Yoga for kidney : शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है किडनी, इन 4 योगासनों के अभ्यास से बनाएं इन्हें हेल्दी

बैलेंस डाइट, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से लेकर समय-समय पर यूरिन और स्टूल पास करने के अलावा आप दिन में 10 से 20 मिनट योग में हिस्सा ले इसे पूरी तरह से स्वस्थ रख सकती हैं।
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नियमित रूप से 10 मिनट कपालभाति करने से बेली फैट खत्म हो जाता है। चित्र: शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 7 Sep 2023, 09:30 am IST
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वर्तमान समय में बढ़ता प्रदूषण, जीवन शैली की आदतें, अस्वस्थ खानपान, तनाव और चिंता, वहीं कॉविड-19 के बाद शरीर का कमजोर होना, साथ ही साथ वर्क फ्रॉम होम की वजह से बढ़ती शारीरिक स्थिरता का शरीर के अंदरूनी अंगों पर बेहद नकारात्मक असर पड़ा है। किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो तमाम शारीरिक फंक्शन को रेगुलेट करता है। टॉक्सिंस को बाहर निकालने से लेकर वॉटर लेवल और एसिड बेस को बैलेंस करना, साथ ही ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करना और ब्लड को फिल्टर करना जिससे कि खून में मौजूद गंदगी शरीर के बाहर निकल आए।

शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग पर हम सभी को ध्यान देने की आवश्यकता है। बैलेंस डाइट, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से लेकर समय-समय पर यूरिन और स्टूल पास करने के अलावा आप दिन में 10 से 20 मिनट योग में हिस्सा ले इसे पूरी तरह से स्वस्थ रख सकती हैं। योगाभ्यास आपकी किडनी की सेहत को बढ़ावा देते हैं और इसे स्वस्थ और संतुलित रहने में मदद करते हैं। ऐसे में डाइजेशन और इम्यूनिटी इंप्रूव होती है और थकान स्ट्रेस से राहत मिलती है।

आज किडनी की सेहत को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है, चार खास योगाभ्यास (Yoga for kidney) जो आपकी किडनी की सेहत को बनाये रखने में आपकी मदद करेंगे। तो चलिए जानते हैं, क्या है इन योगाभ्यास को करने का सही तरीका।

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किडनी की समस्या में कारगर होता है योग। चित्र:शटरस्टॉक

यहां जानें किडनी स्वास्थ्य को इम्प्रूव करने के लिए कुछ खास योगासन

1. कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति को करने के लिए बॉडी काफी हीट जेनरेट करती है, जिससे कि वेस्ट मैटर और टॉक्सिंस डिसोल्व हो जाते हैं। वहीं यह ब्लड सर्कुलेशन, डाइजेशन मेटाबॉलिज्म को इंप्रूव करता है और किडनी और लीवर के फंक्शन को भी मजबूत बनाता है।

इस तरह करें कपालभाति

एक मैट के ऊपर अपने पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं, गहरी सांस लें और फिर हल्के झटके के साथ सांस छोड़ें।

अपने हाथ के अंगूठे को नाक की एक ओर रखें और एक तरफ से नाक बंद करें।

वहीं दूसरी ओर से गहरी सांस ले फिर अपनी दूसरी उंगली से दूसरे ओर से नाक को बंद करें और जिस ओर से नाक बंद थी उसे हटायें और सांस छोड़ें।

इस अब दूसरी ओर से भी ठीक ऐसा ही करें। इस प्रक्रिया को लगभग 10 से 15 मिनट तक दोहराएं।

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धनुरासन शरीर के लिए फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक

2. धनुरासन

धनुरासन में पेट, थाइज, थोरेक्स, एंकल, गला और शरीर का ऊपरी भाग इंवॉल्व होता है। इसका अभ्यास ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करता है, साथ ही साथ डाइजेशन, लीवर और किडनी के फंक्शन को बढ़ावा देता है। इतना ही नहीं, यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पोस्चर साबित हो सकता है।

