हमारे बुजुर्ग कहा करते थे, कि भूख रखकर खाना चाहिए। यानी जितनी भूख है, उससे कम खाएं। वे इसे आलस्य से बचाने का मूलमंत्र मानते थे। इसी से मिलता जुलता है वजन नियंत्रित रखने का एक जापानी फॉर्मूला भी है । जिसका नाम है हारा हाची बू। आइए जानते हैं क्या है यह और यह कैसे वजन कंट्रोल करने में मददगार हो सकता है।
आप अरसे से वजन कंट्रोल करने की कोशिश कर रहीं हैं। टफ कार्डियो वर्कआउट और डाइट फॉलो करने के बावजूद आप हेल्दी वेट मेंटेन नहीं कर पाती हैं। वर्कआउट से जो वजन घटता है, वह भी एक्सरसाइज छोड़ने के बाद दोहरी रफ्तार से बढ़ने लगता है। तो आखिर समस्या कहां है?
असल में, समस्या है आपके खाने के तरीके में। जी हां, डायटीशियन भी मानते हैं कि आपके खानपान की आदतें न सिर्फ आपके वजन पर असर डालती हैं, बल्कि यह आपको कई तरह की बीमारियों के जोखिम में भी डाल देती हैं।
खाने-पीने की गलत आदतें सबसे पहले आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। उसके बाद इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर भी महसूस होने लगता है।
अगर परंपरागत तौर पर देखा जाए तो हमेशा से यह कहा जाता रहा है कि आपको मौसमी फल-सब्जियां, लोकल अनाज और दालें एवं ताजा पका हुआ भोजन ही करना चाहिए। आयुर्वेद में भी इसी तरह के आहार को स्वस्थ आहार माना गया है। पर इसके साथ ही आप कितना और कैसे खाते हैं, यह भी बहुत महत्वपूर्ण है।
यह जापान में प्रचलित वेट लॉस डाइट फॉर्मूला है। इससे न सिर्फ वजन कंट्रोल रहता है, बल्कि आपकी उम्र भी लंबी होती है। हारा हाची बू का अर्थ है जब आपका पेट 80% भर जाए तभी आपको खाना बंद कर देना चाहिए।
असल में वर्ष 2005 में नेशनल ज्योग्राफिक पत्रिका में छपे एक आलेख में जापान (Japan) के ऑकिनावा (Okinawa) के रहवासियों को विश्व में सर्वाधिक लंबी और हेल्दी लाइफ जीने के कारण रेखांकित किया गया। यहां पुरुष औसतन 84 वर्ष तक और महिलाएं 90 वर्ष तक जीवित रहती हैं। इनमें कार्डियोवस्कुलर डिजीज और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का प्रतिशत भी बहुत कम देखा गया।
तो इसके पीछे जो वजह निकल कर आई, वह थी हारा हाची बू। यानी यह इनका नियम है कि ये अपने पेट को केवल 80% ही भरते हैं। यह फॉर्मूला पूरे जापान में फेमस है और अब दुनिया भर के अन्य देश भी बीमारियों से बचने और वेट लॉस के लिए इस फॉर्मूले को अपना रहे हैं।
हारा हाची बू 80% पेट भरने के अलावा और भी कुछ नियमों से मिलकर बना है, जिसे वेट लॉस और हेल्दी लाइफस्टाल के लिए फॉलो किया जा सकता है :
हारा हाची बू का एक खास नियम यह भी है कि आपको खाने के लिए बड़ी-बड़ी थालियों और बाउल की बजाए, छोटे बर्तनों का इस्तेमाल करना है। इससे आपकी खाना लेने की मात्रा सीमित होती है। हालांकि यह विकल्प मौजूद रहता है कि आप अपनी भूख के अनुसार और भोजन परोस सकते हैं, पर तब भी आप को यह अहसास हो जाता है कि आप अपने लिए दोबारा खाना ले रहे हैं।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंजब आप खाना खा रहे हों तो यह जरूरी है कि आप केवल खाने पर ही फोकस करें। यानी आप जो खा रहे हैं उस पर आपका ध्यान होना चाहिए। इसके पीछे सिद्धांत यह है कि जब आप खाने पर फोकस करते हैं, तो उसके प्रति ज्यादा जागरुक हो जाते हैं और यह आपको पेट भरने के साथ ही ज्यादा पोषण भी देता है।
जब आप छोटे बर्तनों और छोटे निवाले लेती हैं तो इससे आप अपनी डाइट के प्रति ज्यादा जागरुक हो जाती हैं।चित्र: शटरस्टॉक
छोटे बर्तनों के इस्तेमाल के साथ ही यहां छोटे-छोटे निवाले लेने के लिए कहा जाता है। आप छोटे निवाले लें और उन्हें चबा-चबा कर खाएं। खाने के नियमों में सख्ती बरतते हुए जापान के कुछ रेस्तरां में मोबाइल फोन ले जाने पर ही पाबंदी है। ताकि आप अपना पूरा ध्यान खाने पर ही फोकस कर सकें।
तो आप भी अपने डायनिंग एरिया से गैजेट, टीवी स्क्रीन और मोबाइल को आउट कर सकती हैं, अगर आप वजन कंट्रोल करने की कोशिश कर रहीं हैं।
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इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप संतुष्टि से भोजन करते हैं, जिससे भोजन और पोषण दोनों पर आपकी जागरुकता बढ़ती है।
यह वजन घटाने में कामयाब साबित हुआ है। ओकिनावा क्षेत्र के लोग दिन भर में सिर्फ 1800 से 1900 कैलोरी ही ग्रहण करते हैं, जिससे उनका वजन नियंत्रित रहता है।
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इससे आप मोटापे के साथ ही पाचन संबंधी परेशानियों जैसे – अपच, कब्ज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं, एसिड रिफ्लक्स और मेटाबोलिक डिसऑर्डर से भी बचती है। लंबी अवधि तक इन समस्यायों से बचे रहने का अर्थ है कि आप कार्डियोवेस्कुलर डिजीज, कैंसर और उम्र संबंधी अन्य बीमारियों से भी बची रहती हैं।