एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जितना जरूरी अच्छा भोजन होता है फिजिकल एक्टिविटी भी उतनी ही जरूरी होती है। रनिंग एक बेहतरीन एक्सरसाइज मानी जाती है। अगर आप जिम नहीं जा रहे हैं या वर्कआउट नहीं करते तो आप अपने रूटीन में रनिंग शामिल कर सकते हैं। अगर आप हर दिन कम से कम 15-20 भी रनिंग करते हैं तो शरीर में मौजूद एक्स्ट्रा कैलोरी और चर्बी बर्न हो जाती है। वजन कम करने में भी रनिंग बेहद फायदेमंद होती है। लेकिन, रनिंग के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है।
कुछ लोग रनिंग के दौरान कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे घुटने, कमर या फिर पैरों से संबंधित इंजरी हो सकती है। मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन की समस्या हो सकती है और इससे भी ज्यादा हड्डियां फ्रैक्चर हो सकता है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन के शिकार भी हो सकते हैं। अगर आप भी रनिंग पर जाते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। चलिए जानते हैं कि रनिंग को लेकर एक्सपर्ट्स का क्या कहना है।
डॉ. योगेश कुमार, डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक्स, जॉइंट रिप्लेसमेंट एंड स्पोर्ट्स इंजरी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली कहते हैं- ‘दौड़ना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसे शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, सही जूते पहनें जो पैरों को सपोर्ट दें और चोट से बचाएं। हल्का वार्म-अप करें ताकि मांसपेशियां तैयार हो जाएं और खिंचाव न आए। शुरुआत में धीरे-धीरे दौड़ें और समय के साथ गति बढ़ाएं। शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी है, इसलिए दौड़ने से पहले और बाद में पानी पिएं। सही डायट लें, जिसमें हल्का और पौष्टिक खाना हो, ताकि शरीर को एनर्जी मिले।’
डॉक्टर योगेश आगे कहते हैं- ‘अगर कोई पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें। दौड़ने के कई फायदे हैं जैसे, यह दिल को मजबूत करता है, वजन घटाने में मदद करता है, तनाव कम करता है और इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को भी मजबूत करता है। रोज़ाना दौड़ने से नींद बेहतर होती है और मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
दौड़ने के बाद स्ट्रेचिंग करें ताकि शरीर में लचीलापन बना रहे और चोट से बचाव हो। अगर दौड़ते समय सांस फूलने लगे या असहज महसूस हो, तो तुरंत रुकें और आराम करें। सही तरीके से दौड़ना आपकी सेहत को बेहतरीन बना सकता है।’
अगर आप रनिंग पर जाते हैं तो पैरों के कंफर्ट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। वॉकिंग या रनिंग के लिए फ्लैट सरफेस वाले जूते ना लें। इसके लिए आप ऐसे जूते खरीदें, जिसमें बीच में रॉक हो। यानी जूते का अगला और पिछला हिस्सा जमीन को ना छूता हो। इसके अलावा जूतों का फोम भी जरूर चेक करें। जूते का सोल मोटा हो और इसके टो बॉक्स में भी फोम होना जरूरी है। इससे ज्वॉइंट्स के ऊपर दवाब ज्यादा नहीं पड़ता और किसी भी तरह की इंजरी का खतरा कम हो जाता है। खासतौर पर एड़ियों से संबंधित समस्या के चांस कम हो जाते हैं।
रनिंग के लिए जा रहे हैं तो अचानक दौड़ना शुरू ना कर दें। सबसे पहले वॉर्म अप करें और जॉगिंग से शुरुआत करें। इससे शरीर की ताकत बढ़ती है और शरीर रनिंग के लिए तैयार होता है। जॉगिंग से शुरुआत करें और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाएं। वॉर्म अप में आप स्ट्रेचिंग कर सकते हैं, जिससे मसल्स एक्टिव होती हैं। इससे किसी भी तरह की इंजरी का खतरा कम हो जाता है।
रनिंग के दौरान बीच-बीच में गति को कम कर दें और वॉक करें। इससे जोड़ों पर ज्यादा स्ट्रेस नहीं पड़ता। रनिंग के दौरान वॉक करने से घुटनों और जोड़ों की ताकत भी बढ़ती है। इसलिए लगातार रनिंग करने से बेहतर है कि बीच-बीच में वॉक भी करते रहें। इससे आपको कम्फर्टेबल भी महसूस होगा।
रनिंग के दौरान शरीर से काफी पसीना निकलता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है और और आप डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकते हैं। इसलिए बाहर का मौसम चाहे ठंडा हो या गर्म हो, दौड़ने से पहले पानी जरूर पी लें। लेकिन, बीच-बीच में या दौड़ने के तुरंत बाद पानी ना पीएं। दौड़ने के बाद कुछ समय के लिए आराम कर लें, इसके बाद ही पानी पीएं। इससे आप हाइड्रेट रहेंगे और रनिंग के दौरान कमजोरी महसूस नहीं होगी।
कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि रनिंग के लिए ज्यादा अच्छा समय क्या है, सुबह या रात। अगर आपके मन में भी ये सवाल है तो आपके लिए ये जानना जरूरी है कि रनिंग के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का समय होता है। रात भर सोने के बाद सुबह शरीर एनर्जेटिक रहता है, जिसके चलते सुबह रनिंग ज्यादा बेहतर है। लेकिन, अगर आपके पास सुबह समय की कमी है तो आप रात में या शाम को भी रनिंग पर जा सकते हैं।
दौड़ते समय अपने शरीर के पॉस्चर का भी ध्यान रखें। दौड़ते समय अपने शरीर को सीधा रखें और कंधों को आराम से नीचे रखें। अपने सिर को भी सीधा रखें और आगे की ओर ना झुकाएं।
दौड़ते समय अपने मुंह को बंद रखें और नाक से ही सांस लें और छोड़ें। मुंह खुला रखने से गला सूखता है और ज्यादा थकान महसूस होती है।
दौड़ने के फायदों के बारे में आपने अपने डॉक्टर से लेकर बड़े-बुजुर्गों से भी सुना होगा। यह दिल, हड्डी और मांसपेशियों की सेहत को बेहतर होती है। दौड़ने से मानसिक तनाव भी कम होता है। तो चलिए जानते हैं रनिंग के कुछ फायदों के बारे में।
रोजाना रनिंग से कैलोरी बर्न होती है और मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। अगर आप भी अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं तो अपने रूटीन में रनिंग को जरूर शामिल करें।
दौड़ने से हड्डियों और मांसपेशियों की सेहत में भी सुधार होता है। रनिंग से जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों पर हल्का दवाब पड़ता है, जिससे इनकी ताकत बढ़ती है।
रनिंग से शरीर अंदर से डिटॉक्स होती है। जिस तरह नहाने से शरीर का बाहरी हिस्सा साफ होता है उसी तरह रनिंग से शरीर का भीतरी हिस्से की सफाई होती है। जिससे बालों और स्किन की सेहत में सुधार होता है। रनिंग से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है और ये आपके बालों और स्किन को फायदा पहुंचाता है।
दिन पर दिन डायबिटीज और ब्लड प्रेशर समस्या तेजी से बढ़ रही है। रनिंग के जरिए इन बीमारियों को दूर किया जा सकता है। प्रतिदिन रनिंग से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है। वहीं हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को डॉक्टर अक्सर हाई इंटेंसिटी वाली वर्कआउट से दूर रहने की सलाह देते हैं। ऐसे में मॉडरेट रनिंग हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ब्लड प्रेशर को टैकल करने का सबसे उपयुक्त तरीका है।
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