हर एक प्रकार का योगासन अपनी जगह बेहद खास होता है। अलग अलग योगासन के अपने अलग अलग फायदे होते हैं। योग समग्र शरीर, मस्तिष्क और भावनात्मक स्वास्थ्य को फायदे प्रदान करता है। इन्हीं प्रभावी योगासनों में से एक है “वक्रासन” (Vakrasana benefits)। यदि आप अपनी फुल बॉडी के लिए किसी खस योगासन की तलाश में हैं, तो वक्रासन का अभ्यास करें। यह एक बेहद आसान और प्रभावी योग है, जिसे आप आसानी से अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। सर्टिफाइड योग इंस्ट्रक्टर ललिता तिवारी ने वक्रासन के कुछ महत्वपूर्ण फायदे बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, इसके क्या फायदे हैं।
वक्रासन, या हाफ-स्पाइनल ट्विस्ट, संस्कृत के शब्द ‘वक्र’, जिसका अर्थ है ‘मुड़ा हुआ’ और ‘आसन’, जिसका अर्थ है ‘पोस्चर’ से लिया गया है। यह सबसे जटिल और लचीला व्यायाम है, जिसमें आपकी रीढ़ को मोड़ना पड़ता है। हालांकि, इस योग मुद्रा को ट्विस्टेड पोज भी कहा जाता है, क्योंकि यह आपको अपनी रीढ़ को मजबूती देने और अपने पेट के क्षेत्रों की ठीक से मालिश करने की अनुमति देता है।
जब आप बैठे हुए स्थिति में हाफ स्पाइनल ट्विस्ट आसन करती हैं, तो आपको अपने धड़ को दोनों तरफ मोड़ना होता है। यह अग्न्याशय को उत्तेजित करता है और आपके शरीर में डाइजेस्टिव जूस के प्रवाह में मदद करता है, जो बदले में, पाचन प्रक्रिया को आसान बना देते हैं।
वक्रासन आपको सीधे बैठने और व्यायाम करने की अनुमति देता है। यह बदले में, आपके शरीर को रीढ़ की हड्डी के क्षेत्र में ब्लूड फ्लो को बढ़ावा देता है। हालांकि, इस ब्लड को वापस फेफड़ों और हृदय में प्यूरीफिकेशन के लिए भेजा जाता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है।
इन आसनों के दौरान अपने शरीर को मोड़ना और घुमाना पीठ, गर्दन और सिर के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। हालांकि, जैसे-जैसे आप इस व्यायाम को रोज़ाना करेंगे, आपको समय के साथ एक महत्वपूर्ण बदलाव नज़र आएगा।
यह योगआसन पेट के निचले हिस्सों और पैनक्रियाज सहित अन्य अंगों की प्रभावी मालिश करता है। ऐसे में आपका अग्न्याशय यानी की पैनक्रिया अधिक इंसुलिन रिलीज करती है, जो आपके शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रहने और डायबिटीज के मरीजों में कॉम्प्लिकेशन के खतरे को कम कर देती है।
शरीर को मोड़ने से, पोषक तत्व, ऑक्सीजन और ब्लड यूरिनरी ऑर्गन्स में प्रवाहित हो सकते हैं, जिससे यूरिनरी सिस्टम अच्छी तरह से काम करती है। यह बेहतर रक्त परिसंचरण गुर्दे और मूत्राशय के उचित कार्य का समर्थन करता है।
वक्रासन गहरी सांस लेने और आराम करने के द्वारा तनाव और चिंता के स्तर को कम करने में मदद करता है। इस आसन को ध्यान के एक रूप के तौर पर भी जाना जाता है, जो तंत्रिका तंत्र को आराम पहुंचाते हैं, जिससे शांति की भावना पैदा होती है।
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वक्रासन में पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ने और खींचने से पूरे शरीर में ब्लूड फ्लो अच्छा होता है। इसलिए, शरीर के सभी अंगों को सामान्य कामकाज के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करें1. चटाई पर बैठें, अपने पैरों को पूरी तरह आगे की ओर फैलाएं, अपने पंजों को एक साथ रखें ताकि वे ऊपर की ओर रहें, और अपने हाथों को शरीर के बगल में रखें, अपनी हथेलियों को चटाई पर टिकाएं।
2. अपनी पीठ को अपनी गर्दन और सिर के साथ सीधा रखें, ठोड़ी को अंदर की ओर रखें और ज़मीन के साथ संरेखित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
3. अपने दोनों हाथों को अपने कंधे के स्तर तक उठाने के लिए आगे की ओर खींचें, अपनी हथेलियों को नीचे की ओर रखें, उनके बीच ‘कंधे की चौड़ाई’ की दूरी बनाए रखें। सामान्य रूप से सांस लें।
4. रीढ़ को मोड़ते हुए अपने हाथों को धीरे-धीरे अपने दाईं ओर घुमाएं।
5. गर्दन, हाथ और कंधों को एक साथ हिलाएं। इस दौरान अपनी नज़र को दाहिने अंगूठे पर टिकाएं।
6. अपने हाथों को एक दूसरे के समानांतर संरेखित करें और अपने पैरों को सीधा रखें।
7. सहज गति सुनिश्चित करें और घुमाते समय पीछे की ओर झुकने की कोशिश न करें।
8. 3 सेकंड के भीतर सांस लें, फिर प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाएं, सांस छोड़ें और नज़र को बाएं अंगूठे पर ले जाएं।
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