मोटापा कम करने के लिए लो फैट डाइट लें या लो कार्ब डाइट? आइए जानते हैं

वजन घटाने (weight loss) के लिए बेहतर क्या है- लो फैट डाइट लेना या लो कार्ब डाइट? यह सवाल फिटनेस जगत में हलचल मचा रहा है। लेकिन हम लाएं हैं इसका जवाब।
sahi diet apki shape me bhi rakhti hai
एजिंग के प्रभावों को खत्म तो नहीं किया जा सकता है। कुछ उपाय आजमाकर इन्हें कुछ समय के लिए दूर किया जा सकता है। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 16 Jan 2022, 13:00 pm IST
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आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मोटापा (obesity) एक बड़ी समस्या है। भारत ही नहीं दुनियाभर में बढ़ता मोटापा लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैै। ऐसे में जो लोग मोटापे से परेशान है, वे इससे निजात पाने के लिए कई तरह के जतन करते हैं। कभी लो फैट तो कभी लो कार्ब डाइट का सहारा लेते हैं। बावजूद मोटापा कम होने का नाम नहीं लेता है। कुछ लोग मोटापे से इस तरह परेशान हो जाते हैं कि कई बार वे कम कैलोरी, कम कार्बोहाइड्रेट, कम माइक्रो न्यूट्रिएंट और कम वसायुक्त आहार लेने का जोखिम उठा लेते हैं। जबकि मोटापा कम करने के लिए शरीर की अतिरिक्त चर्बी या वसा को बर्न करना होता है। तो आइए जानते हैं मोटापा कम करने के लिए कैसा आहार बेहतर होता है।

क्या होता है लो फैट और लो कार्ब डाइट? (Understanding low-fat and low-carb diet)

आहार विशेषज्ञों के मुताबिक, हम रोजाना जो आहार लेते हैं, उसी से शरीर को ऊर्जा के रूप में कैलोरी मिलती है। इसी कैलोरी का उपयोग दैनिक कामों जैसे चलने, दौड़ने या दूसरी गतिविधियों में करते हैं। कैलोरी अर्जित करने के लिए प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार प्रमुख स्त्रोत है। अगर, कम कैलोरी युक्त आहार लेते हैं, रोजाना खपत होने वाली कैलोरी की आपूर्ति नहीं हो पाती है। ऐसे में वसा को हमारा शरीर कैलोरी की जगह इस्तेमाल करता है। वसा की खपत के कारण शरीर का मोटापा कम होने लगता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापा कम करने के लिए कम कैलोरी आहार हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

Jaldi weight loss ke liye is diet ka paalan karen.
जल्दी वजन कम करने के लिए इस डाइट का पालन करें। चित्र : शटरस्टॉक

1. एक ग्राम कार्बोहाइड्रेट में 4 कैलोरी होती है।
2. जबकि एक ग्राम वसा में 9 कैलोरी होती है।

इससे आप कार्बोहाइड्रेट और वसा से प्राप्त होने वाली कैलोरी का अंतर समझ सकते हैं। वहीं, माइक्रो न्यूट्रीएंट से प्राप्त होने वाली कैलोरी का भार बिल्कुल अलग होता है। ऐसे में कम वसा वाला आहार करने से कैलोरी की पूर्ति करना काफी मुश्किल हो जाता है।

वसा और कम वसायुक्त आहार के फायदे (Benefits of fat and low-fat diet)

वसायुक्त आहार से शरीर में 20 से 35 कैलोरी की पूर्ति हो रही है तो इसे संतुलित वसायुक्त आहार की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं, यदि आप कम वसायुक्त भोजन करते हैं, इसका मतलब है कि इससे शरीर में 10 से 15 प्रतिशत कैलोरी की पूर्ति होती है। गौरतलब है कि एक ग्राम वसा में 9 कैलोरी होती है। ऐसे में स्पष्ट है कि कम वसायुक्त आहार, मोटापा कम करने में सहायक है।

