तनाव से क्यों घबराना, जब योग में पहले से मौजूद है इसे मैनेज करने वाले आसन
योगासन का अभ्यास न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना गया है। आज इसी विषय पर बात करते हुए हम बताएंगे ऐसे 3 योगासन जो आपकी मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने में मददगार हो सकते हैं।
सोशल मीडिया पर आए दिन योग और फिटनेस का मैसेज देते हुए कोई न कोई वीडियो वायरल होती रहती है। वही शिल्पा शेट्टी से लेकर रकुल प्रित तक कई सेलिब्रेटी ने भी योगा को अपनी फिटनेस का सिक्रेट बताया हैं। अगर आप योगा जर्नल और अध्ययनों पर गौर करेंगे, तो आप देखेंगे योग को कई समस्याओं का रामबाण इलाज माना गया है। यह सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही बल्कि मानसिक स्वास्थ्यय के लिए भी असरदार साबित हुआ है। अगर दूसरे शब्दो में कहा जाए तो स्ट्रेसफुल लाइफ से शांति पाकर मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए योगा एक सर्वश्रेठ माध्यम है। आज इसी विषय को गहनता से समझते हुए हम ऐसे तीन योग पर बात करेंगे। जिन्हें अध्ययनों में मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना गया है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट के साथ मेंटल हेल्थ बूस्ट करने में मदद करेंगे ये योगासन
भ्रामरी प्राणायाम ( Bee breathing)
इस प्राणायाम टेक्नीक का नाम मधुमक्खी के नाम पर रखा गया है। भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत करने में प्रभावी योग है। मन की उत्तेजना और चिंता से मुक्ति पाने के साथ क्रोध से छुटकारा पाने के लिए यह बेहतर व्यायाम है। यह योग नसों को शांत करके मस्तिष्क और माथे के आसपास की जगह को शांत करता है। इसके द्वारा ध्वनि कंपन का मस्तिष्क का साकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
इस तरह करें योगासन का प्रयास
सबसे पहले किसी शांत और खुली जगह आराम से बैठ जाएं। अब अपनी सीधे बैठकर धीरे-धीरे आखें बंद करें। इस दौरान चेहरे पर कोमल मुस्कान बनाए रखें।
इस दौरान कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद रखें। आपको शरीर में सेंसेशन और शांति का आभास होगा।
अब अपनी इंडेक्स फिंगर्स को कानों पर रखें। हमारे गालों और कान के बीच कार्टिलेज होता है। आपको अपनी इंडेक्स फिंगर्स कार्टिलेज पर रखना है।
अब गहरी सांस अंदर लें और जैसे ही सांस छोड़ें, कार्टिलेज पर हल्का का दबाव डालें।
अब मधुमक्खी की तरह तेज भनभनाहट की आवाज करते हुए उंगलियों से अंदर और बाहर की ओर दबाव डाले।
वैसे तो आप धीमी आवाज भी निकाल सकती हैं, लेकिन बेहतर परिणाम के लिए ऊंची आवाज निकालना ही फायदेमंद होगा।
अब फिर से सांस लें, और इसी क्रम को 3-4 बार जारी करें।
सलम्ब सर्वांगासन
सलम्ब सर्वांगासन में आपका शरीर उल्टा रहता है। यह आपकी रीढ़ पर दबाव डालने में मदद करता है। रिसर्चगेट की एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि इस आसान का अभ्यास करने से पीठ दर्द कम होता है। यह पीठ के निचले हिस्से में फ्लेक्सीबिलिटी लाने में मदद करता है। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ की रिसर्च के मुताबिक वह पोस्चर जिसमें एड़ी को उप्पर रखना होता है। आपके पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को शांत करने में मदद करता है।
यह आसन सुबह खाली पेट किया जाए तो ज्यादा असरदार माना जाता है। इस आसन को आप भोजन करने के कुछ घंटे बाद भी ट्राई कर सकती हैं। इस आसान और मेमोरी और ब्रेन पॉवर बढ़ाने के लिए फायदेमंद माना गया है।
कैसे करें अर्ध मत्स्येन्द्रासन
सबसे पहले पैरों को फैलाकर सीधे बैठ जाएं।
इस दौरान आपके दोनों पैर एक साथ होने चाहिए और रीढ़ भी सीधी होनी चाहिए।
अब अपने बाएं पैर को मोड़ें और दाहिनी जांघ के पास रखें। आप चाहें तो अपने बाएं पैर को फैलाकर भी रख सकती हैं।
अगले स्टेप में दाहिने पैर को घुटने के ऊपर ले जाकर बाएं पैर के ऊपर रखें।
गर्दन, कंधे और कमर को दाहिनी ओर मोड़ते हुए दाहिने कंधे की ओर देखें।
साथ ही अपना बायां हाथ दाहिने घुटने पर और दायां हाथ पीछे की ओर रखें।
इस पोस्चर में आपको करीब 30 से 60 सेकेंड तक रुकना है। ।
अब सांस छोड़ते हुए दाएं हाथ को छोड़ें। इसके बाद कमर, छाती और गर्दन को भी पहली स्थिति में लाएं।
अब यही मुद्रा दूसरी तरफ दोहराएं और सांस छोड़ते हुए पहली स्थिति में लौट आएं। ऐसे 5 से 6 बार जरूर करें।