कम उम्र में लोग कई तरह की समस्याओं का शिकार होने लगते हैं। उन्हीं में से एक है लीवर प्रोब्लम्स। जो गलत खानपान और लाइफ स्टाइल के चलते हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित होने लगता है। इसके चलते न केवल पेट में भारीपन महसूस होने लगता है बल्कि वेटलॉस (weight loss) का भी कारण बनने लगता है। इन समस्याओं से निपटने के लिए जहां हम दवाओं का सहारा लेते है, तो वहीं योग के माध्यम से भी खुद को हेल्दी और फिट रखा जा सकता है। जानते हैं लीवर को नेचुरल तरीके से डिटॉक्सिफाई करने में कौन से 4 योगासन है मददगार (Yoga to detox liver naturally)।
लीवर (liver) को हेल्दी रखने के लिए अपनी दिनचर्या में भुजंगासन (Bhujang asana) यानि कोबरा पोज़ (cobra pose) को अवश्य शामिल करें। इसे रोज़ाना कुछ मिनट करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ बाहर आने लगते हैं। साथ ही आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने लगता है। इससे आपका शरीर हेल्दी और मज़बूत बनने लगता है।
इस योग को करने के लिए पेट के बल मैट पर लेट जाएं। उसके बाद आंखें बंद करके अपने दोनों हाथों को चेस्ट के नज़दीक रख लें। अब गहरी सांस लें।
दोनों हाथों को उपर की ओर उठाएं और बॉडी के अपर पार्ट को धीरे धीरे उपर की ओर ले जाएं।
अब बाजूओं को सीध कर लें और गर्दन आसमान की ओर स्ट्रेच (stretch) करें।
दोनों टांगों को खींचकर रखें और पैरों को आपस में जोड़ लें। ध्यान रखें की घुटनों को ज़मीन से छूएं और गहरी सांस लें व छोड़े।
इस योग को करने से आपकी पेल्विक मसल्स स्ट्रांग बनती हैं। इसके अलावा पाचनतंत्र भी मज़बूत हो जाता है। वे लोग जो एसिडिटी और ब्लोटिंग के शिकार रहते हैं। उन्हें नियमित तौर पर इस योग को अवश्य करना चाहिए।
इस योग को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के मध्य दूरी बना लें। उसके बाद घुटनों को मोड़ते हुए पैरों के बल बैठें।
ध्यान रखें कि आपके हिप्स ज़मीन को न छूएं। इसके बाद दोनों हाथों को नमस्कार की मुद्रा में लेकर आएं और गहरी सांस लें व छोड़ें।
योगासन के दौरान पीठ सीधी रखें। इससे बॉडी पोस्चर (body posture) बेहतर बनने लगता है। इसके अलावा दोनों एल्बोज़ से घुटनों स छुएं। इससे योग करने में आसानी होगी।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें30 सेकण्ड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में बैठने के बाद कुछ देर शरीर को आराम दें। 1 से 2 मिनट के बाद दोबारा ये योगाभ्यास करें।
लीवर संबधी समस्याओं से दूरी बनाए रखने के लिए नौकासन को अवश्य अपने रूटीन में शामिल करें। इसे रोज़ाना करने से लीवर, पेनक्रियाज़ और लंग्स को फायदा मिलता है। इसके अलावा शारीरिक अंगों में होने वाली स्टिफनेस भी दूर होने लगती है।
इस योग को करने के लिए मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। अब घुटनों को मोड़ते हुए दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं। टांगों को सीधा करने से बचें।
दोनों पैरों और गर्दन को एक लेवल पर लेकर आएं। इसे करने से आपकी अपर और लोअर पोर्शन उपर की ओर उठने लगता है। इस दौरान दोनों बाजूओं को स्ट्रेच करें।
हाथों को खोलकर सभी उंगलियों में दूरी बनाए रखें। इससे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होने लगता है। इसके अलावा शरीर में होने वाली ऐंठन से भी राहत मिल जाती है।
इस योगासन को करने से लीवर और डाइजेस्टिव सिस्टम मज़बूत बनता है। इसे रोज़ाना करने से स्पाइन को भी मज़बूती मिलने लगती है। अगर आपको गले, कमर या टांगों से सबंधी कोई समस्या है, तो इस योग को सावधानी से करें। इसे करने से पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होने लगता है।
इस योगासन को करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इस बाद दोनों पैरों में दूरी बना लें। अब हरी सांस लेते हुए कमर को धीरे धीरे पीछे की ओर ले जाएं।
दोनों को हिप्स पर रखकर अपर बॉडी को पीछे की ओर ले जाएं। बैलेंस बनने के बाद दोनों बाजूओं को पीछे की ओर ले जाएं और नमस्कार की मुद्रा बनाएं।
योगासन के दौरान गहरी सांस लें और छोड़ें। इसे करते वक्त अपनी आंखें बंद रखें। इससे आपके शरीर में उर्जा का संचार होने लगता है।
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