दिनभर स्क्रीन के सामने बैठने से शरीर के पोश्चर में बदलाव आने लगता है और कंधों व गर्दन में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस दर्द के चलते कार्यक्षमता प्रभावित होती है और शरीर थका हुआ महसूस होने लगता है। ऐसे में खुद को एक्टिव और तरोताज़ा रखने के लिए शोल्डर एक्सरसाइज़ बेहद कारगर साबित होती हैं। इससे कंधों से लेकर बाजूओं तक को मज़बूती मिलती है और शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन नियमित बना रहता है। जानते हैं कि किन एक्सरसाइज़ की मदद से पाएं कंधों के दर्द से मुक्ति (Exercise for shoulder pain) ।
इस बारे में लाइफस्टाइल कोच पूजा मलिक बताती हैं कि बॉडी पोश्चर को बेहतर बनाए रखने के लिए वर्कआउट बेहद ज़रूरी है। वे लोग जो लंबे वक्त तक एक ही पोज़िशन में बैठकर काम करते हैं। उनके मसल्स में स्टिफनेस बढ़ने लगती है। मसल्स में बढ़ने वाली टाइटनेस और दर्द को दूर करने के लिए शरीर में लचीलेपन को बढ़ाना आवश्यक है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार 18 से 26 फीसदी लोगों को कंधों में दर्द और ऐंठन का सामना करना पड़ता है। शारीरिक क्षमता के मुताबिक वर्कआउट करने से शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखने में मदद मिलती है।
शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को नियमित बनाए रखने के लिए साइकिल क्रंच का अभ्यास करें। इसे नियमित तौर पर वर्कआउट रूटीन में शामिल करने से कंधों की मांसपेशियों में होने वाले दर्द से राहत मिलती है। इससे शरीर एक्टिव रहता है और बॉडी पोश्चर में सुधार आने लगता है।
इसे करने के लिए पीठ के बल मैट पर सीधा लेट जाएं और पीठ को सीधा करें।
अब दोनों हाथों को पीछे की ओर लेकर जाएं और सिर के नीचे रख लें।
इस दौरान दोनों बाजूओं की कोहनियों को मोड़ें और सिर को आगे की ओर लेकर आएं।
दोनों पैरों से धीरे धीरे साइकलिंग शुरू करें। साथ ही हाथों को भी मूव करें। इससे गर्दन और कंधों को मज़बूती मिलती है।
कंधों के दर्द को दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ का अभ्यास अवश्य करें। चेस्ट स्ट्रेच से शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है और बाजूओं में बार बार होने वाले दर्द की समस्या कम हो जाती है। नियमित रूप से चेस्ट स्ट्रेच का अभ्यास करने से मांसपेशियों की ऐंठन कम हो जाती है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों कें मध्य दूरी बनाकर रखें।
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बीएमआई चेक करेंअब दाई बाजू को सीधा करें और बाएं हाथ से दाहिने हाथ को बाई ओर खींचे।
एक्सरसाइज़ को 2 से 3 सेट्स में 15 बार दोहराएं। इस दौरान बाजू को ज़ोर से खींचने से बचें।
दाई बाजू के बाद बाएं हाथ से यही प्रक्रिया दोहराएं। इससे बाजूओं को मज़बूती मिलती हैं।
देर तक बैठने से गर्दन और कंधों में दर्द को चेस्ट एक्सपेंशन से दूर किया जा सकता है। इसे करने से शारीरिक अंगों में लचीलापन बढ़ने लगता है। साथ ही बाजूओं पर जमा अतिरिक्त फैट्स को कम करने में मदद मिलती है। इससे शरीर एक्टिव रहता है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों में गैप बनाकर रखें और कमर को सीधा कर लें।
अब दोनों बाजूओं को पीछे ले जाएं और गर्दन को भी पीछे करें। उसके बाद बाजूओं को आगे लाएं।
इस दौरान हाथों में एक रस्सी का अवश्य पकड़ें। इससे बाजूओं में खिंचाव बढ़ने लगता है, जिससे मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं।
1 से 2 मिनट तक इस एक्सरसाइज़ को करने के दौरान अपनी सांस पर भी नियंत्रण को बनाए रखें।
शरीर को संतुलित बनाए रखने के लिए एक्सटेंशन प्लैंक को वर्कआउट रूटीन में शामिल करें। इससे मसल्स बिल्ड होते हैं और मांसपेशियों का दर्द कम होने लगता है। प्लैक्स पैल्विक मसल्स के लिए भी फायदेमंद साबित होते हैं।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए मैट पर पेट के बल लेटें और रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें।
दोनों पंजों को जमीन पर टिकाते हुए शरीर को उपर की ओर उठाएं और पैरों की उंगलियों के सहारे खड़े हों।
शरीर को उपर उठाएं और फिर नीचे लाते हुए कोहनियों को मैट पर टिका लें।
शरीर की क्षमता के अनुसार इस एक्सरसाइज़ का अभ्यास करें।
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