जानें क्या है इसे करने का सही तरीका

जमीन पर योगा मैट बिछाकर पेट के बल लेट जाएं।

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साथ ही अपने धड़ और पैरों को ऊपर उठाएं अपने पैरों को घुटने से मोड़ें और उन्हें पीछे की ओर मोड़ें, और आप अपने हाथ से अपने टखने को छुएं।

एक बार जब आप अपने टखने को पकड़ लें, तो 30-60 सेकंड के लिए इस स्थिति में बनी रहें।

अब जब आपको खिंचाव या दर्द महसूस होने लगे, तो अपने हाथों को एड़ियों से हटा दें और प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।

उचित परिणाम के लिए इसे 10-15 बार दोहराएं।

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किडनी रोग के उपचार के लिए करें इन 4 योगासनों का अभ्यास। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. पश्चिमोत्तासन

पश्चिमोत्तासन का अभ्यास लिवर, किडनी, ओवरी और यूट्रस के फंक्शन को स्टिम्युलेट करता है। इसके साथ ही यह पाचन क्रिया को बढ़ावा देते हुए कब्ज की समस्या में कारगर होता है और पेट और पेल्विक अंग को टोन करता है। इसका अभ्यास महिलाओं में मेंस्ट्रूअल साइकिल को बैलेंस रखता है और ब्रेन को शांत रखते हुए डिप्रेशन, तनाव और थकान जैसी स्थिति में कारगर होता है।

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जानें इसे करने का सही तरीका

दंडासन से शुरुआत करें, अपने पैरों को आगे की ओर फैलाएं और टखनों को एक साथ रखें।

अपने पैरों को सीधा रखते हुए घुटनों पर थोड़ा झुकें। अपनी बाहों को ऊपर की ओर फैलाएं और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।

सांस छोड़ें और अपने पेट को खाली कर लें। अपने ऊपरी शरीर को अपने निचले शरीर पर लाते हुए, कूल्हों पर आगे की ओर झुकें।

अपनी पीठ को सीधा रखते हुए पेट को अपनी जांघों के करीब लाने की कोशिश करें।

अपनी बाहों को सीधा रखें और पैर की उंगलियों को अपनी हाथ की उंगलियों से पकड़ें।

अपने पेट को अपनी जांघों पर रखते हुए अपने घुटनों को अपनी नाक से छूने की कोशिश करें।

कुछ देर तक इसी मुद्रा में बनी रहें फिर सामान्य मुद्रा में वपास आ जाएं।

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इसका नियमित अभ्यास तनाव की स्थिति में भी प्रभावी रूप से कार्य करता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. चक्रासन

चक्रासन आपकी चेस्ट को एक्सपेंड करता है और लंग्स की कैपेसिटी को बढ़ाता है। इसके साथ ही यह लिवर और किडनी के प्रक्रिया को स्टिम्युलेट करता है और ब्लड पुरीफिकेशन और ब्लड सर्कुलेशन को भी एनहांस करता है। साथ ही साथ हाथ और पैर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इसका नियमित अभ्यास तनाव की स्थिति में भी प्रभावी रूप से कार्य करता है।

जानें इसे करने का सही तरीका

इस आसन को करने के लिए आपको सीधे खड़े हो जाना है और अपने दोनों हाथों को फैलाकर शरीर को कमर के पास से पीछे की ओर जितना हो सके उतना झुकाना है। दोनों हाथों को उल्टा पीछे की ओर सतह पर रखना है।

किसी खड़े-खड़े नहीं कर सकती तो सतह पर सीधी लेट जाएं और उसके बाद अपने कमर के हिस्से को धीरे-धीरे कर कर ऊपर उठाएं। अपने शरीर से एक आर्च बनाएं।

इस मुद्रा में सांस लें और फिर सास को छोड़ दें।

अब इस मुद्रा में कुछ देर तक बनी रहें और फिर सामान्य मुद्रा में वापस आ जाएं।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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