हममें से ज्यादातर लोग डेस्क जॉब में हैं, जहां हमें सारा दिन अपने लैपटॉप के सामने बैठना पड़ता है। कोविड-19 महामारी के बाद हमारे बैठने के समय में बहुत अधिक वृद्धि हो गई है। ऑफिस में किए जाने वाले बहुत सारे काम अब हम घर पर बैठ कर करने लगे हैं। इसका श्रेय हाइब्रिड वर्किंग मॉडल को जाता है। लंबे समय तक लगातार बैठे रहने और नाम मात्र की एक्टिविटी कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। अपने शरीर को फिट रखने के लिए हमें स्टैंडिंग या सिट स्टैंड डेस्क (standing desk benefits ) का प्रयोग करना चाहिए।
क्या आपने कभी किताबों की ढेर पर अपने लैपटॉप को रखकर उसे एडजस्ट करने या अपनी कुर्सी को ऊपर और नीचे ले जाने की कोशिश की है, ताकि आप अपने डेस्क के साथ सही एंगल प्राप्त कर सकें। यह लेवलिंग तब आसान हो जाती है जब आप अपनी डेस्क को भी ऊपर उठा सकती हैं।
स्टैंडिंग डेस्क मूल रूप से ऐसे डेस्क होते हैं, जिन्हें कुर्सी पर बैठने के लिए पर्याप्त रूप से नीचे किया जा सकता है और ऊंचाई पर समायोजित किया जा सकता है ताकि आप खड़े होकर भी काम कर सकें।
अब, आप सोच रही होंगी कि खड़े होकर काम करने से आपको क्या फायदा मिलेगा? काम के दौरान बैठने की बजाय खड़े होकर काम करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
जर्नल ऑफ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि बैठने के दौरान हम 80 कैलोरी / घंटा जलाते हैं। इतनी ही कैलोरी टाइप करने या टीवी देखने पर खर्च होती है। दूसरी ओर खड़े होने पर लगभग 88 कैलोरी / घंटा बर्न हो पाती है। चलने से 210 कैलोरी / घंटा बर्न होती है। हालांकि चलने से सबसे अधिक कैलोरी बर्न होती है।
वास्तव में काम करते वक्त हम चल नहीं सकते हैं, तो कुछ देर खड़े होकर काम करने के विकल्प को अपनाया जा सकता है।
सभी डेस्क वर्कर्स में एक परेशानी आम होती है। वह है कंधे और पीठ दर्द। हम दिन भर लैपटॉप के सामने झुककर बैठते हैं और यह सिटिंग पोजीशन पीठ दर्द का कारण बनता है। 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, स्टैंडिंग डेस्क के केवल कुछ हफ्तों के उपयोग के बाद लोगों ने अपनी पीठ के निचले हिस्से में दर्द में 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की। गलत मुद्रा ही दर्द का कारण बनती है। हम सीधे खड़े हो जाते हैं और वह समस्या अपने-आप खत्म हो जाती है।
खाना खाने के बाद आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चला है कि जो एम्प्लॉयी लंच के बाद खड़े होकर काम करते हैं, उनका ब्लड शुगर लेवल बैठकर काम करने वालों की तुलना में बहुत जल्दी सामान्य हो जाता है। भोजन के बाद बैठकर काम करने से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए चलने या खड़े होने की सलाह दी जाती है।
चूंकि बैठकर काम करने से मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, कैंसर (विशेषकर कोलन या स्तन कैंसर) और समय से पहले मौत का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए स्टैंडिंग डेस्क को अपनाया जा सकता है। इससे इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
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