झकाएं। दोनों हाथों को ज़मीन पर चिपका लें।
कमर से शरीर को उपर की ओर उठाएं और दोनों पैरों की उंगलियों पर शरीर को टिकाएं।
दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाए रखें। इसके बाद दोनों बाजूओं को सीधा कर लें और शरीर का वज़न बाजूओं पर आने लगता है।
इस दौरान पीठ को सीधा रखें। अब गहरी सांस लें और छोड़ें