शरीर को तंदुरुस्त और गठीला रखने के लिए हम अपनी डाइट का पूरा ख्याल रखते हैं। खानपान के अलावा व्यायाम भी हमारी बॉडी को टोन रखने के लिए बेहद ज़रूरी है। उम्र से पहले शरीर पर नज़र आने वाले एजिंग साइन्स को दूर करने के लिए इन योगासनों का अभ्यास आवश्यक है। अगर आप भी किसी ऐसी योग मुद्रा की तलाश कर रही हैं, जिससे आपके बॉडी पोस्चर में बदलाव आने लगे, तो इन योग मुद्राओं को अपनी दिनचर्या का हिस्सा ज़रूर बनाएं (Anti ageing yoga poses)।
योग एक्सपर्ट सुमन सोनेजा का कहना है कि योग हमें आध्यात्म की यात्रा पर लेकर चलता है। इससे मनुष्य के मन में स्थिरता आने लगती है। इसके निरंतर प्रयास से हम अपने मन में उठने वाले भावों को एकत्रित करने में सक्षम हो पाते हैं। इसका असर हमारी सेहत पर भी दिखने लगता है। तनाव मुक्त होने से हम हाइपरटेंशन और हार्ट संबधी समस्याओं से बचे रहते हैं। साथ ही देर तक कुर्सी पर बैठने के चलते शरीर में होने वाली ऐंठन से भी बचा जा सकता है। योग करने से शरीर में महसूस होने वाली स्टिफनेस दूर होने लगती है। योग हमारे तन और मन दोनों को व्यवस्थित करने के लिए आवश्यक है। दिनभर में कुछ मिनटों का योग आपको कई समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है और दिनभर स्वस्थ रखने में मददगार है।
हर साल मनाए जाने वाले वाले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर जगह जगह योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 21 जून को आयोजित होने वाले योग दिवस के मौके पर योग क्रियाओं की जानकारी दी जाती है। साथ ही लोगों को योग के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है।
इस योग को करने से आपकी अपर बॉडी से लेकर लोअर बॉडी तक पूरी तरह से टोन हो जाती है। इसे नियमित तौर पर करने से टांगों की मांस पेशियों में होने वाली दर्द और ऐंठन दूर होती है। साथ ही पेट पर जमा चर्बी खुद ब खुद बर्न हो जाती है। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है।
इसे करने के लिए मैट पर सीधा बैठ जाएं। उसके बाद दोनों टांगों को त्रिकोण आकार में खोल लें। ध्यान रखें की घुटने मुड़े न हों।
टांगों को पूरी तरह से ज़मीन से चिपका लें। अब दोनों बाजूओं को आगे की ओर खींचें और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जकड़ लें।
दोनों हाथों को चक्की के समान एक पैर के अंगूठे को छूते हुए पीछे की ओर आएं, फिर आगे बढ़ जाएं। इस योग को करने के दौरान शरीर में खिंचाव का अनुभव होता है और पूरी बॉडी एनर्जी बढ़ने लगती है।
इसे करने से शरीर के कोर मसल्स मज़बूत बनते हैं। कोर मसल्स में खिंचाव आने से बैली फैट कम होने लगता है। इसे करने से कलाई की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है। इसे रोज़ाना करने से बॉडी का पोस्चर सुधरने लगता है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी में मज़बूती आती है।
इसे करने के लिए मैट पर पेट के बल लेट जाए। अब अपने दोनों हाथों को छाती के नज़दीक लेकर आएं। अब अपने वज़न को हाथों पर डालें।
हाथों के सहारे उपर उठने का प्रयास करे। पीछे से पैरों को उपर उठाएं और उंगलियों को ज़मीन पर लगा दें।
अब आपके शरीर का पूरा वज़न हाथों और पैरों की उंगलियों पर टिका हुआ है। शरीर को तब तक इस मुद्रा में बनाए रखें जब तक आप समर्थ हो। उसके बाद धीरे धीरे दोनों हाथों को ज़मीन पर रखें और मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
देर तक बैठे बैठे पैरों में आने वाले सुन्नपन और कमर होने वाले दर्द के लिए ये योग बेहद कारगर है। इस योग को दिन में कुछ मिनट करने से आप उम्र से पहले होने वाली दर्द की समस्या से मुक्ति पा सकते है। इसे नियमित तौर पर करने से पूरे शरीर की मांसपशियां रिलैक्स हो जाती है और तनाव से भी मुक्ति मिल जाती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंइसे करने के सबसे पहले मैट पर बैठें। अब दोनों टांगों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं और घुटनों को एकदम सीधा रखें।
अब दाहिनी टांग को अंदर की ओर मोड़ें और उसे बाहिनी थाई को टच करें। इसके बाद बाहिनी टांग को सीधा ही रहने दें और पंजा भी खींचकर रखें।
इसके बाद अब दोनों बाजूओं को सीधा कर लें और दोनों हथेलियों से बाहिने पंजे को पकड़ें। वहीं सिर को घुटने और धड़ को थाइ से छूएं।
इस योग को करने के दौरान गहरी सांस लें और धीरे धीरे छोड़ें।
इसे रोज़ाना करने से सांस फूलने और टांगों में आने वाली स्टिफनेस को दूर किया जा सकता है।
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