लेकिन, वसा में कई प्रकार के माइक्रो न्यूट्रीएंट होते हैं जैसे- ओमेगा-3 व ओमेगा-6। जो फैटी एसिड से होने वाली सूजन को कम करते हैं। इसके अलावा वसा आंखों और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। यह तत्व वसा में घुलनशील विटामिन जैसे ए, ई, डी और के को अवशोषित करने में मदद करते हैं। ऐसे में कम वसायुक्त आहार करने की स्थिति में इन माइक्रो न्यूट्रीएंट की पूर्ति से समझौता करना पड़ता है।

कम वसायुक्त आहार लेते वक्त किन बातों का ध्यान रखें (Getting started with a low-fat diet)

जैसा की आप जानते हैं कि वसा शरीर के स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण होता है। वहीं, फैटी एसिड का हमारा शरीर उत्पन्न नहीं कर सकता है, जिसकी पूर्ति बाहरी स्त्रोतों से की जाती है। ऐसे में कम वसायुक्त आहार लेते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शरीर में फैटी एसिड की पर्याप्त पूर्ति होती रहे। फैट को कम करने के लिए आप तेल, घी, मक्खन आदि प्रति दिन दो चम्मच तक कम कर सकते हैं।

Carbs ko seemit matraa mein lena sahi rahega
कार्ब्स को सीमित मात्रा में लेना सही रहेगा । चित्र: शटरस्‍टॉक

इसके अलावा प्रोसेस्ड फूड के सेवन से बचना चाहिए। दरअसल, इसमें ट्रांस वसा अधिक मात्रा में होते है, जो कि कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं और धमनियों की आंतरिक परत में जमा हो जाते हैं। इसके अलावा वसा के अन्य स्त्रोतों में नट्स, दूध, पनीर है। जिसके सेवन से बचना चाहिए। मांसाहारी लोगों के लिए सैल्मन, मैकरल ओमेगा-3 और फैटी एसिड की पूर्ति के लिए अच्छा विकल्प है। शाकाहारी लोगों के लिए इन तत्वों की पूर्ती के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का उपयोग करना चाहिए।

कार्बोहाइड्रेट और कम कार्ब आहार के फायदे (Benefits of carbohydrates and a low-carb diet)

कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार हमारे शरीर में कैलोरी पूर्ति का एक प्रमुख स्त्रोत है। शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहीत करता है। जो मांसपेशियों और लीवर में जमा होता है। बाद में यह कैलोरी के रूप में उपयोग किया जाता है। शरीर ग्लुकोज का उपयोग उर्जा के रूप में करता है, जबकि प्रोटीन का उपयोग मांसपेशियों के निर्माण में होता है।

एक संतुलित आहार में कार्बोहाइड्रेट आपके भोजन के 45-65 प्रतिशत हिस्से के बीच रहना चाहिए। कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार का मतलब है कि आपके भोजन में कार्बोहाइड्रेट का हिस्सा 45 प्रतिशत से कम या 10-25 प्रतिशत हो। आमतौर पर कम कार्ब वाला भोजन इसलिए भी पसंद किया जाता है कि वजन कम करने का भ्रम पैदा करता है। कम कार्ब आहार खाने से शरीर में कम ग्लाइकोजन जमा होता है। जिससे वजन कम होने का भ्रम पैदा होता है।

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Weight loss karna hai toh sahi diet ka paalan kare
वजन घटाना है तो सही डाइट का सेवन करें। चित्र:शटरस्टॉक

सही लो-कार्ब डाइट का चयन कैसे करें (How to choose the right low-carb diet)

कम कार्ब भोजन के सेवन से मांसपेशियां कमजोर और शरीर दुबला हो जाता है। दरअसल, कार्बोहाइड्रेट के कम सेवन के कारण शरीर में कैलोरी की पूर्ति करने के लिए प्रोटीन का उपयोग शुरू कर देता है। जिससे मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में कम कार्ब भोजन में सही डाइट चुनना बेहद जरूरी है। इसके लिए साबुत फलियां, बीन्स, स्प्राउट्स और हरी सब्जियों का सेवन किया सकता है। इनमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर तत्व होते हैं। यह विटामिन और खनिजों के भी अच्छे स्त्रोत होते हैं।

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